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के शहरों लद्दाख़:
लद्दाख़-लद्दाख़ी-बलती भाषाएँ
भाषाएँ इस प्रकार हैं: लद्दाख़ी (लद्दाख़) ज़ंग्सकारी (लद्दाख़) पुरगी (लद्दाख़) बलती (गिलगिल-बलतिस्तान व लद्दाख़) चांगथंग (लद्दाख़) लद्दाख़ी भाषा बलती भाषा लाहौली-स्पीति
लद्दाख़-लद्दाख़ी भाषा
मानक तिब्बती भाषा तथा लद्दाखी जानने वाले एक दूसरे को नहीं समझ सकते। लद्दाख़ के गान्चे क्षेत्र में तिब्बती मूल के बलती व लद्दाख़ी लोग रहते हैं। सांस्कृतिक
लद्दाख़-लद्दाख़
लद्दाख़ (तिब्बती लिपि: ལ་དྭགས; "ऊँचे दर्रों की भूमि") भारत का एक केन्द्र शासित प्रदेश है, जो उत्तर में काराकोरम पर्वत और दक्षिण में हिमालय पर्वत के बीच
लद्दाख़-लद्दाख़ पर्वतमाला
लद्दाख़ पर्वतमाला (Ladakh Range) भारत के लद्दाख़ क्षेत्र के मध्य भाग में स्थित एक पर्वतमाला है। इसका उत्तरी छोर पाक-अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बल्तिस्तान
लद्दाख़-शैडो फ्रॉम लद्दाख़
शैडो फ्रॉम लद्दाख़ अंग्रेज़ी भाषा के विख्यात साहित्यकार भवानी भट्टाचार्य द्वारा रचित एक उपन्यास है जिसके लिये उन्हें सन् 1967 में अंग्रेज़ी भाषा के लिए
लद्दाख़-लद्दाख के उपराज्यपालों की सूची
लद्दाख के उपराज्यपाल भारत के लद्दाख केन्द्र शासित प्रदेश में उपराज्यपाल प्रदेश का मुखिया होता हैं। वर्तमान में श्री राधाकृष्ण माथुर लद्दाख के उपराज्यपाल
लद्दाख़-लद्दाख स्काउट्स
लद्दाख स्काउट भारतीय सेना का एक सैन्य-दल है।
लद्दाख़-लद्दाखी
लद्दाखी, भारत की एक प्रमुख जनजाति हैं। . लद्दाख मे रहने वालो लोगों को प्रायः लद्दाखी कहा जाता है इनके पूर्वजों को 'मौट्टा' कहा जाता था ! वास्तव में इन्हें
लद्दाख़-लेह ज़िला
सस्पोल दुरबुक सुमुर लेह लद्दाख़ करगिल ज़िला आधिकारिक जालस्थल ज़िले का ब्योरा लद्दाख़ी खाना सिमावर्ती क्षेत्र विकास[मृत कड़ियाँ] लद्दाख़ क्षेत्र "Jammu, Kashmir
लद्दाख़-ज़ंस्कार
इसके साथ सटा हुआ लद्दाख़ का कुछ भाग कभी गुगे राज्य का भाग हुआ करता था जो कि पश्चिमी तिब्बत पर भी विस्तृत था। ज़ंस्कार का नाम लद्दाख़ी लहजे में "ज़ंग्स्कार"
लद्दाख़-लेह
लेह भारत के लद्दाख़ केन्द्र शासित प्रदेश की राजधानी है। यह लेह ज़िले का मुख्यालय है और ज़िले तथा पूरे लद्दाख़ प्रदेश का सबसे बड़ा शहर है। लेह समुद्र तल
लद्दाख़-लद्दाख स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद, लेह
लद्दाख स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद, लेह (लद्दाख ऑटोनोमस हिल डवलपमेंट काउन्सिल, लेह) (LAHDC) एक स्वायत्त पहाड़ी परिषद है जिसके अधीन भारत के उत्तरतम राज्य जम्मू
लद्दाख़-द्रास
ज़ोजिला दर्रे के चरणों में है और कश्मीर से लद्दाख़ जाने के लिये यहाँ से गुज़रना पड़ता है, जिस कारणवश इसे 'लद्दाख़ का द्वार' भी कहा जाता है। जम्मू और कश्मीर
लद्दाख़-कारगिल
द्वारा भी कारगिल पहुँचा जा सकता है। कारगिल ज़िला लद्दाख़ कारगिल ज़िले का आधिकारिक जालस्थल कारगिल, लद्दाख़ Janet Rizvi. (1996). Ladakh: Crossroads of High
लद्दाख़-राष्ट्रीय राजमार्ग १ (भारत)
(National Highway 1) भारत का एक राष्ट्रीय राजमार्ग है। यह जम्मू और कश्मीर व लद्दाख़ क्षेत्रों में स्थित है और लेह को बारामूला से जोड़ता है। राष्ट्रीय राजमार्ग
लद्दाख़-लद्दाख का इतिहास
दौरान राज्य के जन्म से पहले लद्दाख के बारे में जानकारी दुर्लभ है। 9 50 सीई के बारे में राज्य की स्थापना से पहले, लद्दाख को शायद ही एक अलग राजनीतिक इकाई
लद्दाख़-राष्ट्रीय राजमार्ग ३ (भारत)
सीमा पर स्थित अटारी से आरम्भ होकर हिमाचल प्रदेश में मनाली से निकलता हुआ लद्दाख़ के लेह शहर में अन्त होता है। राष्ट्रीय राजमार्ग (भारत) राष्ट्रीय राजमार्ग
लद्दाख़-पेन्सी ला
है जो भारत में स्थित है। यह भारत के लद्दाख़ क्षेत्र में स्थित है और "ज़ंस्कार का द्वार" कहलाता है। यह दर्रा लद्दाख़ की सुरु घाटी को ज़ंस्कार घाटी से जोड़ता
लद्दाख़-चांग ला
ला (Chang La) भारत के लद्दाख़ क्षेत्र में स्थित एक पहाड़ी दर्रा है। यह 5,360 मीटर (17,590 फ़ुट) की ऊँचाई पर काराकोरम की लद्दाख़ पर्वतमाला नामक उपश्रेणी
लद्दाख़-ज़ंग्सकारी भाषा
भारत के लद्दाख़ प्रदेश के ज़ंस्कार क्षेत्र में बोली जाने वाली एक तिब्बताई भाषा है। यह लद्दाख़ी-बलती भाषाओं के समूह की सदस्य है। ज़ंस्कार लद्दाख़ी-बलती भाषाएँ
लद्दाख़-लद्दाख की संस्कृति
लद्दाख की संस्कृति भारत में लद्दाखी लोगों द्वारा पालन किए जाने वाले पारंपरिक रीति-रिवाजों, राजनीतिक प्रणालियों को संदर्भित करती है। लद्दाख क्षेत्र की भाषाएँ
लद्दाख़-शीना भाषा
एक दार्दी भाषा है जो पाकिस्तान–नियन्त्रित गिलगित-बल्तिस्तान और भारत के लद्दाख़ और कश्मीर क्षेत्रों में बोली जाती है। जिन पाकिस्तान–नियन्त्रित वादियों
लद्दाख़-लद्दाख स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद
लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद भारत के उत्तरतम राज्य जम्मू एवं कश्मीर के लद्दाख़ क्षेत्र के पड़ोसी जिलों दो अलग-अलग प्रशासी निकायों को इंगित कर सकते
लद्दाख़-हेमिस राष्ट्रीय उद्यान
हेमिस राष्ट्रीय उद्यान या (हेमिस हाई आल्टीटयूड राष्ट्रीय उद्यान) भारत के लद्दाख़ केन्द्रशासित प्रदेश के पूर्वी भाग में काफ़ी ऊंचाई में स्थित एक राष्ट्रीय
लद्दाख़-चांगथंग
