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के शहरों संत मेरी:
संत मेरी
संत मेरी-नामदेव
इटैलिक टेक्स्ट नामदेव भारत के प्रसिद्ध संत थे। इनके समय में नाथ और महानुभाव पंथों का महाराष्ट्र में प्रचार था। भक्त नामदेव महाराज का जन्म २६ अकटुबर १२७०
संत मेरी-आलवार सन्त
एवं सन्त थे। इनका काल ६ठी से ९वीं शताब्दी के बीच रहा। उनके पदों का संग्रह "दिव्य प्रबन्ध" कहलाता है जो 'वेदों' के तुल्य माना जाता है। आलवार सन्त भक्ति
संत मेरी-गंगा दास
गंगा दास (१८२३- १९१३) अपने समय के प्रसिद्ध सन्त थे। उनके शिष्यों की संख्या भी काफी थी। भारत के सभी धार्मिक स्थलों की यात्रा करके वे अन्त में गढ़मुक्तेश्वर
संत मेरी-बादाखोस बड़ा गिरजाघर
ऐक्स्त्रेमादुरा, पक्ष्मी स्पेन में स्थित एक बड़ा गिरजाघर है। 1994 से यह मेरिदा के संत मेरी मेखोर बड़े गिरजाघर के साथ साँझा गिरजाघर है। 1230 में लेओन के राजा अलफोंसो
संत मेरी-कबीर
कबीरदास या कबीर या कविर्देव ,कबीर साहेब 15वीं सदी के भारतीय रहस्यवादी कवि और संतों के भगवान थे लेकिन वास्तव में वे पूर्ण परमात्मा हैं, जो न कभी मां के गर्भ
संत मेरी-परहित
है पर अब मेरी परोपकारियों में प्रशंसा होगी! आज तक मेरी गिनती (षडरिपु=मानव के छह विकार,काम, क्रोध,लोभ,मद, मोह एवं मत्सर)में रही,संत समाज मेरी निंदा करते
संत मेरी-गाडगे बाबा
साँचा:फिर से लिखें साँचा:विकिडाटा इन्फोबॉक्स "'संत गाडगे बाबा'" (जन्म: शेंडगाँव ता-दरियापुर जिला-अमरावती 23 फरवरी 1876; मृत्यु - 20 दिसंबर 1956 वलगाँव
संत मेरी-कैथोलिक कलीसिया
बहुत ही पूजनीय संत माना जाता है। कैथोलिक स्त्रियों में "मेरी", "मारिया" और "मरियम" जैसे नाम आम हैं और कैथोलिक विद्यालयों में "सेंट मेरी" जैसे नाम भी अक्सर
संत मेरी-सांता मारिया देल नारांको
यह शहर के आस-पास बनाई गई शाही इमारतों में से एक थी। 12वीं सदी में इसको संत मेरी की याद में एक गिरजाघर में तब्दील कर दिया गया। स्पेन के संस्कृति मंत्रालय
संत मेरी-पुराना बड़ा गिरजाघर, सालामानका
15वीं सदी के इतालवी चित्रकार देलो देली द्वारा बनाए गए हैं। इनमें ईसा और संत मेरी के जीवन का वर्णन किया गया है। BRASAS EGIDO, José Carlos: "Catedral de Salamanca"
संत मेरी-मैरी १ (स्कॉटलैंड की रानी)
सजाया गया रखता था। उनके कक्ष में उनका राजसी कपड़ा जिसपर फ्राँसीसी में मेरे अंत में मेरी शुरुआत है गुथा रहता था भी हमेशा सुसज्जित रहता था। उनके नौकर उनकी देखभाल
संत मेरी-धरमदास
आदेश नहीं है। आप मेरे साथ मेरे गुरुदेव के पास चलो मैं आपको उनसे उपदेश दिला दूंगा। जिन्दा रूपी परमेश्वर ने कहा कि हे वैष्णव संत ! जब तक मेरी शंकाओं का समाधान
संत मेरी-पलटू साहब
पलटू साहब एक संत कवि थे। उन्हें 'द्वितीय कबीर' भी कहा जाता है। संत पलटू साहब के जन्म वा मरण के समय के निश्चित पता नहीं चलता। अयोध्या से प्राय: चार मील
संत मेरी-श्रीलाल शुक्ल
(1976) ‘पहला पड़ाव’(1987) ‘विश्रामपुर का संत (1998) बब्बरसिंह और उसके साथी (1999) राग विराग (2001) ‘यह घर मेरी नहीं (1979) सुरक्षा और अन्य कहानियाँ (1991)
संत मेरी-मदर टेरेसा
अगस्त १९१० - ५ सितम्बर १९९७) जिन्हें रोमन कैथोलिक चर्च द्वारा कलकत्ता की संत टेरेसा के नाम से नवाज़ा गया है, का जन्म आन्येज़े गोंजा बोयाजियू के नाम से
संत मेरी-जनाबाई
पितांबरधारी मेरी मदद करते हैं) जनी जाय पाणीयासी। मागे धांवे हृषिकेशी। -पाणी रांजणांत भरी। सडा सारवण करी। (पानी भरने आदि में हृषिकेश मेरी सहायता करते हैं)
संत मेरी-सन्त अतर सिंह
संत बाबा अतर सिंह जी (मार्च, 1867 - 21 जनवरी 1927) एक सिख सन्त एवं शिक्षाविद थे। सन्त बाबा अतर सिंह जी का जन्म 28 मार्च 1866 को ग्राम चीमा (संगरूर, पंजाब)
संत मेरी-सन्त कंवर राम
सन्त कंवर राम (13 अप्रैल 1885 - १ नवम्बर 1939) सिन्ध के महान कर्मयोगी, त्यागी, तपस्वी तथा सूफी सन्त थे। संत कंवर रामजी का जन्म 13 अप्रैल सन् 1885 ईस्वी
संत मेरी-अंगिरा
में रहकर तपस्या कर रहे थे। जब उन्होंने देखा कि अंगिरा के तपोबल के सामने मेरी तपस्या और प्रतिष्ठा तुच्छ हो रही है तो वे दु:खी हो अंगिरा के पास गये और कहने
संत मेरी-रामपाल (हरियाणा)
संत रामपाल जी महाराज का सर्व को संदेश संत रामपाल जी महाराज जी की जीवनी संत रामपाल जी का जन्म 8 सितम्बर 1951 को गांव धनाना जिला सोनीपत हरियाणा में एक किसान
संत मेरी-वैलेंटाइन दिवस
वैलेंटाइन दिवस या संत वैलेंटाइन दिवस (अंग्रेज़ी: Valentine's Day), एक अवकाश दिवस है, जिसे 14 फ़रवरी को अनेकों लोगों द्वारा दुनिया भर में मनाया जाता है।
संत मेरी-शारदा देवी
सारदा देवी (बांग्ला : সারদা দেবী) भारत के सुप्रसिद्ध संत स्वामी विवेकानंद के गुरु रामकृष्ण परमहंस की आध्यात्मिक सहधर्मिणी थीं। रामकृष्ण संघ में वे 'श्रीमाँ'
संत मेरी-दादूदयाल
संत दादू दयाल जी का जन्म गुजरात प्रांत के अहमदाबाद में सन् 1544 (वि. स. 1601) को हुआ था, जिन्हें परमेश्वर कबीर जी एक बूढ़े बाबा के रूप में सन् 1551 में
संत मेरी-राजा ऍडवर्ड की कुर्सी
सारे ब्रिटिश सम्राटों का राज्याभिषेक इसी कुर्सी पर हुआ है, सिवाय मेरी प्रथम और मेरी द्वितीय के। जब से इंग्लैण्ड ने स्कॉटलैण्ड पर क़ब्ज़ा करके उसका ब्रिटिश
संत मेरी-सेंट जेम्स पैलेस
है। एक अस्पताल की भूमि पर इंग्लैंड के हेनरी अष्टम द्वारा बनवाया गया यह महल संत जेम्स द लेस को समर्पित था। ट्यूडर और स्टुअर्ट शासन के दौरान व्हाइटहाल का
संत मेरी-वचन साहित्य
