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के शहरों पहाड़ों:
पहाड़ों-पहाड़ी भाषाएँ
कश्मीर के पूर्व से लेकर नेपाल तक पहाड़ी भाषाएँ बोली जाती हैं। ग्रियर्सन ने आधुनिक भारतीय आर्यभाषाओं का वर्गीकरण करते समय पहाड़ी भाषाओं का एक स्वतंत्र समुदाय
पहाड़ों-इलायची पहाड़ियाँ
इलायची पहाड़ियाँ भारत के पश्चिमी घाट की पर्वतमाला की पहाड़ियाँ हैं। कार्डेमम का हिन्दी अर्थ इलाइची होता है। भारत के भौगोलिक द्र्ष्टिकोण से यह दक्षिण भारत
पहाड़ों-सरवात पहाड़ियाँ
हैं। सरवात पहाड़ों का सबसे ऊँचा पहाड़ ३,६६६ मीटर ऊँचा जबल अल-नबी शुएब पहाड़ है। यह यमन में स्थित और पूरे अरबी प्रायद्वीप का सबसे ऊँचा पहाड़ भी है। प्रमुख
पहाड़ों-पर्वत
ज्वालामुखी पर्वत अवशिष्ट पर्वत पहाड़ों पर ऊंचाई के कारण समान अक्षांश के समुद्र तल की तुलना में मौसम ठंडा रहता है। ये ठंडे मौसम पहाड़ों के पारिस्थितिक तंत्र को
पहाड़ों-पहाड़ी चित्रकला शैली
पहाड़ी चित्रकला एक प्रमुख भारतीय चित्रकला शैली हैं। . विद्वानों के अनुसार जम्मू और कश्मीर प्रदेश में स्थित बसोहली पहाड़ी शैली को विकास का पालन कहा जाता
पहाड़ों-हजर पहाड़
हजर पहाड़ (अरबी: جبال الحجر, जबाल अल-हजर, अंग्रेज़ी: Hajar Mountains) पूर्वोत्तरी ओमान और पूर्वी संयुक्त अरब अमीरात में स्थित पहाड़ों की एक शृंखला है
पहाड़ों-हिजाज़ पहाड़ियाँ
पिशोन नदी हिजाज़ पहाड़ियों से निकला करती थी। बोस्टन विश्वविद्यालय के फ़ारूक़ अल-बाज़ ने पाया है कि वास्तव में एक नदी हिजाज़ पहाड़ों से उतरकर अरबी रेगिस्तान
पहाड़ों-अन्नामलई पहाड़
पहाड़ है। यह दक्षिण भारत में पांच मुख्य शैव पवित्र स्थानों में से एक है। इसे अरुणगिरि, अरुणई, सोनगिरि और सोणाचलम के नामों से भी जाना जाता है। पहाड़ के
पहाड़ों-लुशाई पहाड़ियाँ
लुशाई पहाड़ियाँ, जो मिज़ो पहाड़ियाँ भी कहलाती हैं, भारत के मिज़ोरम व त्रिपुरा राज्यों में स्थित एक पर्वतमाला है, जो पटकाई पहाड़ियों की एक उपशृंखला है।
पहाड़ों-पाटकाई
सीमावर्ती क्षेत्र पर स्थित पहाड़ी शृंखलाओं का नाम है। इसके पहाड़ों की ऊँचाई हिमालय की तुलना में काफ़ी कम है। पटकाई पहाड़ों में तीन मुख्य शृंखलाएँ शामिल
पहाड़ों-शेवरोय पहाड़ियाँ
पहाड़ियाँ (Shevaroy Hills), जिसका तमिल में नाम सेरवरायन पहाड़ियाँ (Servarayan Hills) है, भारत के तमिल नाडु राज्य में सेलम नगर के समीप स्थित एक पहाड़ समूह
पहाड़ों-राजमहल पहाड़ियाँ
राजमहल पहाड़ियाँ (Rajmahal Hills) भारत के झारखण्ड राज्य के संथाल परगना विभाग में स्थित एक पर्वतमाला है। इनका नाम साहिबगंज ज़िले के राजमहल नगर पर पड़ा
पहाड़ों-स्नोई पहाड़ियाँ
पहाड़ियों में हर शीतऋतु में बड़ी मात्रा में हिमपात होता है जो ऑस्ट्रेलिया के लिये असाधारण है। इस कारणवश यह पर्यटकों में बहुत लोकप्रिय है। इन पहाड़ों में