स्थित एक ऊँचा पठार है जो कुछ हद तक भारत के लद्दाख़ क्षेत्र के दक्षिणपूर्वी हिस्से में भी विस्तृत है। लद्दाख़ से शुरु होकर यह पूर्व में १,६०० कि॰मी॰ दूर
लद्दाख़-चुशूल
चुशूल (Chushul) भारत के लद्दाख़ प्रदेश के लेह ज़िले में स्थित एक गाँव है। यह चुशूल घाटी में स्थित है। यहाँ भारतीय वायु सेना की एक हवाई पट्टी है जिसका
लद्दाख़-पुरगी भाषा
(Purgi language) भारत के लद्दाख़ प्रदेश और गिलगित-बलतिस्तान के कुछ छोटे भागों में बोली जाने वाली एक तिब्बताई भाषा है। यह लद्दाख़ी-बलती भाषाओं के समूह की
लद्दाख़-शे
दूर सिन्धु नदी के किनारे बसा हुआ है। पुराने काल में शे लद्दाख़ की राजधानी रहा है। लेह ज़िला लद्दाख़ Sarina Singh, "India: Lonely Planet Guide", Lonely Planet
लद्दाख़-कारगिल ज़िला
कारगिल ज़िला, जिसे करगिल ज़िला भी कहते हैं, भारत के लद्दाख़ राज्य का एक ज़िला है। इस ज़िले का मुख्यालय कारगिल शहर है, जो द्रास से 58 किमी, श्रीनगर से
लद्दाख़-तिब्बत का पठार
काराकोरम पर्वत आते हैं। ध्यान दीजिये कि भारत का लद्दाख़ क्षेत्र भी इसी पठार पर स्थित है और जब कोई दिल्ली से लद्दाख़ जाता है तो वास्तव में वह पूरी हिमालय पर्वत
लद्दाख़-ज़ंस्कार नदी
ज़ंस्कार नदी भारत के लद्दाख़ केन्द्रशासित प्रदेश के ज़ंस्कार क्षेत्र में बहने वाली सिन्धु नदी की एक उपनदी है। ज़ंस्कार नदी के ऊपरी भाग में इसकी दो शाखाएँ
लद्दाख़-लद्दाख का भूगोल
लद्दाख भारत में सर्वाधिक ऊँचाई वाला पठार है, जो हिमालय काराकोरम पर्वत शृंखला तथा उपरी सिन्धु घाटी से मिलकर बना है। इस क्षेत्र की पर्वत शृंखला 4.5 करोड़
लद्दाख़-चांगथंग भाषा
language), जिसे ब्यांग्स्कत (Byangskat) या ऊपरी लद्दाख़ी (Upper Ladakhi) भी कहते हैं, भारत के लद्दाख़ प्रदेश और उस से सटे हुए तिब्बत के कुछ भाग के चांगथंग
लद्दाख़-लद्दाख प्रशासन
केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख का प्रशासन भारतीय केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख और उसके दो जिलों पर शासन करने वाला प्राधिकरण है। इस प्रशासन का नेतृत्व भारत के राष्ट्रपति
लद्दाख़-श्योक नदी
भारत के लद्दाख़ क्षेत्र में बहने वाली नदी है। इसका आरम्भ रिमो हिमानी में होता है जो सियाचिन हिमानी की एक जिह्वा है। काफ़ी दूरी तक यह लद्दाख पर्वत श्रेणी
लद्दाख़-द्रांग द्रुंग हिमानी
(Drang-Drung Glacier) या दुरुंग द्रुंग हिमानी (Durung Drung Glacier) भारत के लद्दाख़ क्षेत्र के कर्गिल ज़िले में स्थित एक हिमानी है। यह हिमालय की ज़ंस्कार पर्वतमाला
लद्दाख़-ससेर कांगरी
सबसे ऊँचा है। यह सब भारत के लद्दाख़ क्षेत्र में स्थित हैं। लद्दाख़ी भाषा में "ससेर" का अर्थ "पीला (रंग)" होता है और लद्दाख़ी व बलती भाषाओं में "कांगरी"
लद्दाख़-जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019
द्वितीय आदेश, 2019 द्वारा नए लद्दाख़ संघ राज्य क्षेत्र के लेह जिले को, कारगिल ज़िला बनने के बाद, 1947 के लेह और लद्दाख़ ज़िले के शेष क्षेत्र में 1947
लद्दाख़-दाह, लेह
दाह (Dah) या धा (Dha) भारत के लद्दाख़ प्रदेश के लेह ज़िले में स्थित एक ग्राम है। यह सिन्धु नदी के किनारे और हानु ग्राम के समीप बसा हुआ है। दाह और हानु
लद्दाख़-पांगोंग पर्वतमाला
range) भारत के जम्मू और कश्मीर राज्य के लद्दाख़ क्षेत्र में स्थित काराकोरम पर्वतमाला की एक उपशृंखला है। यह लद्दाख़ पर्वतमाला से समान्तर चलती है। यह चुशूल
लद्दाख़-जम्मू और कश्मीर (केंद्र शासित प्रदेश)
राज्यों हिमाचल प्रदेश और पंजाब के उत्तर में और भारत के केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख़ के पश्चिम में स्थित है। जम्मू और कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश में पुनर्गठन
लद्दाख़-कोंगका दर्रा
कोंगका दर्रा या कोंगका ला भारत के लद्दाख़ क्षेत्र में स्थित एक पहाड़ी दर्रा है। यह हिमालय की छंग-चेम्नो शृंखला में स्थित है। भारत के अनुसार यह पूर्णत:
लद्दाख़-बातालिक
बातालिक (Batalik) भारत के लद्दाख़ केन्द्रशासित प्रदेश के करगिल ज़िले में स्थित एक बस्ती है। यह सिन्धु नदी के किनारे बसा हुआ है। राष्ट्रीय राजमार्ग १ यहाँ
लद्दाख़-लामायुरु
भारत के लद्दाख़ प्रदेश के लेह ज़िले में स्थित एक गाँव है। यहाँ प्रसिद्ध [[[लामायुरु गोम्पा]] (मठ) स्थित है। लामायुरु गोम्पा लेह ज़िला लद्दाख़ Sarina Singh
लद्दाख़-ग्या, लेह
ग्या (Gya) भारत के लद्दाख़ केन्द्रशासित प्रदेश के लेह ज़िले में स्थित एक बस्ती है। यह लेह-मनाली राजमार्ग पर त्सो कार और स्तारत्सापुक त्सो नामक झीलों के
लद्दाख़-चोग्लमसर
चोग्लमसर (Choglamsar) या चुग्लमसर (Chuglamsar) भारत के लद्दाख़ केन्द्रशासित प्रदेश के लेह ज़िले में स्थित एक बस्ती है। यह सिन्धु नदी के किनारे बसा हुआ
लद्दाख़-दाह हानु
दाह (Dah) और हानु (Hanu) भारत के लद्दाख़ प्रदेश के लेह ज़िले में स्थित दो ग्रामों का सामूहिक नाम है - दाह और हानु। दाह सिन्धु नदी के किनारे बसा हुआ है
लद्दाख़-रोड टू लद्दाख (2008 फ़िल्म)
रोड टू लद्दाख 2008 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। इरफ़ान ख़ान - शफ़ीक कोयल पुरी - शैरोन रोड टू लद्दाख इंटरनेट मूवी डेटाबेस पर
लद्दाख़-रंगदुम
रंगदुम (Rangdum) भारत के लद्दाख़ केन्द्रशासित प्रदेश के करगिल ज़िले में स्थित एक बस्ती है। यह 3,657 मीटर (11,998 फ़ुट) की ऊँचाई पर स्थित एक घाटी है जो
लद्दाख़-बलती भाषा