वचन साहित्य आसानी से समझ आने वाला गद्य साहित्य है। मादर चेन्नय्य नामक एक सन्त इसके प्रवर्तक कहे जाते हैं जो मोची का काम करते थे। यह पश्चिमी चालुक्यों का
संत मेरी-नरसी मेहता
द्वारा नगर के सकल शाह ॥ ६३ ॥ खरचे खाये संतौं किन्हें मुकाम। द्वारा नगर बीच दीन्हें जु दाम ॥ ६४ ॥ सांवल शाह संतौं से किन्हा बसेख। नरसीला से बन्दगी हुंडी
संत मेरी-कबीर पंथ
साहेब जी ने नारायण दास जी का वास्तविक स्वरूप दर्शाया। संत धर्मदास जी ने कहा कि हे प्रभु ! मेरा वंश तो काल का वंश होगा इससे वे अति चिंतित थे। परमेश्वर
संत मेरी-संत मैरी द वर्जिन, वैनस्टेड
सेंट मैरी वर्जिन, वैनस्टेड पूर्व लंदन में इंग्लैंड के कालीसिए का एक गिरजाघर है। यह ओवरटन ड्राइव पर स्थित है और अब इसकी और ईसा गिरजाघर, वैनस्टेड की एक ही
संत मेरी-त्रिजटा
सम्भवत: इन्ही तीन गुणों के समाहार के कारण उसका नाम त्रिजटा रखा गया हो । संत कहते है इनके सिर पर ज्ञान,भक्ति और वैराग्य रुपी तीन जटाएं है अतः इनका नाम
संत मेरी-आण्डाल
आण्डाल, (तमिल : ஆண்டாள்) दक्षिण भारत की सन्त महिला थीं। वे बारह आलवार सन्तों में से एक हैं। उन्हें दक्षिण की मीरा कहा जाता है। अंदाल का जन्म विक्रम सं
संत मेरी-थानाधार
यहां गार्टन मिशन स्कूल स्थापित किया गया। 1872 ई. में इसी स्कूल के पास संत मेरी चर्च बनाया गया। इस चोटी की ऊंचाई 11155 फीट है। इस पर हतू देवी का मंदिर
संत मेरी-लोकनाथ
लोकनाथजी एक महान सन्त थे।लोकनाथ ब्रह्मचारी (जन्म: 1730 [6] - मृत्यु: 1890 [7]) एक हिंदू सिद्ध पुरुष थे। उन्हें बाबा लोकनाथ के नाम से भी जाना जाता है। लोकनाथ
संत मेरी-ज़ियारत
गया है कि, "जो मेरी कब्र पर जाएगा , वह मेरी हिमायत का हकदार होगा" और एक अलग संस्करण में "मैं उन लोगों के लिए दखल दूंगा जो मेरे या मेरे मकबरे में गए हैं।"
संत मेरी-प्रदीप (गीतकार)
(झूला) "न जाने किधर आज मेरी नाव चली रे" (झूला) "मैं तो दिल्ली से दुल्हन लायारे" (झूला) "आज मौसम सलोना सलोना रे" (झूला) "मेरे बिछड़े हुए साथी" (झूला)
संत मेरी-रामकृष्ण परमहंस
रामकृष्ण परमहंस भारत के एक महान संत, आध्यात्मिक गुरु एवं विचारक थे। इन्होंने सभी धर्मों की एकता पर जोर दिया। उन्हें बचपन से ही विश्वास था कि ईश्वर के
संत मेरी-भक्ति
जन्मेंगे। यह न सोच कि हम सब अब ही जन्में हैं। मेरी उत्पत्ति को महर्षिजन तथा ये देवता नहीं जानते क्योंकि ये सब मेरे से उत्पन्न हुए हैं।इससे स्वसिद्ध है कि जब
संत मेरी-समर्थ रामदास
समर्थ रामदास (१६०६ - १६८२) महाराष्ट्र के एक प्रसिद्ध सन्त थे। उन्होने दासबोध नामक एक ग्रन्थ की रचना की जो मराठी में है। समर्थ रामदास का मूल नाम 'नारायण
संत मेरी-ओविएदो
यह शहिर के आस-पास बनाई गई शाही इमारतों में से एक थी। 12वीं सदी में इसको संत मेरी की याद में एक गिरजाघर में तब्दील कर दिया गया। सान मिगुएल दे लिओ - नौवीं
संत मेरी-अरुंधति राय
ने "एक था डॉक्टर एक था सन्त" के नाम से किया है। शिलौंग में 24 नवम्बर 1961 को अरुंधति राय का जन्म, केरल की सीरियाई ईसाई माता, मेरी रॉय व कलकत्ता के निवासी
संत मेरी-दिल्ली के विद्यालय
सलवान पब्लिक स्कूल संस्कृतिक स्कूल सरदार पटेल विद्यालय स्प्रिंगडेल्स स्कूल संत गिरि सीनियर सेकेंडरी स्कूल कोलंबा का स्कूल सेंट | फ्रांसिस डी सेल्स स्कूल
संत मेरी-विनोबा भावे
तक की मेरी जिंदगी जनता की सेवा में समर्पित रही है। इस दृढ़ विश्वास के साथ कि इनकी सेवा भगवान को पाने का सर्वोत्तम तरीका है। मैं मानता हूं और मेरा अनुभव
संत मेरी-गोरक्षा आन्दोलन
करपात्री और देश के तमाम सन्तों ने इसे आन्दोलन का रूप दे दिया। गोरक्षा का अभियान शुरू हुआ। देशभर के सन्त एकजुट होने लगे। लाखों लोग और सन्त सड़कों पर आने लगे।
संत मेरी-खालसा महिमा
सवैयों के अंत में मौजूद है। इसमे गुरु गोबिंद सिंह हिंदू ब्राह्मणों को संत सैनिकों (संत सिपाही) की भूमिका के बारे में बताते हैं। सर्बलोह ग्रंथ में यह रचना
संत मेरी-बाबा फकीर चंद
कबीर द्वारा चलाए गए संत मत के बुनियादी सिद्धांतों के प्रबल हिमायती थे परंतु सुरत शब्द योग की उच्चतम अवस्थाओं के अंतिम परिणाम और संतों द्वारा पोषित रहस्यवाद
संत मेरी-हज़रत निज़ामुद्दीन
(حضرت خواجة نظام الدّین اولیا) (1325-1236) चिश्ती घराने के चौथे संत थे। इस सूफी संत ने वैराग्य और सहनशीलता की मिसाल पेश की, कहा जाता है इस प्रकार ये
संत मेरी-स्वामी रामसुखदास
अथवा आश्रम नहीं है । मेरी कोई गद्दी नहीं है और न ही मैंने किसीको अपना शिष्य प्रचारक अथवा उत्तराधिकारी बनाया है । मेरे बाद मेरी पुस्तकें (और रिकार्ड की
संत मेरी-ऍडरेड
(शा. 939-946), के बाद सत्ता संभाली जिन्हें पुकलचर्च (ग्लुसेस्टरशायर), में संत आगस्टिन दिवस के दिन 26 मई 946 को हत्या कर दी गई थी। उसी वर्ष १६ अगस्त को
संत मेरी-मलूकदास
मलूकदास ( सं. १६३१ की वैशाख बदी ५ - सं. १७३९ वैशाख बदी १४) एक सन्त कवि थे। उनका जन्म, सं. १६३१ की वैशाख बदी ५ को, कड़ा (जि इलाहाबाद) के कक्कड़ खत्री सुंदरदास
संत मेरी-हेमंत चौहान
मां श्रीनाथ जी भजन पंखीडा ने आ पिंजरुं उँची मेडी ते मारा संत नी रे राख ना रमकडा ओ माँ मेरी "Sacred musical mission". मूल से 10 सितंबर 2012 को पुरालेखित
संत मेरी-अयोध्या जिला
होने से अयोध्या उच्चकोटि के सन्तों की भी साधना-भूमि रही। यहाँ के अनेक प्रतिष्टित आश्रम ऐसे ही सन्तों ने बनाये। इन सन्तों में स्वामी श्रीरामचरणदास जी महाराज
संत मेरी-मोनारख जी महाराज
मेघवँश के महान संत श्री मोनारख जी राजस्थान के जालोर के निवासी थे| आबुपर्वत पर मेवाड के महाराज कुम्भा का आधिपत्य था| कुम्भा कई संत महात्माओँ से परचा माँगना