पहाड़ों-गारो पहाड़ियाँ
गारो पर्वत भारत के मेघालय राज्य में छोटे पहाड़ों की श्रंखला है जिसके अंतर्गत मेघालय के तीन ज़िले आते हैं, पूर्वी, पश्चिमी और दक्षिणी गारो हिल्स। यह मेघालय
पहाड़ों-कैल्टन पहाड़ी
कैल्टन पहाड़ी या काॅल्टन पहाड़ी(स्कॉट्स: Calton hill; क़ैल्टन हिल्ल्) स्काॅटलैंड के एडिनबर्ग शहर के केन्द्र में स्थित एक पहाड़ी है। यह एडिनबर्ग के प्रिन्सेस्
पहाड़ों-पारसिक पहाड़ी
नामक एक रेल सुरंग है। पारसिक पहाड़ का सबसे ऊँचा शिखर 235 मीटर है। आसपास के क्षेत्र में 15 वर्ग किमी के संरक्षित वन हैं। पहाड़ की चोटी पर नवी मुम्बई के महापौर
पहाड़ों-कोल्ली पहाड़ियाँ
की एक श्रेणी हैं। इसके पहाड़ 1300 मीटर तक की ऊँचाई छूते हैं और यह श्रेणी भारत के पूर्वी तट से समानांतर चलती है। कोल्ली पहाड़ियों में कई हिन्दू धार्मिक
पहाड़ों-पचईमलई पहाड़ियाँ
पचईमलई पहाड़ियाँ (Pachaimalai Hills) भारत की पूर्वी घाट पर्वतमाला की एक श्रेणी है। यह तमिल नाडु राज्य के तिरुचिरापल्ली ज़िले में स्थित हैं। तिरुचिरापल्ली
पहाड़ों-जवादी पहाड़ियाँ
जवादी पहाड़ियाँ (Javadi Hills) या जवादु पहाड़ियाँ (Javadhu Hills) भारत के तमिल नाडु राज्य में पूर्वी घाट का एक विस्तार शृंखला है। यह राज्य के वेल्लूर
पहाड़ों-अल्ताई पर्वत शृंखला
मंगोलिया मिलते हैं। मध्य एशिया की दो महत्वपूर्ण नदियाँ- इरतिश और ओब - इन्ही पहाड़ों से शुरू होती हैं। अल्ताई पर्वत क्षेत्र को ही तुर्की भाषा परिवार और भाषावैज्ञानिकों
पहाड़ों-जाम्पुई पहाड़ियाँ
जाम्पुई पहाड़ियाँ (Jampui Hills) भारत के त्रिपुरा राज्य में, विशेषकर राज्य के उत्तर त्रिपुरा ज़िले मे स्थित एक पर्वतमाला है। यह मिज़ोरम की राज्य सीमा
पहाड़ों-फेत्चबून पहाड़ियाँ
फेत्चबून पहाड़ियाँ थाईलैण्ड के फेत्चबून, फित्सनुलोक, लोइ और चइयफूम प्रान्तों में विस्तृत एक पर्वतमाला है। इसमें दो सामानांतर चलने वाली श्रेणियाँ हैं जिनके
पहाड़ों-आनेमलई की पहाड़ियाँ
अर्थ पहाड़ी है। ये पहाड़ियाँ दक्षिण भारत के पश्चिमी घाट के अंतर्गत तमिलनाडु और केरल में स्थित है। अन्नामलाई पहाड़ी श्रृंखलाओं में सबसे ऊंची पहाड़ी अनामुदी
पहाड़ों-अयोध्या पहाड़ियाँ
अयोध्या पहाड़ियाँ (অযোধ্যা পাহাড়), जिन्हें बंगाली लहजे में अजोध्या पहाड़ियाँ (Ajodhya Hills) कहा जाता है, भारत के पश्चिम बंगाल राज्य के पुरुलिया ज़िले
पहाड़ों-राजगीर पहाड़ियाँ
राजगीर पहाड़ियाँ (Rajgir Hills) बिहार राज्य के नालंदा ज़िले के राजगीर नगर के पास स्थित पहाड़ियाँ हैं। इनमें राजगीर को घेरने वाले पाँच पहाड़ो के नाम रत्नगिरी
पहाड़ों-अनंतगिरि पहाड़ियाँ
अनंतगिरि पहाड़ियाँ (Ananthagiri Hills) भारत के तेलंगाना राज्य के विकाराबाद ज़िले में स्थित पहाड़ियों की एक शृंखला है। हैदराबाद को जल उपलब्ध करने वाली
पहाड़ों-बराबर गुफाएँ