तिब्बताई भाषा है जो पाक-अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बल्तिस्तान क्षेत्र और भारत के लद्दाख़ केन्द्रशासित प्रदेश के करगिल क्षेत्र में बोली जाती है। यह आधुनिक तिब्बती
लद्दाख़-त्सराप नदी
त्सराप नदी, जिसे लद्दाख़ी भाषा में त्सराप चु कहा जाता है, भारत के लद्दाख़ प्रदेश के ज़ंस्कार क्षेत्र और हिमाचल प्रदेश के लाहौल और स्पीति ज़िले में बहने
लद्दाख़-सांकू
सांकू (Sankoo) भारत के लद्दाख़ केन्द्रशासित प्रदेश के करगिल ज़िले में स्थित एक बस्ती है। यह सुरु नदी और नकपोचू नदी के यहाँ से निकलने से एक हरा-भरा क्षेत्र
लद्दाख़-लद्दाख जिला
जिला 1 जुलाई 1979 तक भारत के जम्मू और कश्मीर राज्य का एक जिला था, जब इसे लेह जिले और कारगिल जिले में विभाजित किया गया था।
लद्दाख़-फोबरंग
फोबरंग (Phobrang) भारत के लद्दाख़ प्रदेश के लेह ज़िले में स्थित एक बस्ती है। लेह ज़िला लद्दाख़ Sarina Singh, "India: Lonely Planet Guide", Lonely Planet
लद्दाख़-फोतु ला
ला (Fotu La) या फातु ला (Fatu La) भारत के लद्दाख़ प्रदेश में हिमालय पर्वतों में एक पहाड़ी दर्रा है। यह लद्दाख़ के लेह शहर को जम्मू और कश्मीर के श्रीनगर
लद्दाख़-करग्याम
करग्याम (Kargyam) भारत के लद्दाख़ प्रदेश के लेह ज़िले में स्थित एक बस्ती है। लेह ज़िला लद्दाख़ Sarina Singh, "India: Lonely Planet Guide", Lonely Planet
लद्दाख़-शाचोकोल
शाचोकोल (Shachokol) भारत के लद्दाख़ प्रदेश के लेह ज़िले में स्थित एक बस्ती है। लेह ज़िला लद्दाख़ Sarina Singh, "India: Lonely Planet Guide", Lonely Planet
लद्दाख़-स्कर्दू ज़िला
स्कर्दू इलाक़े में अधिकतर तिब्बती मूल के बालती व लद्दाख़ी लोग रहते हैं। सांस्कृतिक रूप से यह भारत के लद्दाख़ क्षेत्र का भाग है, हालांकि यहाँ के अधिकतर लोग
लद्दाख़-तकथोक मठ
तकथोक मठ (Takthok Monastery) या थगथोग मठ (Thag Thog) भारत के लद्दाख़ क्षेत्र के लेह ज़िले की लेह तहसील के सक्ती गाँव में स्थित एक तिब्बती बौद्ध मठ है।
लद्दाख़-साबू, लेह
साबू (Saboo) भारत के लद्दाख़ केन्द्रशासित प्रदेश के लेह ज़िले में स्थित एक गाँव है। लेह ज़िला लद्दाख़ Sarina Singh, "India: Lonely Planet Guide", Lonely
लद्दाख़-तकमाचिक
तकमाचिक (Takmachik) भारत के लद्दाख़ प्रदेश के लेह ज़िले में स्थित एक बस्ती है। यह लामायुरु से उत्तर में स्थित है। लेह ज़िला लद्दाख़ Sarina Singh, "India: Lonely
लद्दाख़-शिंगो नदी
है। यह ओल्डिंग के पास बाईं ओर सिंधु नदी में शामिल हो जाता है शिंगो नदी लद्दाख़ के भारतीय- और पाकिस्तानी प्रशासित हिस्सों को विभाजित करने वाली नियंत्रण
लद्दाख़-कारू, लेह
कारू (Saboo) भारत के लद्दाख़ केन्द्रशासित प्रदेश के लेह ज़िले में स्थित एक गाँव है। यह सिन्धु नदी के किनारे बसा हुआ है। लेह-मनाली राजमार्ग यहाँ समीप से
लद्दाख़-लद्दाख लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र
लद्दाख लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र भारत के केन्द्र शासित प्रदेशलोक सभा निर्वाचन क्षेत्र है। लोक सभा निर्वाचन क्षेत्रों की सूची
लद्दाख़-स्पितुक
(Spituk) भारत के लद्दाख़ केन्द्रशासित प्रदेश के लेह ज़िले में स्थित एक बस्ती है। यह सिन्धु नदी के किनारे बसा हुआ है। लेह ज़िला लद्दाख़ Sarina Singh, "India:
लद्दाख़-चीन प्रशासित लद्दाख का क्षेत्र (अक्साई चिन)
भारत चीन से इतना ही एरिया वापस लेगा। भारत से तुर्किस्तान का व्यापार मार्ग लद्दाख़ और अक्साई चिन के रास्ते से होते हुए काश्गर शहर जाया करता था।[2] १९५० के
लद्दाख़-नुरला
लद्दाख़ प्रदेश के लेह ज़िले में स्थित एक बस्ती है। यह सिन्धु नदी के किनारे बसा हुआ है और राष्ट्रीय राजमार्ग 1 यहाँ से गुज़रता है। लेह ज़िला लद्दाख़ Sarina
लद्दाख़-बासगो
बासगो (Basgo) भारत के लद्दाख़ केन्द्रशासित प्रदेश के लेह ज़िले में स्थित एक बस्ती है। यह सिन्धु नदी के किनारे बसा हुआ है। राष्ट्रीय राजमार्ग १ यहाँ से
लद्दाख़-हानु, लेह
हानु (Hanu) भारत के लद्दाख़ प्रदेश के लेह ज़िले में स्थित दो ग्रामों का सामूहिक नाम है - योगमा हानु (Yogma Hanu) और गोमा हानु (Goma Hanu)। यह दाह ग्राम
लद्दाख़-दौलत बेग ओल्दी
दौलत बेग ओल्दी भारत के जम्मू व कश्मीर राज्य के लद्दाख़ प्रदेश में स्थित एक स्थान है। यहाँ भारत की एक सैनिक चौकी है और यह ऐतिहासिक रूप से भारत और पूर्वी
लद्दाख़-तांग्त्से
जिसे तांक्त्से (Tanktse) और तांक्से (Tankse) भी कहा जाता है, भारत के लद्दाख़ केन्द्रशासित प्रदेश के लेह ज़िले में स्थित एक गाँव है। यह उत्तर में नुब्रा
लद्दाख़-लुंगालाचा ला
लुंगालाचा ला या लाचुलुंग ला भारत के लद्दाख़ प्रदेश में लेह-मनाली राजमार्ग पर स्थित हिमालय में एक पहाड़ी दर्रा है। यह सरचु से 54 किमी और पंग से 24 किमी
लद्दाख़-गान्चे ज़िला
मुख्यालय है। गान्चे में तिब्बती मूल के बलती व लद्दाख़ी लोग रहते हैं। सांस्कृतिक रूप से यह भारत के लद्दाख़ क्षेत्र का भाग है, हालांकि यहाँ के अधिकतर लोग
लद्दाख़-लद्दाख यूनियन टेरेटरी फ्रंट
लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश मोर्चा ( LUTF ) भारत के लद्दाख में राजनीतिक दलों का एक समूह था । [1] इसका मूल उद्देश्य लद्दाख के लिए केंद्रशासित प्रदेश के लिए
लद्दाख़-सक्ती, लेह
(Sakti) भारत के जम्मू और कश्मीर राज्य के लद्दाख़ क्षेत्र के लेह ज़िले की लेह तहसील में स्थित एक गाँव है। लद्दाख़ में तिब्बती बौद्ध धर्म के न्यिंगमा सम्प्रदाय