संत मेरी-कबीर जयंती
विश्वास को पुष्ट करता है। "संत कबीर के प्रकट उत्सव पर 100 पौधे लगाए व बांटे". Dainik Bhaskar. अभिगमन तिथि 2022-05-24. "संत कबीर प्रकट दिवस पर जुटे रामपाल
संत मेरी-जयन्त
क्योंकि संतों का चित्त बड़ा कोमल होता है। उन्होंने उसे समझाकर तुरंत श्रीराम जी के पास भेजा और तब जयन्त ने पुकार कर कहा - हे शरणागत के हितकारी, मेरी रक्षा
संत मेरी-वियोगी हरि
समाज-सेवी सन्त थे। "वीर-सतसई" पर इन्हें मंगलाप्रसाद पारितोषिक मिला था। उन्होंने अनेक ग्रंथों का संपादन, प्राचीन कविताओं का संग्रह तथा संतों की वाणियों
संत मेरी-ब्रजभाषा
ब्रजभाषा के प्रचार और प्रशिक्षण के लिए इन्होंने एक विद्यालय भी खोला था। संत कवियों के सगुण भक्ति के पदों की भाषा तो ब्रज या परंपरागत काव्यभाषा है, पर
संत मेरी-पटना सिटी
मस्जिद है। पादरी की हवेली - ईसाई मिशनरियों द्वारा सन 1713 में स्थापित संत मेरी चर्च पटना सिटी के निवासियों में पादरी की हवेली नाम से मशहूर हो गया। 70
संत मेरी-मंसूर अल हल्लाज
गया तथा दीवार के सुराख से अंदर की गतिविधि देखने लगा। लड़की ने संत को भोजन खिलाया। फिर संत जी ने सत्संग सुनाया। मंसूर भी सत्संग सुन रहा था। वह जानना चाहता
संत मेरी-मंदर पर्वत
है। मंदार वैष्णव संप्रदाय का प्रमुख केंद्र माना जाता है। प्रसिद्ध वैष्णव संत चैतन्य महाप्रभु ने भी अनेक जगह मंदार पर्वत की चर्चा की है। समुद्र मंथन का
संत मेरी-सूफ़ीवाद
मुतसवविफ़), इस्लाम का एक रहस्यवादी पंथ है। इसके पंथियों को सूफ़ी (सूफ़ी संत) कहते हैं। इनका लक्ष्य अपने पंथ की प्रगति एवं सूफीवाद की सेवा रहा है। सूफ़ी
संत मेरी-दमादम मस्त क़लन्दर
उपमहाद्वीप का एक अत्यंत लोकप्रिय सुफ़िआना गीत है जो सिन्ध प्रांत के महान संत झूले लाल क़लन्दर को सम्बोधित कर के उनके सामने एक माँ की फ़रियाद रखता है।
संत मेरी-अमृतलाल नागर
इकलौता लाल (2001), साझा (2001), सोमू का जन्म-दिन (2001), शांति निकेतन के संत का बचपन (2001), त्रिलोक विजय (2001)। अनुवाद : बिसाती (1935 - मोपासाँ की कहानियाँ)
संत मेरी-चम्पारण सत्याग्रह
वकीलों/राजनेताओं द्वारा हाइलाइट किया गया था और जांच आयोग भी रहा था। राजकुमार शुक्ल और संत राउत एक धन उधारदाता जिसने कुछ जमीन भी ली, गांधी को चंपारण जाने के लिए राजी
संत मेरी-गुलाल साहब
गुलाल साहब () प्रख्यात सन्त थे। इनका जन्म सत्रहवीं शती के अंतिम चरण में बसहरी (जिला गाजीपुर, उत्तर प्रदेश) के एक क्षत्रिय जमींदार कुल में हुआ था। इनके
संत मेरी-तोमा प्रेरित
जहाँ वे संत तोमा प्रेरित के गिरजाघर में आयोजित किए गए हैं। उन्हें ईसाई अनुयायियों के बीच भारत का संरक्षक संत माना जाता है, और ३ जुलाई को संत तोमा का पर्व
संत मेरी-शाह अब्दुल लतीफ़
प्रसिद्ध हैं। इन सब की जीत प्रेम और वीरता की जीत है। शाह अब्दुल लतीफ़ एक सूफी संत थे जिन के बारे में राजमोहन गाँधी ने अपनी पुस्तक 'अण्डरस्टैण्डिंग द मुस्लिम
संत मेरी-बोधिधर्म
एक शिष्य ने कहा कि मेरी समझ में सत्य विधि और निषेध दोनों से परे हैं। सत्य के संचार का यही मार्ग है। बोधिधर्म ने कहा- तुम्हें मेरी त्वचा प्राप्त है। इनके
संत मेरी-महर्षि संतसेवी परमहंस
१२.१९२० - ०४.०६.२००७) (हाथरस के) संत तुलसी साहब - बाबा देवी साहब - महर्षि मेँहीँ परमहंस की परंपरा में एक प्रख्यात संत थे। इस वर्ष २० दिसम्बर २०२२ को उनकी
संत मेरी-मेरी दुर्गा
मेरी दुर्गा स्टार प्लस पर एक भारतीय टेलीविजन श्रृंखला है, जो पेपरबैक फिल्म्स के बैनर तले रवींद्र गौतम और प्रदीप कुमार द्वारा निर्मित है। इसमें अनन्या अग्रवाल
संत मेरी-मीरा (1979 फ़िल्म)
प्रेमजी निर्मित गुलज़ार निर्देशित हिन्दी भाषा की फिल्म है। प्रमुख राजपूत संत-कवयित्री एवं कृष्ण भक्त मीरा बाई की जीवनी पर आधारित इस फिल्म में हेमामालिनी
संत मेरी-राजकुमारी यशोधरा
के संन्यासी हो जाने के बाद यशोधरा ने अपने बेटे का पालन पोषण करते हुए एक संत का जीवन अपना लिया। उन्होंने मूल्यवान वस्त्राभूषण का त्याग कर दिया। पीला वस्त्र
संत मेरी-बलदेव वंशी
(जन्म : १ जून १९३८) हिन्दी के साहित्यकार हैं। दादू ग्रंथावली सन्त मलूकदास ग्रंथावली सन्त मीराबाई सन्त सहजो कवितावलियाँ कबीर शिखर सम्मान मलूक रत्न सम्मान दादू
संत मेरी-अवधी
1700 में हुई। इनके अतिरिक्त कई और भक्त कवियों ने रामभक्ति विषयक ग्रंथ लिखे। संत कवियों में बाबा मलूकदास भी अवधी क्षेत्र के थे। इनकी बानी का अधिकांश अवधी
संत मेरी-२ दिसम्बर
में कटौती की। 1886 – बाबा राघवदास - उत्तर प्रदेश के प्रसिद्ध जनसेवक तथा संत थे। 1963 – शिवा अय्यदुरई - प्रसिद्ध भारतीय-अमेरिकी वैज्ञानिक हैं। 1901 –
संत मेरी-कर्तार सिंह सराभा
मेरा; मैं इस उजड़े हुए भारत का यक मामूली जर्रा हूँ, यही बस इक पता मेरा यही नामो-निशाँ मेरा; मैं उठते-बैठते तेरे कदम लूँ चूम ऐ भारत! कहाँ किस्मत मेरी ऐसी
संत मेरी-जया एकादशी
युधिष्ठिर को सुनाई। नंदन वन में उत्सव चल रहा था। इस उत्सव में सभी देवता, सिद्ध संत और दिव्य पुरूष वर्तमान थे। उस समय गंधर्व गायन कर रहे थे और गंधर्व कन्याएं
संत मेरी-प्रदत्त नाम
देशों में मेरी के प्रति विशेष श्रद्धा थी, वहां यह स्थिति लंबे समय तक चली, जैसे कि पोलैंड में 17वीं सदी के आगमन तक, जब फ़्रांसीसी रानी का नाम मेरी रखा गया।
संत मेरी-श्रीमद्भगवद्गीता
का बारंबार निर्माण होता है। वेद का समस्त कर्मकांड यज्ञ, अमृत, और मृत्यु, संत और असंत, और जितने भी देवी देवता है, सबका पर्यवसान ब्रह्म में है। लोक में