है। ये गुफाएं बराबर (चार गुफाएं) और नागार्जुनी (तीन गुफाएं) की जुड़वाँ पहाड़ियों में स्थित हैं। बराबर में ज्यादातर गुफाएं दो कक्षों की बनी हैं जिन्हें
पहाड़ों-गढ़जात पहाड़ियाँ
गढ़जात पहाड़ियाँ (Garhjat Hills) भारत के ओडिशा और झारखण्ड राज्यों में स्थित एक 382 किमी तक चलने वाली पर्वतमाला है, जो पूर्वी घाट का एक उत्तरी विस्तार
पहाड़ों-विलंगन पहाड़ी
विलंगन पहाड़ी (Vilangan Hill) भारत के केरल राज्य के त्रिस्सूर ज़िले में अडाट के समीप स्थित एक पहाड़ है। यहाँ से त्रिस्सूर नगर का विहंगम दृश्य देखा जा सकता
पहाड़ों-पहाड़ी धीरज
पहाड़ी धीरज दिल्ली का एक आवासीय क्षेत्र है।
पहाड़ों-पर्वतमाला
पर्वतमाला (mountain range) या पर्वत शृंखला पहाड़ों की एक शृंखला होती है जहाँ एक पर्वत दूसरे से सटा रहता है और इन पर्वतों को कोई दर्रा या घाटी ही दूसरे
पहाड़ों-पालकोंडा पहाड़ियाँ
पालकोंडा पहाड़ियाँ (Palkonda Hills) भारत के दक्षिणी भाग में पूर्वी घाट पर्वतमाला का भाग हैं। यह आन्ध्र प्रदेश राज्य के अनंतपुर ज़िले और कडपा ज़िले में
पहाड़ों-हेमकुंट साहिब
192.96 फुट) की ऊँचाई पर एक बर्फ़ीली झील के किनारे सात पहाड़ों के बीच स्थित है। इन सात पहाड़ों पर निशान साहिब झूलते हैं। इस तक ऋषिकेश-बद्रीनाथ साँस-रास्ता
पहाड़ों-पहाड़ी खाना
पहाड़ी खाना भारत के पहाड़ी राज्यों, विशेषकर उत्तराखण्ड में लोकप्रिय है। खाने में आम तौर से तीन प्रकार की थाली शामिल हैं जिन्हें नंदा थाली, महासू थाली व
पहाड़ों-बाँका जिला
में एक रोचक भी है इस झरने की कुंड की जलधारा गर्म होती है इसका कारण है पहाड़ों की प्रकृति में उपस्थित औषधीय पौधों के औषधीय गुण को समैटती हुई उसकी जलधारा
पहाड़ों-शेषाचलम पहाड़ियाँ
शेषचलम की पहाड़ियाँ (शेषाचलम् = शेष + अचलम् = शेष पर्वत) पूर्वी घाट की महत्वपूर्ण पर्वत शृंखला है, जो दक्षिण भारत के दक्षिणी आंध्र प्रदेश राज्य में विस्तारित
पहाड़ों-पश्चिमी घाट
में दक्षिण में जाकर यह श्रेणी पूर्वी घाट पहाड़ से नीलगिरि के पठार के रूप में मिल जाती है। इसी पठार पर पहाड़ी सैरगाह ओत्तकमंदु स्थित है, जो सागरतल से ७
पहाड़ों-धीणोधर पहाड़ियाँ
धिनोधर पहाड़ियाँ (Dhinodhar Hills) भारत के गुजरात राज्य के कच्छ ज़िले में नानी अरल ग्राम के समीप स्थित कुछ पहाड़ियाँ हैं। यह एक पर्यटन स्थल और तीर्थस्थान
पहाड़ों-शिवालिक
शिवालिक पहाड़ियाँ (Shivalik Hills) या बाह्य हिमालय (Outer Himalaya) हिमालय की एक बाहरी पर्वतमाला है, जो भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तरी भाग में पश्चिम में
पहाड़ों-रायसीना की पहाड़ी
रायसीना की पहाड़ी भारत की राजधानी नई दिल्ली के हृदय में स्थित है। इसपर ही यहाँ के राष्ट्रपति का आधिकारिक आवास व कार्यालय राष्ट्रपति भवन स्थित है। राष्ट्रपति
पहाड़ों-तेनासेरिम पहाड़ियाँ