लद्दाख़-निम्मो
निम्मो (Nimmoo) या निम्मू (Nimmu) भारत के जम्मू और कश्मीर राज्य के लद्दाख़ क्षेत्र के लेह तहसील में स्थित एक बस्ती है। यहाँ ज़ंस्कार नदी का सिन्धु नदी
लद्दाख़-नामिका ला
नामिका ला (Namika La) भारत के लद्दाख़ प्रदेश में हिमालय पर्वतों में एक पहाड़ी दर्रा है। यह लद्दाख़ के लेह शहर को जम्मू और कश्मीर के श्रीनगर शहर से जोड़ने
लद्दाख़-लद्दाख फुटबॉल टीम
लद्दाख फुटबॉल टीम एक भारतीय फुटबॉल टीम है जो संतोष ट्रॉफी सहित भारतीय राज्य फुटबॉल प्रतियोगिताओं में लद्दाख का प्रतिनिधित्व करती है। यह एआईएफएफ से संबद्ध
लद्दाख़-ससेर मुज़ताग़
ससेर मुज़ताग़ (Saser Muztagh) भारत के जम्मू और कश्मीर राज्य के लद्दाख़ क्षेत्र में स्थित एक पर्वतमाला है, जो महान काराकोरम पर्वतमाला की पूर्वतम उपश्रेणी
लद्दाख़-सुरु नदी (सिंधु)
है। कारगिल शहर सुरु नदी के तट पर स्थित सबसे बड़ा शहर है, जो लेह के बाद लद्दाख़ क्षेत्र का दूसरा सबसे बड़ा शहर भी है। कुशल सिल्क रोड की एक शाखा कारगिल
लद्दाख़-पांगोंग त्सो
(या पांगोंग झील; त्सो: लद्दाख़ी में झील) हिमालय में एक झील है जिस्की उचाई लगभग 4500 मीटर है। यह 134 किमी लंबी है और भारत के लद्दाख़ से तिब्बत पहूँचती है।
लद्दाख़-पदम
पदम भारत के लद्दाख़ केन्द्रशासित प्रदेश के करगिल ज़िले की ज़ंस्कार तहसील का मुख्यालय है। इसका नाम पद्मसंभव के नाम पर पड़ा। यह ज़ंस्कार घाटी का यह एकमात्र
लद्दाख़-टागलांग ला
है। यह 5,328 मीटर (17,480 फ़ुट) की ऊँचाई पर उपशी से दक्षिण में स्थित है। लद्दाख़ उपशी लेह-मनाली राजमार्ग "The Rough Guide to India Archived 2017-02-19 at
लद्दाख़-सोनमर्ग
(ग्लेशियर) स्थित हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग १ इसे पश्चिम में श्रीनगर और पूर्व में लद्दाख़ से जोड़ता है। मर्ग का अर्थ 'घास का खुला मैदान' होता है। सोनमर्ग का मतलब
लद्दाख़-राष्ट्रीय राजमार्ग ३०१ (भारत)
राजमार्ग ३०१ (National Highway 301) भारत का एक राष्ट्रीय राजमार्ग है। यह लद्दाख़ में करगिल से पदम तक जाता है। यह राष्ट्रीय राजमार्ग १ का एक शाखा मार्ग है।
लद्दाख़-लद्दाख के जिले
यह सूची लद्दाख केन्द्र शासित प्रदेश के जिलों की है:- कारगिल जिला लेह जिला
लद्दाख़-ज़ोजिला दर्रा
'दर्रा' शब्दों का अर्थ एक ही हैं। ज़ोजी ला एक उच्च पर्वतीय दर्रा है जो भारतीय लद्दाख क्षेत्र के हिमालय में स्थित है। कारगिल जिले में स्थित यह दर्रा कश्मीर घाटी
लद्दाख़-भारत के स्वायत्त क्षेत्र
हिल्स जिला लद्दाख स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद, करगिल लद्दाख स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद लद्दाख स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद, लेह लद्दाख स्वायत्त पर्वतीय
लद्दाख़-रिमो मुज़ताग़
रिमो मुज़ताग़ (Rimo Muztagh) भारत के जम्मू और कश्मीर राज्य के लद्दाख़ क्षेत्र में स्थित एक पर्वतमाला है, जो महान काराकोरम पर्वतमाला की एक उपश्रेणी है।
लद्दाख़-चांगपा
(Changpa) या चाम्पा तिब्बती मूल का एक बंजारा मानव समुदाय है जो भारत के लद्दाख़ क्षेत्र के चांगथंग इलाके में बसते हैं। इनकी कुछ संख्या तिब्बत में आने वाले
लद्दाख़-रुपशू
32.968125; 78.2639885 रुपशू (Rupshu) भारत के जम्मू और कश्मीर राज्य के लद्दाख़ क्षेत्र के दक्षिणपूर्वी भाग में स्थित एक ऊँचा पठार व घाटियों का एक भूखण्ड
लद्दाख़-काराकोरम
शृंखला है जिसका विस्तार पाकिस्तान, भारत और चीन के क्रमश: गिलगित-बल्तिस्तान, लद्दाख़ और शिन्जियांग क्षेत्रों तक है। यह एशिया की विशाल पर्वतमालाओं में से एक
लद्दाख़-भवानी भट्टाचार्य
भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक उपन्यास शैडो फ्रॉम लद्दाख़ के लिये उन्हें सन् 1967 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
लद्दाख़-गलवान नदी
गलवान नदी (Galwan River) भारत के लद्दाख़ क्षेत्र में बहने वाली एक नदी है। यह अक्साई चिन क्षेत्र में उत्पन्न होती है, जो चीन के क़ब्ज़े में है लेकिन जिसपर
लद्दाख़-खपलू
भारत के लद्दाख़ क्षेत्र का भाग है, हालांकि यहाँ के अधिकतर लोग धार्मिक दृष्टि से मुस्लिम हैं। यहाँ अधिकतर बलती भाषा बोली जाती है जो लद्दाख़ी भाषा के क़रीब
लद्दाख़-बारालाचा दर्रा
ऊँचाई पर स्थित एक पर्वतीय दर्रा है। यह हिमाचल प्रदेश के लाहौल क्षेत्र को लद्दाख़ प्रदेश के लेह ज़िले से जोड़ता है और इसमें से लेह-मनाली राजमार्ग गुज़रता
लद्दाख़-जम्मू और कश्मीर
के तीन मुख्य अंचल हैं : जम्मू (हिन्दू बहुल), कश्मीर (मुस्लिम बहुल) और लद्दाख़ (बौद्ध बहुल)। प्रदेश की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर है और शीतकालीन राजधानी
लद्दाख़-देमचोक
देमचोक (लद्दाख़ी: ཌེམ་ཆོག་, Demchok) या डेमजोक (Demjok) भारत के लद्दाख़ राज्य के लेह ज़िले में स्थित एक गाँव व सैनिक खेमा है। यह अक्साई चिन क्षेत्र से
लद्दाख़-शिंगो ला
हिमालय का एक पहाड़ी दर्रा है जो भारत में स्थित है। यह हिमाचल प्रदेश और लद्दाख़ राज्यों की सीमा पर स्थित है और ज़ंस्कार की पदुम बस्ती को लाहौल की दारचा
लद्दाख़-डोडा नदी
डोडा नदी (Doda River) या स्तोद नदी (Stod River) भारत के लद्दाख़ प्रदेश के ज़ंस्कार क्षेत्र में बहने वाली एक 79 किमी लम्बी नदी है। यह पेन्सी ला (दर्रे)
लद्दाख़-के१२ पर्वत