संत मेरी-भर्तृहरि
पालन करो। मेरी मृत्यु के बाद मेरे सींग श्रृंगीबाबा को, मेरे नेत्र चंचल नारी को, मेरी त्वचा साधु-संतों को, मेरे पैर भागने वाले चोरों को और मेरे शरीर की मिट्टी
संत मेरी-अहमदनगर
को अपनी तरफ आकर्षित करते हैं। संत कवि महिपति महाराज, सोलाहवीं सदी के संत कवि जिन्होंने भारतीय संतों का पद्यमय परिचय संत लीलामृत, भक्ति विजय आदि ग्रंथों
संत मेरी-नाहरशाह वली दरगाह खजराना
संत इबादत करते। जंगली जानवर जैसे शेर वगैरह भी आकर संत के पास बैठ जाते । नाहर (शेर) को बैठा देख गाँव के लोग संत को नाहरवाले बाबा पुकारते , इस तरह संत का
संत मेरी-चंद्रघंटा
नहीं मिलता, देवी देवताओं के मूल व साधना की सही विधि तत्वदर्शी यानि संत पूर्ण संत ही बता सकते हैं एसा हमारे वित्र धर्म ग्रंथों प्रमाणित करते हैं। प्रत्येक
संत मेरी-राबिया अल-बसरी
अल-अदविया अल-क़ैसिया : (714 - 801) अरबी: رابعة العدوية القيسية - एक मुस्लिम संत और सूफी फकीर थीं। वह दुनिया के कुछ हिस्सों में कई नामों से जानी जाती हैं
संत मेरी-अजमेर शरिफ दरगाह
गरीब नवाज दरगाह या दरगाह शरीफ अजमेर, राजस्थान, भारत में स्थित श्रद्धेय सूफी संत मोइनुद्दीन चिश्ती की सूफी समाधि (दरगाह) है। बेचारे नवाज उन्हें लोगों द्वारा
संत मेरी-सनकादि ऋषि
सनत्कुमार से है। पुराणों में उनकी विशेष महत्ता वर्णित है। ये ब्रह्मा की अयोनिज संताने हैं और भगवान विष्णु के १ अवतार हैं | जो १० सृष्टियों में से ही गिने जाते
संत मेरी-कृष्णप्रसाद भट्टराई
पश्चात् ये इस विषयमे मौन हि रहे। आजीवन अविवाहित रहे ओर सन्त प्रवृत्तिके होने के कारणसे कुछ लोग यिनको सन्त नेता कहकर भि सम्वोधन करते हैं। राजनीतिक बृत्तमे तो
संत मेरी-रांगेय राघव
राह न रुकी जब आवेगी काली घटा धूनी का धुआँ छोटी सी बात पथ का पाप मेरी भव बाधा हरो धरती मेरा घर आग की प्यास कल्पना प्रोफेसर दायरे पतझर आखीरी आवाज़ साम्राज्य
संत मेरी-असीरगढ़
निवेदन किया कि "मेरे भाई और बलकाना के ज़मीदार मुझे परेशान करते रहते हैं, एवं मेरी जान के दुश्मन बने हुए हैं। इसलिए आप मेरी सहायता करें और मेरे परिवार के लोगों
संत मेरी-सिर्र-ए-अकबर
-सूफी संत, मियां मीर के आध्यात्मिक संरक्षण के बाद, दारा ने विभिन्न इस्लामी संतों के जीवन का एक भौगोलिक संग्रह प्रकाशित किया। एक धार्मिक - ज्ञानवादी संत, बाबा
संत मेरी-द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी
का ज्ञान दिलाने में माहेश्वरी जी का अवदान हमेशा याद किया जाएगा। वह गृहस्थ संत थे। शिक्षा और कविता को समर्पित द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी का जीवन बहुत ही
संत मेरी-तुलसीदास
उपलब्ध होने से ठोस प्रमाण मिल सकते हैं। संत महिमा वर्णन का पहला सोरठा पेश है - को बरनै मुख एक, तुलसी महिमा संत। जिन्हके विमल विवेक, सेष महेस न कहि सकत।।
संत मेरी-नागरी एवं भारतीय भाषाएँ
एकता और अन्तरराष्ट्रीय सद्भाव लाने में सहायता मिलेगी। विनोबा जी राष्ट्र संत थे। वे सभी के अभ्युदय की कामना करते थे। सर्वोदय आंदोलन का उद्देश्य भी यही
संत मेरी-राहुल सांकृत्यायन
बदलो मधुर स्वप्न राजस्थान निवास विस्मृत यात्री दिवोदास सप्तसिन्धु मेरी जीवन यात्रा मेरी लद्दाख यात्रा किन्नर प्रदेश में रूस में 25 मास यूरोप यात्रा सरदार
संत मेरी-स्वामिनारायण
स्वामी को दी थी। हालाँकि, इस विषय पर विद्वानों की अलग-अलग राय है। ब्राह्मण संत श्री घनश्याम पांडे जिन्हें अनुयायियों ने स्वामिनारायण नाम दिया का जन्म 3
संत मेरी-सिख धर्म
आदि-ग्रन्थ में 15 संतों के कुल 778 पद हैं। इनमें 541 कबीर साहेब के, 122 शेख फरीद के, 60 नामदेव के और 40 संत रविदास के हैं। अन्य संतों के एक से चार पदों
संत मेरी-रामदास काठियाबाबा
1800 - 8 फरवरी 1909) हिंदू द्वैतद्वैतवादी निम्बार्क संप्रदाय के एक हिंदू संत थे। निम्बार्क समुदाय के ५४ वें आचार्य श्री श्री १०८ स्वामी रामदास काठिया
संत मेरी-शान्त रस
८ देखी मैंने आज जरा हो जावेगी क्या ऐसी मेरी ही यशोधरा हाय! मिलेगा मिट्टी में वह वर्ण सुवर्ण खरा सुख जावेगा मेरा उपवन जो है आज हरा "शांत रस का उदहारण (shant
संत मेरी-भरत व्यास
1982 मे हुई थी। उनके लिखे कुछ प्रमुख गीतों की फिल्मों के नाम हैं:— सारंगा, संत ज्ञानेश्वर, तूफ़ान और दिया, रानी रूपमती, गूंज उठी शहनाई, दो आँखे बारह हाथ
संत मेरी-स्टीव जॉब्स
पर पहुंच चुका हूं. वहीं दूसरों की नजर में मेरी लाइफ सफलता का दूसरा नाम है. लेकिन काम को छोड़कर अगर मैं मेरी लाइफ के बारे में बात करता हूं तो मुझे यही
संत मेरी-रावण
त्रिकालदर्शी महात्मा हैं मेरी पुत्री का स्वयँवर दो दिनों के बाद रखा है वैसे तो मैंने समस्त तीनों लोकों में खुला आमंत्रण दिया है कि जिसे भी मेरी पुत्री चाहेगी उसी
संत मेरी-आत्मा
आत्मा को पाने के रास्ते बताये है। कृष्ण, बुद्ध, येशु, अष्टावक्र, राजा जनक , संत कबीर, मीरा बाई, गुरु नानक, साई बाबा आदि । सभी ज्ञानी पुरुषो ने एक मत से यह
संत मेरी-कोली
खांट कोलियों ने गुजरात मे संत रियासत की पुनर्स्थापना की थी। संत रियासत (गुजरात) पर परमार राजपूतों का सासन था। लेकिन 1753 में संत रियासत के राजा रत्न सिंह
संत मेरी-महिला
जैसे स्थान प्राप्त कर चुकी थी. अहिल्याबाई होळकर, चांदबीबी, रानी चेन्नम्मा, रानी लक्ष्मीबाई जैसी कई महिला राज्यकर्ता प्रसिद्ध है. मीराबाई,
संत मेरी-भरथरी