के१२ (K12) भारत के लद्दाख़ क्षेत्र में काराकोरम पर्वतमाला की साल्तोरो पर्वतमाला नामक उपश्रेणी में स्थित एक ऊँचा पर्वत है और विश्व का 61वाँ सर्वोच्च पर्वत
लद्दाख़-गिलगित-बल्तिस्तान
000 है। 1970 में "उत्तरी क्षेत्र” नामक यह प्रशासनिक इकाई, गिलगित एजेंसी, लद्दाख़ वज़ारत का बल्तिस्तान ज़िला, हुन्ज़ा और नगर नामक राज्यों के विलय के पश्चात
लद्दाख़-तिब्बती लिपि
लिपि भारतीय मूल की ब्राह्मी परिवार की लिपि है। इसका उपयोग तिब्बती भाषा, लद्दाखी भाषा तथा कभी-कभी बलती भाषा को लिखने के लिये किया जाता है। इसकी रचना ७वीं
लद्दाख़-सोनम वांगचुक
मूवमेंट ऑफ लद्दाख (एसईसीओएमएल) के संस्थापक-निदेशक भी हैं। संस्थापक छात्रों के अनुसार वो एक ऐसी विदेशी शिक्षा प्रणाली के पीड़ित हैं जिसे लद्दाख पर थोपा गया
लद्दाख़-कुशोक बकुला रिंपोचे विमानपत्तन
आईएक्सएल ; आईसीएओ: वीआईएचएच) लद्दाख की राजधानी लेह में निर्मित भारत का एक हवाई अड्डा है। यह समुद्र के स्तर से 3,256 मीटर ऊपर लेख लद्दाख के पहाड़ों के बीच स्थित
लद्दाख़-पिनेकल पर्वत
पिनेकल पर्वत (Pinnacle Peak) भारत के लद्दाख़ केन्द्रशासित प्रदेश में स्थित 6,930 मीटर (22,740 फुट) ऊँचा एक शिखर है। यह नुन कुन पर्वतीय पुंजक का भाग है
लद्दाख़-सुरु घाटी
सुरु घाटी (Suru Valley) भारत के लद्दाख़ केन्द्र-शासित प्रदेश में स्थित एक पर्वतीय घाटी है। इसका नाम इसमें बहने वाली सुरु नदी पर पड़ा है। यह एक रमणीय स्थल
लद्दाख़-द्रास नदी
द्रास नदी (Dras River) भारत के लद्दाख़ क्षेत्र के कर्गिल ज़िले में बहने वाली एक नदी है। यह ज़ोजिला दर्रे के समीप माचोई हिमानी में उत्पन्न होती है और खरबू
लद्दाख़-तुरतुक
तुरतुक भारत के लद्दाख़ के लेह जिले में एक गांव है। यह श्योक नदी के किनारे लेह शहर से 205 किमी दूर नुब्रा तहसील में स्थित है। 1971 तक तुरतुक पाकिस्तान
लद्दाख़-जमयांग सेरिंग नामग्याल
से भारत की सबसे बड़ी संसदीय सीट लद्दाख लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से लोक सभा सदस्य हैं। नामग्याल को 9 नवंबर 2018 को, लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद, लेह
लद्दाख़-घेंट कांगरी
घेंट कांगरी (Ghent Kangri) या घेंत कांगरी या घेंत १ (Ghent I) लद्दाख़ में काराकोरम पर्वतमाला की साल्तोरो पर्वतमाला नामक उपश्रेणी में स्थित एक ऊँचा पर्वत
लद्दाख़-तिब्बत
तिब्बत एवं शिंजियांग को मिलानेवाले तिब्बत-शिंजियांग राजमार्ग का निर्माण जो लद्दाख़ के अक्साई चिन इलाक़े से होकर जाती है पूर्ण हो चुका है। ल्हासा - पीकिंग
लद्दाख़-सुम्गल
सुम्गल लद्दाख़ के अक्साई चीन क्षेत्र में काराकाश नदी की वादी में स्थित एक उजड़ी हुई बस्ती है। यह उस क्षेत्र में पड़ता है जिसे भारत अपना अंग मानता है लेकिन
लद्दाख़-खलात्से
खलात्से (Khalatse), जिसे कभी-कभी खालसी (Khalsi) भी कहा जाता है, भारत के लद्दाख़ प्रदेश के लेह ज़िले में स्थित एक नगर है। यह ज़िले में तहसील का दर्जा रखता
लद्दाख़-१९वें कुशक बकुला रिनपोछे
मई, 1917 - 4 नवम्बर, 2003) कुशक बकुला रिनपोछे के अवतार माने जाते हैं। वे लद्दाख के सर्वाधिक प्रसिद्ध लामाओं में से एक थे। वे भारत के अन्तरराष्ट्रीय राजनयिक
लद्दाख़-फुक्शे
फुक्शे एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड (आईसीएओ: VI66) भारत के लद्दाख़ केंद्र शासित प्रदेश के देमचोक सेक्टर में एक हवाई क्षेत्र है। यह 1962 के भारत-चीन युद्ध
लद्दाख़-तेरम कांगरी
पर्वत है और यह विश्व का ५६वाँ सर्वोच्च पर्वत भी है। तेरम कांगरी भारत के लद्दाख़ क्षेत्र में स्थित है और इसका कुछ भाग चीन के क़ब्ज़े वाली शक्सगाम घाटी में
लद्दाख़-परकाचिक हिमानी
(Parkachik Glacier), जिसे शाफत हिमानी (Shafat Glacier) भी कहते हैं, भारत के लद्दाख़ व जम्मू और कश्मीर केन्द्रशासित प्रदेशों की सीमा पर हिमालय में स्थित एक
लद्दाख़-कंगजू कांगरी
कंगजू कांगरी (Kangju Kangri) भारत के लद्दाख़ क्षेत्र में काराकोरम पर्वतमाला में स्थित एक पर्वत है। यह 6,725 मीटर ऊँचा है और काराकोरम की पंगोंग पर्वतमाला
लद्दाख़-पश्चिमी हिमालय
दक्षिणी ताजिकिस्तान के बदख़्शान क्षेत्र से उत्तर भारत के जम्मू और कश्मीर, लद्दाख़ और हिमाचल प्रदेश राज्यों तक विस्तारित है। पश्चिमोत्तर भारतीय उपमहाद्वीप
लद्दाख़-चोरबत घाटी
इसका कुछ भाग भारत द्वारा नियंत्रित क्षेत्र में आता है और प्रशासनिक रूप से लद्दाख़ के लेह ज़िले का भाग है। चोरबत घाटी से श्योक नदी गुज़रती है और घाटी काराकोरम
लद्दाख़-ज़ांगला
ज़ांगला (Zangla) भारत के लद्दाख़ केन्द्रशासित प्रदेश के करगिल ज़िले की ज़ंस्कार तहसील में एक गाँव है। ऐतिहासिक दृष्टि से यह ज़ंस्कर साम्राज्य की दो राजधानियों
लद्दाख़-गंधारी घाटी, किश्तवाड़
किश्तवाड़ ज़िले में स्थित एक पर्वतीय घाटी है। यह पाड्डर घाटी का एक भाग है और लद्दाख़ व हिमाचल प्रदेश से सीमा रखती है। बटवास पाड्डर घाटी किश्तवाड़ ज़िला "District
लद्दाख़-चांग चेनमो नदी
चांग चेनमो नदी (Chang Chenmo River) भारत के लद्दाख़ क्षेत्र में बहने वाली एक नदी है। यह अक्साई चिन क्षेत्र में उत्पन्न होती है, जो चीन के क़ब्ज़े में
लद्दाख़-दुरबुक
दुरबुक (Durbuk) या दुरबोक (Durbok) भारत के लद्दाख़ केन्द्रशासित प्रदेश के लेह ज़िले में स्थित एक नगर है। यह ज़िले में तहसील का दर्जा रखता है। लेह ज़िला
लद्दाख़-भारत के राज्य और संघ क्षेत्र और उनके दो वर्ण वाले कोड
बिहार छत्तीसगढ़ दिल्ली गोवा गुजरात हरियाणा हिमाचल प्रदेश जम्मू और कश्मीर लद्दाख़ झारखण्ड कर्नाटक केरल मध्य प्रदेश महाराष्ट्र मणिपुर मेघालय मिज़ोरम नागालैण्ड
लद्दाख़-गद्दी
ये जाति भारत के उत्तराखंड ,हिमाचल प्रदेश , जम्मू व कश्मीर , पाकिस्तान , लद्दाख में पाई जाती है गद्दी जाति पहाड़ी गड़ेरिय होते है | ये धनगर जाति का अंग
लद्दाख़-अक्साई चिन
भारत चीन से इतना ही एरिया वापस लेगा। भारत से तुर्किस्तान का व्यापार मार्ग लद्दाख़ और अक्साई चिन के रास्ते से होते हुए काश्गर शहर जाया करता था। १९५० के दशक
लद्दाख़-महाखड्ड
सबसे गहरा नदी गार्ज है। सिंधु नदी जांस्कर और लद्दाख श्रेणियों के मध्य बहती है,जो बुंजी नामक स्थान पर लद्दाख श्रेणी को काटकर भारत के सबसे गहरे गार्ज (5200मी°)
लद्दाख़-कश्मीर
पूर्व रियासत के लगभग आधे क्षेत्र पर नियन्त्रण है, जिसमें जम्मू और कश्मीर और लद्दाख शामिल हैं, जबकि पाकिस्तान एक तिहाई क्षेत्र को नियन्त्रित करता है, जो दो
लद्दाख़-राधाकृष्ण माथुर
राधाकृष्ण माथुर भारत के लद्दाख केन्द्र शासित प्रदेश के उपराज्यपाल हैं।
लद्दाख़-चिप चाप नदी
चिप चाप नदी (Chip Chap River) भारत के लद्दाख़ क्षेत्र में बहने वाली एक नदी है। यह अक्साई चिन क्षेत्र में उत्पन्न होती है, जो चीन के क़ब्ज़े में है लेकिन
लद्दाख़-दिस्कित
दिस्कित (Diskit) भारत के लद्दाख़ केन्द्रशासित प्रदेश के लेह ज़िले में स्थित एक गाँव है। यह नुब्रा घाटी का मुख्य नगर भी है। दिस्कित नुब्रा (Diskit Nubra)
लद्दाख़-सस्पोल
सस्पोल (Suspol) भारत के लद्दाख़ प्रदेश के लेह ज़िले में स्थित एक गाँव है। यह ज़िले में तहसील का दर्जा रखता है। यहाँ प्रसिद्ध सस्पोल गुफाएँ हैं, जिनमें
लद्दाख़-नुब्रा नदी
नुब्रा नदी (Nubra River) भारत के लद्दाख़ क्षेत्र की नुब्रा घाटी में बहने वाली एक नदी है। यह सियाचिन हिमानी में लगभग 5,753 मीटर की ऊँचाई पर उत्पन्न होती
लद्दाख़-तिब्बती बौद्ध धर्म
की एक उपशाखा है जो तिब्बत, मंगोलिया, भूटान, उत्तर नेपाल, उत्तर भारत के लद्दाख़, अरुणाचल प्रदेश, लाहौल व स्पीति ज़िले और सिक्किम क्षेत्रों, रूस के कालमिकिया
लद्दाख़-सस्पोल गुफाएँ
सस्पोल गुफाएँ (Saspol Caves) भारत के लद्दाख़ केन्द्रशासित प्रदेश के लेह ज़िले में सस्पोल बस्ती के पीछे स्थित पहाड़ों में कुछ गुफाएँ हैं। इनमें चित्रकारी
लद्दाख़-सुमुर
सुमुर (Sumur) भारत के लद्दाख़ प्रदेश के लेह ज़िले में स्थित एक गाँव है। यह ज़िले में तहसील का दर्जा रखता है। लेह ज़िला "Jammu, Kashmir, Ladakh: Ringside
लद्दाख़-राष्ट्रीय राजमार्ग २१९ (चीन)
इसे देखकर सितम्बर १९५७ में दिल्ली में भारत सरकार को सतर्क किया। उस समय लद्दाख़ में भयंकर सर्दी थी इसलिए जुलाई १९५८ में भारत सरकार ने दो दस्ते सड़क का
लद्दाख़-सरचु
स्पीति ज़िले में लेह-मनाली राजमार्ग पर स्थित एक बस्ती है। हिमाचल प्रदेश और लद्दाख़ की सीमा के पास स्थित इस पड़ाव के दक्षिण में बड़ालाचा ला और उत्तर में लुंगालाचा
लद्दाख़-मोहम्मद हनीफा
एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं जो लद्दाख के कारगिल जिले से हैं। वह लद्दाख लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हुए लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश से 18वीं
लद्दाख़-भारतीय खगोलीय वेधशाला
भारतीय खगोलीय वेधशाला (Indian Astronomical Observatory (IAO)) दक्षिण पूर्व लद्दाख में लेह के निकट हान्ले में स्थित है। प्रकाशीय तथा अवरक्त खगोल-भौतिकी हेतु
लद्दाख़-जोरावर सिंह कहलुरिया
जोरावर सिंह कहलुरिया (1786-1841) भारत के एक महान सेनानायक थे। उन्होने लद्दाख, तिब्बत, बल्तिस्तान, स्कर्दू आदि क्षेत्रों को जीता था जिससे उन्हें 'भारत का
लद्दाख़-केन्द्र-शासित प्रदेश
जम्मू और कश्मीर - 5 अगस्त 2019 को घोषित और 31 अक्टूबर 2019 से प्रभावी। लद्दाख - 5 अगस्त 2019 को घोषित और 31 अक्टूबर 2019 से प्रभावी। इतिहास यह लेख इस
लद्दाख़-दार्द लोग
हिन्द-आर्य लोगों की एक उपशाखा है। दार्द लोग मुख्य रूप से उत्तर भारत के कश्मीर व लद्दाख़ क्षेत्र, पाक-अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बल्तिस्तान क्षेत्र, पाकिस्तान के ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा
लद्दाख़-लेह-मनाली राजमार्ग
मनाली लेह राजमार्ग उत्तर भारत में हिमाचल प्रदेश के मनाली और लद्दाख़ के लेह को जोड़ने वाला राजमार्ग है। यह साल में केवल चार-पांच महीनों के लिए ही खुला
लद्दाख़-कृष्णा सोबती
का जनतंत्र -2018 मार्फ़त दिल्ली -2018 यात्रा-आख्यान- बुद्ध का कमण्डल : लद्दाख़ साहित्य अकादमी की महत्तर सदस्यता समेत कई राष्ट्रीय पुरस्कारों और अलंकरणों
लद्दाख़-खारदुंग ला
हिमालय का एक पहाड़ी दर्रा है, जो लद्दाख के लेह जिले में है। इसे खारदोंग ला या खर्दज़ॉंग ला के नाम से भी जाना जाता है। लद्दाख सीमा पर यह दर्रा लेह के उत्तर
लद्दाख़-ज़ांस्करी
ज़ांस्करी उत्तर भारत के लद्दाख में पाया जाने वाला घोड़ा प्रजाति का जीव है। इसका नाम कारगिल ज़िला के ज़ांस्कर घाटी के आधार पर रखा गया है। यह हिमाचल प्रदेश
लद्दाख़-ब्रोकस्कत भाषा
ब्रोकस्कत (Brokskat) या मिनारो (Minaro) भारत के लद्दाख़ प्रदेश में ब्रोकपा समुदाय द्वारा बोली जाने वाली एक लुप्तप्राय हिन्द-आर्य भाषा है। सभी दार्दी भाषाओं
लद्दाख़-भारत के क्षेत्र