प्राण त्याग दिए। राजा भरथरी बहुत ही आश्चर्यचकित हुए और सोचने लगे कि क्या मेरी रानी भी मुझसे इतना प्यार करती है। अपने महल में वापस आकर राजा भरथरी जब ये
संत मेरी-चतुर्भुज सहाय
डॉo चतुर्भुज सहाय (1883 - 1957) भारत के एक सन्त पुरुष एवं समर्थ गुरु थे जिन्होने अपने गुरु महात्मा रामचंद्र जी महाराज के नाम पर मथुरा में रामाश्रम सत्संग
संत मेरी-राजा मान सिंह
जो कहेंगे उसकी पालना होगी- संत शिरोमणि! आप कह कर तो देखिये!” कुम्भनदास ने बदले में सिर्फ एक वाक्य कहा- “ठीक है, अगर आप मेरी बात मानें तो भविष्य में कृपया
संत मेरी-इंग्लैंड के चार्ल्स द्वितीय
दरबार में ज़िन्दादिली और इच्छावाद का बोलबाला था। इनकी बहुत सी अवैधानिक संताने हुईं लेकिन कोई वैधानिक सन्तान नहीं हुई। इसलिये राजगद्दी के उत्तराधिकारी
संत मेरी-ऐन, ग्रेट ब्रिटेन की महारानी
यॉर्क के ड्यूक थे। यॉर्क के ड्यूक और डचेज़ की कुल आठ संताने थीं लेकिन उनमें से सिर्फ ऐन और मैरी ही युवावस्था तक जीवित बची थीं। ऐन का जन्म उनके ताउ चार्ल्स
संत मेरी-हाजी अली की दरगाह
मुंबई का महत्वपूर्ण धार्मिक एवं पर्यटन स्थल भी है। दरगाह को सन १४३१ में सूफी संत सय्यद पीर हाजी अली शाह बुखारी की स्मृति में बनाया गया था। हाजी अली ट्रस्ट
संत मेरी-वेस्ट्मिन्स्टर ऍबी
में कॉलेजिएट चर्च ऑफ़ सेण्ट पीटर ऍट् वेस्ट्मिन्स्टर(वेस्टमिंस्टर में स्थित संत पीटर का कॉलेजिएट चर्च) का नाम दिया गया था, वेस्टमिंस्टर शहर, लंदन में स्थित
संत मेरी-मलिक मोहम्मद जायसी
उनका कहना है, सैयद अशरफ़, जो एक प्रिय संत थे मेरे लिए उज्ज्वल पंथ के प्रदर्शक बने और उन्होंने प्रेम का दीपक जलाकर मेरा हृदय निर्मल कर दिया।। जायसी कुरुप व
संत मेरी-महीप सिंह
(निबंध संग्रह), ‘गुरु गोबिंद सिंह और उनकी हिंदी कविता’, ‘आदिग्रंथ में संगृहीत संत कवि’, ‘सिख विचारधारा : गुरु नानक से गुरु ग्रंथ साहिब तक’ (शोधग्रंथ), ‘गुरु
संत मेरी-भक्तिकाल के कवि
थोड़ी-बहुत जानकारी मिल जाती है। ‘आईने अकबरी’ और ‘मुंशियात अब्बुलफजल’ में भी किसी संत सूरदास का उल्लेख है, किन्तु वे बनारक के कोई और सूरदास प्रतीत होते हैं। अनुश्रुति
संत मेरी-नागार्जुन
नागार्जुन के बचपन का नाम 'ठक्कन मिसर' था। गोकुल मिश्र और उमा देवी को लगातार चार संताने हुईं और असमय ही वे सब चल बसीं। संतान न जीने के कारण गोकुल मिश्र अति निराशापूर्ण
संत मेरी-हीर रांझा
मुहम्मद बख्श, फजलशाह, मौलाशाह, मौलाबख्श, भगवानसिंह, किशनसिंह आरिफ (१८८९), संत हजारासिंह (१८९४) और गोकुलचंद शर्मा के किस्से सर्वविदित हैं, किंतु जो प्रसिद्धि
संत मेरी-इस्लाम के पैग़म्बर
संत के रूप में लुकमैन को देखता है, लेकिन एक भविष्यवक्ता के रूप में नहीं। अरबी शब्द वाली (अरबी ولي, बहुवचन Awliyā 'أولياء) आमतौर पर अंग्रेजी में "संत"
संत मेरी-शर्मा बन्धु
के लिए शर्मा बंधुओ के अनेक एल्बम उपलब्ध हैं, जिनमें 'श्री राम दरबार', 'संतों के अनुभव', 'भजन सुमन', एवं 'श्री राम शरणम् नमः' इत्यादि एल्बम के नाम प्रमुख
संत मेरी-तिरवा खास गाँव, तिरवा (कन्नौज)
79°30′E / 27.22°N 79.50°E / 27.22; 79.50 तिरवा खास तिरवा, कन्नौज, उत्तर प्रदेश स्थित एक गाँव है। मेरा प्यारा तिर्वा अन्न्पूर्ना मन्दिर दौलेश्वर्र धाम
संत मेरी-शिरडी साईं बाबा
नाम से भी जाना जाता है, एक भारतीय आध्यात्मिक गुरु और फकीर थे, जिन्हें एक संत माना जाता था, उनके जीवनकाल के दौरान और उसके बाद हिंदू और मुस्लिम दोनों भक्त
संत मेरी-अमरकंटक
जहां साधु संत ध्यानमग्न मुद्रा में देखे जा सकते हैं। स्थानीय निवासियों और कबीरपंथियों के लिए कबीर चबूतरे का बहुत महत्व है। कहा जाता है कि संत कबीर ने
संत मेरी-शांतिदूत एडगर
नहीं था और उसका शासन राज्य के कई कुलीनों व गिरिजाघर के पादरियों मुख्यत: संत डंस्टन और प्रमुख पादरी ओडा के विवाद चलता रहा। ९५७ ई०पू० में मर्सिया के थेन्स
संत मेरी-सिसरो मोरेस
अनगिनत धार्मिक और ऐतिहासिक व्यक्ति जैसे कि एंटोनियो डी पडुआ, सेंट मैरी मगदालेन (संत-मैक्सिमिन-ला-सैंट-बूम खोपड़ी), सेंट वेलेंटाइन, सेलाकोविस के "पिशाच"
संत मेरी-ग़ुलाम अली
गुलाम अली ग्रेट गजल्स द गोल्डन कलेक्शन गीत और गज़ल दिल्लगी कलाम-ए-मोहब्बत ( संत दर्शन सिंह द्वारा लिखित गजलें) चुपके चुपके - लाईव इन कन्सर्ट, इंग्लैंड रंग
संत मेरी-३ जुलाई
१९९५ - जयपाल सिंह कुंपावत रामासनी(मारवाड़) १३५० – नामदेव, मराठी निर्गुण संत कवि १९०४ – अंतर्राष्ट्रीय ज़ायोनिज़्म के संस्थापक थ्योडोर हर्टज़ल का निधन
संत मेरी-सेक्रेड हार्ट कैथेड्रल
पुराने गिरिजाघरों में से एक है। सेंट कोलम्बिया स्कूल और कॉन्वेंट ऑफ़ जीसस ऐंड मेरी सहित यह कुल मिलाकर कनॉट प्लेस के भाई वीर सिंह मार्ग के दक्षिण अंत पर १४ एकड़
संत मेरी-डिंगल
है: 'मेरी कविता की भाषा डिंगल है। यह कोई मीटर या निरंतरता नहीं जानती। इसमें केवल दिव्य चिंतन शामिल है'। 19-वी शताब्दी के प्रारम्भ में चारण संत स्वरूपुदास
संत मेरी-आर्मीनिया-भारत संबंध
पत्थर और आर्थिक जीवन से भी परिचित थे। ज़ेनोब ग्लैक (आर्मीनिया के पेट्रन संत ग्रेगरी द इल्युमिनेटर के पहले शिष्यों में से एक ) अनुसार, लगभग 349 ईसा पूर्व
संत मेरी-मटिल्डा
सैक्सनी की रानी (११५६-११८९), इंग्लैंड के हेनरी द्वितीय की बेटी संत मटिल्डा (ल. ८९५-९६८), सैक्सन संत और जर्मनी के राजा हेनरी प्रथम की पत्नी मटिल्डा (किताब) (१९८८)
संत मेरी-एलिज़ाबेथ द्वितीय
क्योंकि सब समझते थे कि उनके ताऊ जो अभी युवा थे, शादी करके अपनीं संताने पैदा करेंगे व उनकी संताने ही भविष्य की राजा या रानी होंगी। जब उनके दादा की १९३६ में मृत्यु
संत मेरी-होली
भक्तिमय प्रेम और निर्गुण निराकार भक्तिमय प्रेम का निष्पादन कर डाला है। सूफ़ी संत हज़रत निज़ामुद्दीन औलिया, अमीर खुसरो और बहादुर शाह ज़फ़र जैसे मुस्लिम संप्रदाय
संत मेरी-बस्ती, उत्तर प्रदेश
यह स्थान काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। बस्ती जिला गोण्डा जिले के पूर्व और संत कबीर नगर के पश्चिम में स्थित है। क्षेत्रफल की दृष्टि से भी यह उत्तर प्रदेश
संत मेरी-मुरैना ज़िला
दुर्ग के ध्वंसावशेष उपस्थित हैं। जौरा तहसील में स्थित गाँगोलीहार गाँव में संत रतिदास का भव्य मंदिर है। लोक मान्यता है कि उनका जन्म इसी ग्राम में हुआ था।
संत मेरी-परमहंस रामचंद्र दास
महंत परमहंस रामचंद्र दास (१९१२ - ३१ जुलाई २००३) राम मन्दिर आंदोलन के प्रमुख संत व श्रीराम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष थे। वे सन् ४९ से रामजन्म-भूमि आंदोलन
संत मेरी-महराजगंज जिला
गोरखपुर जिले के उत्तर , कुशीनगर जिले के पश्चिम सिद्धार्थनगर के पूर्व व सन्त कबीर नगर जिले के उत्तर-पूर्व में स्थित है। ऐतिहासिक दृष्टि से भी यह काफी
संत मेरी-जीवनचरित
"सत्य के प्रयोग" शीर्षक आत्मकथा, देशरत्न स्व. राजेन्द्र प्रसाद की आत्मकथा इस प्रसंग में विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं। आत्मकथा चरित्र-चित्रण संत रविदास
संत मेरी-ईसाई धर्म में महिलाएं
आधिकारिक तौर पर संतों को जीवन की असाधारण पवित्रता के व्यक्ति के रूप में पहचानती हैं, उस समूह में महिलाओं को सूचीबद्ध करती हैं। सबसे प्रमुख मैरी, यीशु की मां
संत मेरी-महात्मा गांधी
मैंने समझा है, मेरी आत्मा को पूरी तरह तृप्त करता है, मेरे प्राणों को आप्लावित कर देता है,... जब संदेह मुझे घेर लेता है, जब निराशा मेरे सम्मुख आ खड़ी होती
संत मेरी-इस्सा
हिस्से में आकर बस गये। इस्सा ने ५२ वर्ष की अवस्था में विवाह किया। उनकी कई सन्ताने हुईं पर कोई जीवित न रही। कुछ समय बाद पत्नी की भी मृत्यु हो गई। इस्सा ने
संत मेरी-सीकर जिला
"कासली" गांव के राजा से गणेश जी की मूर्ति जीती, ये मूर्ति कासली के राजा को एक़ सन्त द्वारा भेंट की गई थी, इस मूर्ति की प्राप्ति के बाद कासली गांव "अविजय" था
संत मेरी-राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालकों की सूची
किया। आज वहां यज्ञ ज्वालाओं के रूप में एक छोटा ‘स्मृति चिन्ह’ बना है। उस पर संत तुकाराम की वे पंक्तियां उत्कीर्ण हैं, जिनको उद्धृत करते हुए श्री गुरुजी ने
संत मेरी-मदालसा
माता के दुग्ध के साथ-साथ वेदान्त की इस शिक्षा को भी आत्मसात् कर समय आने पर सन्त हो गये । सभी नारियों को मदालसा के पदचिह्नों का अनुसरण करते हुए अपनी सन्तान
संत मेरी-स्वामी विवेकानन्द
सर्वशः॥ अर्थात जो कोई मेरी ओर आता है-चाहे किसी प्रकार से हो-मैं उसको प्राप्त होता हूँ। लोग भिन्न मार्ग द्वारा प्रयत्न करते हुए अन्त में मेरी ही ओर आते हैं। साम्प्रदायिकता
संत मेरी-श्री गोवर्द्धन के दिव्याकर्षण
आकर्षण है कि देश के प्रत्येक कौने से, विदेशों से प्रतिवर्ष यहाँ लाखों भक्त, संत, नर-नारी, दर्शनार्थ, परिक्रमार्थ आते रहते हैं। इस धाम के विशेष दिव्याकर्षण
संत मेरी-आम्रपाली
बिंबिसार बोला "नही वर्षकार ये गणिका मेरी जरूरत बन चुकी हैं उसकी बदन की गन्ध हर वक्त मेरी नथनो में रहती हैं, उसकी मखमली बदन मेरे बदन की आव्यस्कता हैं। मैं उसे
संत मेरी-अयोध्या
होने से अयोध्या उच्चकोटि के सन्तों की भी साधना-भूमि रही। यहाँ के अनेक प्रतिष्टित आश्रम ऐसे ही सन्तों ने बनाये। इन सन्तों में स्वामी श्रीरामचरणदास जी महाराज
संत मेरी-हरिवंश राय बच्चन
जनगीता (1958), ओथेलो (1959), उमर खय्याम की रुबाइयाँ (1959), कवियों में सौम्य संत: पंत (1960), आज के लोकप्रिय हिन्दी कवि: सुमित्रानंदन पंत (1960), आधुनिक कवि
संत मेरी-स्वामी स्वरूपदास
स्वामी स्वरूपदास (1801–1863) राजस्थान और मालवा में एक दादूपंथी संत-कवि एंव धार्मिक गुरु थे। वे प्रसिद्ध कवि और इतिहासकार, महाकवि सूर्यमल्ल के व रतलाम
संत मेरी-हिन्दी पुस्तकों की सूची/प
लतीफ मेरी श्रेष्ठ व्यंग्य रचनायें - शरद जोशी मेरी श्रेष्ठ व्यंग्य रचनायें - बरसाने लाल मेरी स्त्रियां - मणि मधुकर मेरी स्त्रियां - मणि मधुकर मेरे अग्रज
संत मेरी-रघुवंशम्
हूँ तो मन्दबुद्धि वाला व्यक्ति किन्तु मेरी साध यह है कि प्रख्यात कवियों के समान मुझे भी यश प्राप्त हो। लोग यदि मेरे इस साध के विषय में सुनेंगे तो मुझ पर
संत मेरी-बद्रीनाथ मन्दिर
कहा कि "हे देवी! तुमने भी मेरे ही बराबर तप किया है सो आज से इस धाम पर मुझे तुम्हारे ही साथ पूजा जायेगा और क्योंकि तुमने मेरी रक्षा बद्री वृक्ष के रूप में
संत मेरी-नंददास
नन्ददास (वि० सं० १५७२ - १६४०) ब्रजभाषा के एक सन्त कवि थे। वे वल्लभ संप्रदाय (पुष्टिमार्ग) के आठ कवियों (अष्टछाप) में से एक प्रमुख कवि थे। ये गोस्वामी विट्ठलनाथ
संत मेरी-गया
धर्मिक स्थल है। यहाँ नवी सदी हिजरी में चिशती अशरफि सिलसिले के प्रख्यात सूफी सन्त हजरत मखदूम सयद दर्वेश अशरफ ने खानकाह अशरफिया की स्थापना की थी। आज भी पूरे
संत मेरी-अलेक्जेण्डर वॉन हम्बोल्ट
जॉर्ज का विवाह १७६६ में एक विधवा मैरी एलिजाबेथ के साथ हुआ जो प्रसिद्ध ह्यूगेनोट परिवार से थीं। इन दोनों की दो संताने विल्हेम (१७६७) और अलेक्जेण्डर (१४
संत मेरी-परमानंद दास
के नाथ ॥ आन पत्र लगाए दोना, दीये सबहिन बाँट। जिन नहीं पायो सुन रे भैया, मेरी हथेली चाट ॥ आपुन हँसत हँसावत औरन, मानो लीला रूप। परमानंद प्रभु इन जानत हों