प्रशासनिक सीमाओं के बाहर भी है - जैसे कश्मीर, पंजाब तथा बंगाल। कश्मीर जम्मू लद्दाख/ज़ांस्कर शृंखला(जस्कर) पंजाब सिन्ध अवध बुंदेलखंड मालवा मगध मिथिला विंध्य
लद्दाख़-गोम्पा
बौद्ध-मठ के भवन या भवनों को कहते हैं। तिब्बत, भूटान, नेपाल और उत्तर भारत के लद्दाख़, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम व अरुणाचल प्रदेश क्षेत्रों में यह कई स्थानों में
लद्दाख़-कश्मीर की संस्कृति
डोडा में ज्यादातर देखी जाती हैं। जम्मू और लद्दाख की अपनी अलग संस्कृति हैं जो कश्मीर से बहुत अलग हैं। लद्दाख की संस्कृति अपनी अनूठी भारत-तिब्बत संस्कृति
लद्दाख़-सियाचिन हिमनद
है। सियाचिन ग्लेशियर पर 1984 से भारत का नियंत्रण रहा है और भारत इसे अपने लद्दाख़ राज्य लेह ज़िले के अधीन प्रशासित करता है। पाकिस्तान ने इस क्षेत्र से भारत
लद्दाख़-नुन कुन
नुन कुन (Nun Kun) भारत के लद्दाख़ केन्द्रशासित प्रदेश में खड़ा एक पर्वतीय पुंजक (मैसिफ) है। इस पुंजक के दो शिखर हैं - 7,135 मीटर (23,409 फुट) ऊँचा नुन
लद्दाख़-कोयुल
कोयुल भारत के लद्दाख़ राज्य के लेह जिले का एक गाँव है। यह सिंधु नदी में मिलने से ठीक पहले कोयल लुंगपा नदी के तट पर न्योमा तहसील में स्थित है। कोयुल गांव
लद्दाख़-तिब्बती भाषा
को मानक तिब्बती माना जाता है। तिब्बती-बर्मी भाषा-परिवार तिब्बती साहित्य लद्दाखी भाषा (या, भोटी) तिब्बती लिपि केन्द्रीय तिब्बती अध्ययन विश्वविद्यालय महाव्युत्पत्ति
लद्दाख़-चुमिक हिमानी
चुमिक हिमानी (Chumik Glacier) भारत के लद्दाख़ क्षेत्र में स्थित एक हिमानी है। यह सियाचिन क्षेत्र में साल्तोरो पर्वतमाला की पश्चिमी ढलानों में स्थित है।
लद्दाख़-भारत के घाटियों की सूची
छत्तीसगढ़ माना घाटी, चमोली जिला, उत्तराखंड मंदाकिनी घाटी, केदारनाथ मार्खा घाटी, लद्दाख, जम्मू और कश्मीर मुश्कोह घाटी, जम्मू और कश्मीर नंदयाल घाटी, कुरनूल जिला
लद्दाख़-तिब्बताई भाषाएँ
द्वारा नियंत्रित तिब्बत, चिंगहई, गान्सू और युन्नान प्रान्तों में, भारत के लद्दाख़, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम व उत्तरी अरुणाचल प्रदेश क्षेत्रों में, पाक-अधिकृत
लद्दाख़-मध्य एशिया
उज़बेकिस्तान। इसके अलावा मंगोलिया, अफ़ग़ानिस्तान, उत्तरी पाकिस्तान, भारत के लद्दाख़ प्रदेश, चीन के शिनजियांग और तिब्बत क्षेत्रों और रूस के साइबेरिया क्षेत्र
लद्दाख़-कश्मीर विवाद
क्षेत्र के लगभग 45% भू-भाग को नियंत्रित करता है जिसमें जम्मू, कश्मीर घाटी, लद्दाख का अधिकांश भाग, सियाचिन ग्लेशियर, और इसकी 70% आबादी शामिल है; पाकिस्तान
लद्दाख़-क़ाराक़ोरम दर्रा
बीच ४,६९३ मीटर (१५,३९७ फ़ुट) की ऊँचाई पर स्थित एक पहाड़ी दर्रा है। यह लद्दाख़ के लेह शहर और तारिम द्रोणी के यारकन्द क्षेत्र के बीच के प्राचीन व्यापिरिक
लद्दाख़-नुब्रा घाटी
नुब्रा घाटी एक तीन भुजाओं वाली घाटी है जो लद्दाख घाटी के उत्तर-पूर्व में स्थित है। यह श्योक और नुब्रा नदियों के संगम से बनी है। श्योक नदी उत्तर पश्चिम
लद्दाख़-ज़ंस्कार पर्वतमाला
पर्वतमाला या ज़ंस्कार रेंज जम्मू और कश्मीर और लद्दाख के भारतीय क्षेत्रों में एक पर्वत श्रृंखला है, जो ज़ांस्कर को लद्दाख से अलग करती है। भूवैज्ञानिक रूप से, ज़ांस्कर
लद्दाख़-वास्तविक भूमीय नियंत्रण रेखा
वास्तविक भूमीय नियंत्रण रेखा (Actual Ground Position Line) या एजीपीऍल (AGPL) लद्दाख़ में स्थित वह रेखा है जो 1972 नियंत्रण रेखा के उत्तरतम बिन्दु, ऍनजे9842
लद्दाख़-लाहौली-स्पीति भाषाएँ
का एक उप-परिवार है। इसकी सदस्य भाषाएँ यहाँ से उत्तर में बोली जाने वाली लद्दाख़ी-बलती भाषाओं की तुलना में मानक तिब्बती भाषा के अधिक निकट हैं। इस भाषा समूह
लद्दाख़-आल्ची
मन करे तो लद्दाख से बेहतर और क्या हो सकता है? लद्दाख की वादियों में कुछ पल सुकून के गुज़ारने का मन तो सभी का होता है। आपको बता दें कि लद्दाख के निचले हिस्से
लद्दाख़-दरबुक-श्योक-डीबीओ मार्ग
मार्ग (Darbuk–Shyok–DBO Road) या डीएसडीबीओ मार्ग (DSDBO Road) भारत के लद्दाख़ क्षेत्र में स्थित एक महत्वपूर्ण सड़क है। यह वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास
लद्दाख़-महाराज गुलाब सिंह
करगिल और सूरु घाटी, और 1836 से 1840 के बीच बाकी के लद्दाख़ और बल्तिस्तान पर कब्ज़ा कर लिया। लद्दाख़ और उत्तरी हिमालय में डोगराओं की बढ़ती ताक़त से चिंतित
लद्दाख़-स्पीति घाटी
आबादी वज्रयान बौद्ध धर्म का अनुसरण करती है, जो कि निकटवर्ती तिब्बत और लद्दाख़ क्षेत्रों में पाया जाता है। कुंज़म दर्रा रोहतांग दर्रा "Losar - Chango
लद्दाख़-चुमार
चुमार भारत के जम्मू और कश्मीर राज्य के दक्षिणी लद्दाख क्षेत्र में स्थित सीमा चौकसी चौकी है। भारतीय एवं चीनी सैनिकों के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा पर आदान-प्रदान
लद्दाख़-लाहौल और स्पीति जिला
पूरे साल खुला रहता है। जिले़ की पूर्वी सीमा तिब्बत से मिलती है, उत्तर में लद्दाख भू-भाग (जम्मू और कश्मीर में स्थित) और किन्नौर एवं कुल्लू दक्षिण सीमा में
लद्दाख़-६ अगस्त
गई। जम्मू-कश्मीर अनुच्छेद 370 और 35 A का समापन और नये केन्द्र शासित राज्य लद्दाख का गठन जापान के सम्राट गो टोबा का जन्म 6 अगस्त 1180 को हुआ था. स्वतंत्रता
लद्दाख़-भारत के पारंपरिक क्षेत्र
का भारत देश न हो कर पारंपरिक भारत अर्थात् भारतीय उपमहाद्वीप समझना चाहिए। लद्दाख कश्मीर ज़ांस्कर लाहौल-स्पीति किन्नौर माझा मालवा दोआबा पंजाब (ऐतिहासिक-सम्पूर्ण