संत मेरी-रुक्मिणी
वाडिरजतीर्थ (१४८०-१६००) के रूप में प्रकट हुए, जो माधवाचार्य परंपरा के सबसे बड़े संत थे । उन्होंने १२४० श्लोकों में रुक्मिणी और कृष्ण की महिमा का वर्णन करते हुए
संत मेरी-बजपे (शहर)
गिरजाघर सेंट जोसेफ चर्च, बाजपे। क्रिश्चियन चर्च की मैरी हेल्प, आद्यपद्य सेंट एंटनी चर्च, एंथनीकट्टे संत पोप जॉन पॉल II का तीर्थ इदक्ष टेक्नोलॉजीज इसरवा इन्फोटेक
संत मेरी-अवतार
में भगवान ने अवतार ले कर रावण के अत्याचार से विप्रों, धेनुओं, देवताओं और संतों की रक्षा की। भगवान ने सम्पूर्ण कलाओं से युक्त वसुदेव और देवकी के पुत्र कृष्ण
संत मेरी-राकेश पाण्डेय
(1984/द्वितीय) श्री कृष्ण के रूप में पंचविन मंजिल (1983) अपराधी कौन? (1982) संत ज्ञानेश्वर (1982) महाबली हनुमान (1981) श्री राम के रूप में नई इमारत (1981)
संत मेरी-राजेन्द्र सिंह (रज्जू भैया)
लाल बहादुर शास्त्री जैसे राजनेताओं के साथ-साथ प्रभुदत्त ब्रह्मचारी जैसे सन्तों का विश्वास और स्नेह भी उन्होंने अर्जित किया था। बहुत संवेदनशील अन्त:करण
संत मेरी-हेलेना
ओरिएंटल रूढ़िवादी चर्च, रोमन कैथोलिक चर्च, और एंग्लिकन कम्युनियन उसे एक संत के रूप में प्रतिष्ठित करते हैं। हेलेना के जन्मस्थान को निश्चितता के साथ नहीं
संत मेरी-लक्षण
चलावा। गुण प्रगटइ अवगुणहिं दुरावा॥ विपत्ति काल कर सतगुन नेहा। श्रुति कह संत मित्र गुन एहा॥ लक्षणा लक्षण-विज्ञान गौतम बुद्ध के महालक्षण निदान लक्षण (रोग
संत मेरी-कैथोलिक गिरजाघर
स्थापित किया गया था, कि इसके धर्माध्यक्ष धर्मदूतों के उत्तराधिकारी हैं और कि संत पीटर के उत्तराधिकारी के रूप में पोप को एक सार्वभौमिक प्रधानता प्राप्त है।
संत मेरी-लिन्लिथगो
ध्येय वाक्य है St. Michael is kinde to straingers यानी संत माइकल अजनबियों के प्रति दयालु है। संत की एक मूर्ति नगर के कुल-चिन्ह को हाथ में लिए मुख्य मार्ग
संत मेरी-माता अमृतानंदमयी
सितम्बर 1953) एक हिन्दू आध्यात्मिक नेत्री व गुरु हैं, जिन्हें उनके अनुयायी संत के रूप में सम्मान देते हैं और "अम्मा ", "अम्माची" या "मां" के नाम से भी जानते
संत मेरी-पुरुषोत्तम दास टंडन
भारतीय संस्कृति सम्मेलन करवाया। १९४८ : १५ अप्रैल पवित्र सरयू नदी के तट पर सन्त देवरहा बाबा द्वारा 'राजर्षि' की उपाधि से विभूषित। १९४८ : कांग्रेस अध्यक्ष
संत मेरी-हसीना मान जायेगी (1999 फ़िल्म)
के लिये। ऐसे भ्रम की एक श्रृंखला की बन जाती हैं क्योंकि गुलजारिलाल की बहन संतो (अरुणा ईरानी) भी मोनू (चाचा के रूप) के साथ प्यार में पड़ती है। समस्या से
संत मेरी-सन्यासी (फ़िल्म)
पूरी संपत्ति देने के लिए प्रेरित करते हैं और ईश्वर बाबा नाम के एक प्रसिद्ध संत के आशीर्वाद के साथ, राकेश अपना नाम भरत में बदल लेता है। इस समारोह के बाद
संत मेरी-युक्तेश्वर गिरि
गुरुपरम्परा को कायम रखते हुए क्रियायोगकी दिक्षा दिया । आप भारतके विशिष्ट सन्त हैं । आपने परमहंस योगानन्द को पश्चिमके लिए तैयार किया था । श्री युक्तेश्वर
संत मेरी-आई माता
रोटी को मेरी गादी के आगे प्रसाद स्वरुप चढाना। ऐसा करने से आपके सारे मनोरथ पूर्ण होंगे। दूसरों के बहकावे में मत आना। जो मेरी बेल बांधे रखेगा। मेरे बताए आई
संत मेरी-बिहार
फुलवारीशरीफ में बड़ी खानकाह, मनेरशरीफ - सूफी संत हज़रत याहया खाँ मनेरी की दरगाह, भारत की प्रथम महिला सूफी संत हजरत बीबी कमाल का कब्र (जहानाबाद) mithilanchal
संत मेरी-दर्शनशास्त्र
ऑरेलियस सिसरो एपिक्टेटस हिप्पो के संत ऑगस्टिन बोएथियस औकम के विलियम इब्न सीना इब्न रुश्द कैन्टरबरि के संत ऐंसेल्म संत थॉमस एक्विनास रेने देकार्त थॉमस हॉब्स
संत मेरी-क्लासिक
तरतूलियन, मिनूसियस फ़लिक्स, लाक्तांतियस, संत जेरोम, संत आगुस्तिन, बोएथियम, कासियादोरस, संत बेनेदिक्त, ग्रेगरी महान्, संत इसीदार आदि हैं। ईसा की छठी सदी से लेकर
संत मेरी-शनि (ज्योतिष)
में मेरी माता छाया की पराजय होती रही हैं, मेरे पिता सूर्य द्वारा अनेक बार अपमानित किया गया हैं ! अतः माता की इच्छा हैं कि मेरा पुत्र अपने पिता से मेरे अपमान
संत मेरी-सम्यमणि
में मनाया जाता है, एवं यात्रा निकाली जाती है। यह मंदिर वैष्णव परंपराओं और संत रामानंद से जुड़ा हुआ है। यह गौड़ीय वैष्णव संप्रदाय के लिये खास महत्व रखता
संत मेरी-बिनोदिनी दासी
पहली दक्षिण एशियाई अभिनेत्रियों में से एक थीं। १९वीं सदी के बंगाल के महान संत रामकृष्ण परमहंस १८८४ में उनके नाटक को देखने आए थे। वह बंगाली रंगमंच की एक
संत मेरी-मूट्टम
सेंट मैरी क्नानाया कैथोलिक चर्च, सेंट मैरीज़ ऑर्थोडॉक्स सीरियन चर्च (सुरियानी पल्ली), न्यायालय जंक्शन . और द पेंटेकोस्टल मिशन, सेंट सेबस्टियन चर्च, संत जोसफ
संत मेरी-मार्टिन लूथर किंग
आज मानव अधिकारों के प्रतीक के रूप में भी देखा जाता है। दो चर्चों ने उनको सन्त के रूप में भी मान्यता प्रदान की है। एक अफ्रीकी अमेरिकी चर्च नेता और प्रारंभिक
संत मेरी-जयप्रकाश कर्दम
हिंदी संस्थान द्वारा लोहिया साहित्य सम्मान दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी द्वारा संत रविदास सम्मान भारतीय दलित साहित्य अकादमी, द्वारा डॉ अम्बेडकर राष्ट्रीय सम्मान
संत मेरी-कर्पूरी ठाकुर
से ही प्रेरित है हमारे शासन का मॉडल सेन समाज के श्रेष्ठ युवा नेता:- नितेश संत कुमार George, Sarahbeth (24 January 2024). "Bharat Ratna to Karpoori Thakur:
संत मेरी-सेंट पीटर और सेंट पॉल चर्च, विनियस
धन्य वर्जिन मैरी की पेंटिंग और क्राइस्ट के पांच घावों की वेदी)। सजावट स्थानीय (विल्नियस सेंट क्रिस्टोफर के संरक्षक) से लेकर इतालवी संतों (कोमो के फिदेलिस)
संत मेरी-बाबा (2002 फ़िल्म)
मनीषा कोइराला हैं। फिल्म की शुरुआत बाबा (रजनीकांत) के जन्म से होती है। वह उस संत का अवतार है जो महावतार बाबाजी का भक्त था। बाबा एक नास्तिक और गर्म खून वाले
संत मेरी-बलदेव प्रसाद मिश्र
कौशल किशोर संशोधित 1955 6- जीवन संगीत (मुक्तक) 1940 7- साकेत सन्त (मुक्तक) 1946 8- साकेत सन्त (मुक्तक) संशोधित 1955 9- हमारी राष्ट्रीयता (अनुष्टुप छंद) 1948
संत मेरी-एलिस एक्का
संस्कार 25 दिसंबर 1917 को रांची के जीईएल चर्च में किया गया। वे अपनी मां मेरी पूर्ति और पिता नुअस पूर्ति के तीन संतानों में से एक हैं। ग्रेसी पूर्ति और
संत मेरी-मुंबई के दर्शनीय स्थल
अली की दरगाह : 18वीं सदी के आरंभ में बने इस धर्म-स्थल पर एक मुस्लिम सूफी संत हज़रत हाजी अली का मज़ार है। इस बारे में दो किंवदंतियां हैं, जिनमें हज़रत
संत मेरी-इंग्लैंड के हेनरी अष्टम
Primer) के नाम से जाना जाता है, से संतों को बाहर कर दिया गया। लैटिन अनुष्ठानों का स्थान अंग्रेज़ी अनुष्ठानों ने ले लिया। संतों के पूजा-स्थल ढहा दिये गये-कैंटरबरी
संत मेरी-जमशेदपुर
(बिष्टुपुर), डीएवी पब्लिक स्कूल (एनआईटी), नेताजी सुभाष पब्लिक स्कूल (बारीडीह), संत मैरी इंग्लिश स्कूल (बिष्टुपुर), मोतीलाल नेहरू पब्लिक स्कूल (बिष्टुपुर), नरभेराम
संत मेरी-हाइबुन
सम्मिश्रण है जो कि एक यात्रा विवरण के रूप में लिखा जाता हैं। मात्सुओ बाशो, जो एक संत और हाइकु कवि थे, इस लेखन शैली के आरम्भ कर्ता हैं। उन्होंने अपनी यात्राओं
संत मेरी-स्टर्लिंग किला
बनवाया था। हालाँकि अब यह माना जाता है कि मोनेना की कहानी बाद के ईसाई संतों संत मोड्वेना और मोनिने के बीच भ्रम का नतीजा है। स्टर्लिंग किले के बारे में
संत मेरी-रामायण
माना जाता है। गोवर्धन पीठ के शंकराचार्य श्री निश्चलानन्द सरस्वती प्रभृति संतों के अनुसार श्रीराम अवतार श्वेतवाराह कल्प के सातवें वैवस्वत मन्वन्तर के चौबीसवें
संत मेरी-वाराणसी
प्रकार हैं: महर्षि अगस्त्य धन्वंतरि गौतम बुद्ध संत कबीर बाबा किनाराम लक्ष्मीबाई पाणिनी पार्श्वनाथ पतंजलि संत रैदास स्वामी रामानन्दाचार्य वल्लभाचार्य शंकराचार्य
संत मेरी-सम्भाजी
बना रहा है। वे बीमार होने का प्रपंच कर उत्तम स्वास्थ्य की प्राप्ति हेतु संतो के लिए मिठाई भिजवाते थे कुछ समय बाद जब औरंगजेब के सैनिक निसंदेह हो गए और
संत मेरी-दि स्टारी नाइट
Saint-Rémy-de-Provence, on or about Tuesday, 18 June 1889" [पत्र ७८२: थियो वैन गॉग को, संत रेमी डी प्रोविंस से १८ जून १८८९ को]. Vincent van Gogh: The Letters. वैन गॉग
संत मेरी-स्तन
स्तनों को काटकर शहीद के रूप में उनकी मृत्यु हो गई; इसका एक उदाहरण सिसिली के संत अगाथा हैं। शरीर की छवि कई महिलाएं अपने स्तनों को अपने यौन आकर्षण के लिए महत्वपूर्ण
संत मेरी-हनुमान
वर्णन करता है। हनुमान जी बालपन मे बहुत नटखट थे, वो अपने इस स्वभाव से साधु-संतों को सता देते थे। बहुधा वो उनकी पूजा सामग्री और आदि कई वस्तुओं को छीन-झपट
संत मेरी-नारायण सीताराम फड़के
विद्यार्थी थे। 1917 ई. में इनका पहला उपन्यास "अल्ला हो अकबर" प्रकाशित हुआ जो मेरी कॉरेली के "टेंपोरल पावर" उपन्यास के आधार पर रचा गया था। इसी समय इनको दादाभाई
संत मेरी-भारत–इटली सम्बन्ध
मिलने का निमंत्रण स्वीकार किया। मुसोलिनी ने गांधी को एक "प्रतिभाशाली और संत" के रूप में सम्मानित किया और ब्रिटिश साम्राज्य को चुनौती देने की उनकी क्षमता
संत मेरी-गुप्त इसाइयत
में अधिक हो गए तब उन्होंने रोमी देवी-देवताओं का अपमान करना शुरू कर दिया। संत ज़ेवियर 1550 में धर्मान्तरण के लिए जापान गया और उसने कई बौद्धों को ईसाई बनाया।
संत मेरी-सेंट हेलेना
हेलेनाਬਿਜਲੀ ਰਾਜਭਰ राष्ट्रवाक्य: "वफादार और दृढ़" राष्ट्रगान: "गॉड सेव द क्विन" "मेरा सेंट हेलेना द्वीप" (अनाधिकृत) राजधानी जेम्सटाउन 15°56′S 5°43′W / 15.933°S
संत मेरी-चम्बा, हिमाचल प्रदेश
भरमौर घने जंगलों से घिरा है। किवदंतियों के अनुसार 10 वीं शताब्दी में यहां 84 संत आए थे। उन्होंने यहां के राजा को 10 पुत्र और एक पुत्री चंपावती का आशीर्वाद
संत मेरी-कबीर
कबीरदास या कबीर या कविर्देव ,कबीर साहेब 15वीं सदी के भारतीय रहस्यवादी कवि और संतों के भगवान थे। कबीर अंधविश्वास, व्यक्ति पूजा , पाखंड और ढोंग के विरोधी थे।
संत मेरी-गुरु
है, जिन अच्छाइयों से जुड़ा होता है, वो सब संतों में होती हैं। संत के जीवन में समाज भी यही खोजता है कि संत में लोभ नहीं हो, कामना-हीनता हो। "Guru | Hinduism"
संत मेरी-रामपाल (हरियाणा)
संत रामपाल जी महाराज का सर्व को संदेश संत रामपाल जी महाराज जी की जीवनी रामपाल का जन्म 8 सितम्बर 1951 को गांव धनाना जिला सोनीपत हरियाणा में एक किसान परिवार
संत मेरी-अमरकंटक
गुफाएं है जहां साधु संत ध्यानमग्न मुद्रा में देखे जा सकते हैं। कबीरपंथियों के लिए इस स्थान का बहुत महत्व है। कहा जाता है कि संत कबीर संवत 1569 में बांधव
संत मेरी-शनि (ज्योतिष)
को ना दें। शनिदेव मान गये, और कहा: जो मेरी कथा और व्रत कहेगा, उसे मेरी दशा में कोई दुःख ना होगा। जो नित्य मेरा ध्यान करेगा, और चींटियों को आटा डालेगा
संत मेरी-सेंट हेलेना
सेंट हेलेना राष्ट्रवाक्य: "वफादार और दृढ़" राष्ट्रगान: "गॉड सेव द क्विन" "मेरा सेंट हेलेना द्वीप" (अनाधिकृत) राजधानी जेम्सटाउन 15°56′S 5°43′W / 15.933°S