लद्दाख़-लानक दर्रा
लानक दर्रा या लानक ला लद्दाख़ के अक्साई चिन क्षेत्र और तिब्बत के न्गारी विभाग के बीच स्थित एक पहाड़ी दर्रा है। यह अक्साई चिन के दक्षिणपूर्वी क्षेत्र में
लद्दाख़-चेवांग रिंचेन
चेवांग रिनचेन (अंग्रेज़ी: Chewang Rinchen) भारत के केन्द्र शासित प्रदेश लद्दाख से भारतीय सेना के अधिकारी थे। रिन्चेन १९४७ में नुब्रा गार्ड में शामिल हुए
लद्दाख़-पाड्डर
घाटी है। यह ज़िले के पूर्वोत्तरी भाग में विस्तारित है। उत्तर में ज़ांस्कर (लद्दाख) की सीमा पर है, पूर्व में पांगी, हिमाचल प्रदेश और पश्चिम में मारवाह-वदवान
लद्दाख़-नामग्याल राजवंश
लद्दाख का नामग्याल राजवंश भागन नामक एक बास्गो राजा द्वारा स्थापित किया गया था। भागन ने लेह के राजा को पराजित करके लद्दाख को पुनः एकीकृत किया। उसने 'नामग्याल'
लद्दाख़-सेरिंग लैंडौल
लैंडौल एक भारतीय स्त्री रोग विशेषज्ञ और उत्तरी भारतीय राज्य जम्मू और कश्मीर लद्दाख क्षेत्र में महिलाओं के स्वास्थ्य के अग्रदूतों में से एक हैं। वह सोनम नोरबू
लद्दाख़-राजा रिंचन
ग्याल्बु रिंचना था, लद्दाख के एक बौद्ध राजकुमार थे, और लद्दाख के राजा, ल्हाचन नगोस-ग्रुबा के पुत्र थे, जिन्होंने 1290 से 1320 तक लद्दाख पर शासन किया था।
लद्दाख़-नेलांग घाटी
तक लद्दाख-स्पीति घाटी से मिलते जुलते हैं, जिस वजह से नेलांग घाटी को उत्तराखंड का लद्दाख कहा जाता है। "नेलांग घाटी उत्तरकाशी | उत्तराखंड का लद्दाख | How
लद्दाख़-बर्फ स्तूप
के क्षेत्र लद्दाख में सोनम वांगचुक द्वारा बर्फ स्तूप का अविष्कार किया गया और इस परियोजना को 'स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख ' द्वारा संचालित
लद्दाख़-सो मोरिरी संरक्षित आर्द्रभूमि
(तिब्बती: ལྷ་མོའི་བླ་མཚོ; वायली: lha mo bla mtsho), भारत के केन्द्रशासित प्रदेश लद्दाख में चांगथंग पठार पर स्थित एक प्राकृतिक झील है। यह झील 4,522 मी॰ (14,836 फीट)
लद्दाख़-चोग्याल
छोग्याल (संस्कृत: धर्मराज) पूर्व के सिक्किम अधिराज्य और लद्दाख जो अभी भारत में हैं के राजा हुआ करते थें, जो नामग्याल राजवंश के अलग अलग शाखाओं में शासन
लद्दाख़-हिस्पर हिमनद
लम्बा हिमनद है। वर्तमान में यह पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर का हिस्सा है और लद्दाख के बालिस्तान क्षेत्र में आता है। वस्तुतः ये इलाका एक शीत मरुस्थल है। इसके
लद्दाख़-1971 तुरतुक की लड़ाई
दिसंबर तक लड़ी गयी थी। इस लड़ाई में तुरतुक लद्दाख, जिस पर १९४७ के युद्ध में पाकिस्तान ने कब्ज़ा किया था, लद्दाख स्काउट्स और नुब्रा गार्ड्स ने पुनः कब्जा
लद्दाख़-दीपा मलिक
तक स्पेशल तरीके से बाइक राइडिंग पैन इंडिया ड्राइविंग में 3278 किमी सफर लद्दाख में सबसे ऊंची रोड पर ड्राइविंग करके पहुंचना दीपा ने मार्च २०१९ में भारतीय
लद्दाख़-भारतीय हिमालयी क्षेत्र
दक्षिण में ज़ांस्कर और लद्दाख शृंखला हैं। भारत में ट्रांस-हिमालय शृंखला में काराकोरम, ज़ांस्कर और लद्दाख रेंज शामिल हैं जो लद्दाख और हिमाचल प्रदेश से होकर
लद्दाख़-डोगरा-तिब्बती युद्ध
सिंह के कमांडर सक्षम जनरल ज़ोरावर सिंह कहलुरिया थे, जिन्होंने लद्दाख की विजय के बाद, लद्दाख में व्यापार मार्गों को नियंत्रित करने के लिए अपनी सीमाओं का
लद्दाख़-अक्साई चिन झील
(अंग्रेज़ी: Aksai Chin Lake; चीनी: 阿克赛钦湖, Akesaiqin Hu, अकेसाईचिन हू) लद्दाख़ के अक्साई चिन क्षेत्र में स्थित एक बन्द जलसम्भर झील है। इस इलाक़े को भारत
लद्दाख़-जम्मू और कश्मीर (रियासत)
ईस्ट इंडिया कंपनी ने अपने द्वारा सिखों से जीते गये कश्मीर घाटी, जम्मू, लद्दाख, और गिलगित-बाल्टिस्तान को ७५ (75) लाख रुपये में जम्मू के महाराजा गुलाब सिंह
लद्दाख़-रोहतांग दर्रा
में मनाली से 51 किमी दूर है। यह पूरे वर्ष हिमग्रस्त रहता है। हिमाचल को लद्दाख़ से जोड़ने वाला मनाली लेह राजमार्ग इस दर्रे से गुज़रता है। यह दर्रा मौसम
लद्दाख़-यारकन्द ज़िला
काश्गर और ख़ोतान शहरों के बीच स्थित है। किसी ज़माने में कश्मीर से व्यापारी लद्दाख़ और काराकोरम दर्रे से होते हुए यहाँ माल लिए हुए आया करते थे। आधुनिक युग
लद्दाख़-शायदुल्ला
Xaidulla या Shahidulla) काराकाश नदी के किनारे स्थित एक स्थान है। यहाँ भारत के लद्दाख़ क्षेत्र से काराकोरम दर्रा पार करके पूर्व तुर्किस्तान में तारिम द्रोणी के
लद्दाख़-भीमगढ़ किला
बन्धु (१९८९). Jammu, Kashmir and Ladakh: Tourist Guide [जम्मू, कश्मीर और लद्दाख: पर्यटक पथप्रदर्शक] (अंग्रेज़ी में). अमोल पब्लिकेशन्स प्राइवेट लिमिटेड.
लद्दाख़-त्सुल्त्रिम चोंजोर
त्सुल्ट्रिम चोनजोर, जिन्हें चुल्टिम चोनजोर के नाम से भी जाना जाता है, एक लद्दाख के स्टोंगडे गांव के भारतीय सामाजिक कार्यकर्ता हैं। भारत सरकार ने उन्हें
लद्दाख़-राकापोशी
पर्वत है। स्थानीय भाषा में 'राकापोशी' का अर्थ है - बर्फ से ढका हुआ। यह लद्दाख पर्वत श्रेणी में स्थित है। यह विश्व का 27वां सर्वोच्च पर्वत है। इस पर सबसे
लद्दाख़-देपसंग मैदान
देपसंग मैदान (Depsang Plains) भारत के जम्मू व कश्मीर के पूर्वी भाग में लद्दाख़ क्षेत्र और चीन-अधिकृत अक्साई चिन क्षेत्र की सीमा पर स्थित एक ऊँचा मैदानी
लद्दाख़-थुप्सतान छेवांग
सोलहवीं लोकसभा में सांसद हैं। 2014 के चुनावों में इन्होंने जम्मू और कश्मीर की लद्दाख सीट से भारतीय जनता पार्टी की ओर से भाग लिया। भारत के राष्ट्रीय पोर्टल पर