तेनासेरिम पहाड़ियाँ बर्मा, थाईलैण्ड व मलेशिया में उत्तर-दक्षिण दिशा में लगभग १७०० किमी तक चलने वाली एक पर्वतमाला है। हालांकि इनकी ऊँचाई अधिक नहीं है,
पहाड़ों-पांचेत पहाड़
पांचेत पहाड़ (Panchet Hill) या पंचकोट पहाड़ (Panchakot Pahar) भारत के पश्चिम बंगाल राज्य के पुरुलिया ज़िले के पूर्वोत्तर भाग में छोटा नागपुर पठार का एक
पहाड़ों-नल्लमला पहाड़ियाँ
नल्लमला पहाड़ियाँ (Nallamala Hills) भारत के दक्षिणी भाग में पूर्वी घाट पर्वतमाला का भाग है जो आन्ध्र प्रदेश राज्य के रायलसीमा क्षेत्र और तेलंगाना के महबूबनगर
पहाड़ों-करेन पहाड़ियाँ
करेन पहाड़ियाँ (Karen Hills) या कयाह-करेन पहाड़ियाँ (Kayah-Karen Mountains) पूर्वी बर्मा की एक पर्वतमाला है। यह शान राज्य के दक्षिण-पश्चिमी कोने से आरम्भ
पहाड़ों-शान पहाड़ियाँ
शान पहाड़ियाँ (बर्मी: ရှမ်းရိုးမ, थाई: ฉานโยมา, अंग्रेज़ी: Shan Hills) युन्नान, बर्मा व थाईलैण्ड में एक फैला हुआ पर्वतीय क्षेत्र है। यह ५६० किमी लम्बा
पहाड़ों-बोड़ोमुड़ा पहाड़ियाँ
बोड़ोमुड़ा पहाड़ियाँ (Boromura Hills) भारत के त्रिपुरा राज्य के केन्द्रीय भाग में स्थित एक पर्वतमाला है। इसका अधिकांश भाग पश्चिम त्रिपुरा ज़िला और दक्षिण
पहाड़ों-डोन्गरक पहाड़ियाँ
डोन्गरक पहाड़ियाँ (Scandinavian Mountains) दक्षिण-पूर्वी एशिया की एक पर्वतमाला है जो लाओस, थाईलैण्ड और कम्बोडिया देशों में स्थित है। इसके पहाड़ कम्बोडिया
पहाड़ों-माउंटेन वॉरफेयर
संदर्भित करता है। इस तरह के युद्ध को अल्पाइन युद्ध भी कहा जाता है, एल्प्स पहाड़ों के कारण। पर्वत युद्ध सबसे खतरनाक युद्धों में से एक है, क्योंकि इसमें चरम
पहाड़ों-मुंडेश्वरी मंदिर
अपनी प्राकृतिक सुंदरता और ऐतिहासिक महत्व के लिए भी प्रसिद्ध है। यह गाँव पहाड़ों की वादियों में बसा है, जहाँ झीलें और झरने इसकी खूबसूरती में चार चाँद लगाते
पहाड़ों-तीबेस्ती पहाड़ियाँ
तीबेस्ती पहाड़ (अंग्रेजी: Tibesti mountains), जिन्हें अरबी में जबाल तीबेस्ती (جبال تيبستي) कहते हैं, उत्तर अफ़्रीका में चाड देश के उत्तरी भाग में और
पहाड़ों-मिश्मी पहाड़ियाँ
मिश्मी पहाड़ियाँ भारत के पूर्वोत्तर भाग में अरुणाचल प्रदेश राज्य के मध्य में स्थित एक पहाड़ी शृंख्ला है। यह पहाड़ियाँ पूर्वोत्तर हिमालय और हिन्द-बर्मा
पहाड़ों-सतपुड़ा पर्वतमाला
सतपुड़ा पर्वतश्रेणी नर्मदा एवं ताप्ती की दरार घाटियों के बीच राजपीपला पहाड़ी, महादेव पहाड़ी एवं मैकाल श्रेणी के रूप में पश्चिम से पूर्व की ओर विस्तृत है। पूर्व
पहाड़ों-तितिवंगसा पहाड़ियाँ
तितिवंगसा पहाड़ियाँ (अंग्रेज़ी: Titiwangsa Mountains, मलय: Banjaran Titiwangsa, بنجرن تيتيوڠسا) एक पर्वतमाला है जो मलय प्रायद्वीप में रीढ़ के रूप में
पहाड़ों-पहाड़ गढ़ी गाँव, अतरौली (अलीगढ़)
निर्देशांक: 27°53′N 78°04′E / 27.89°N 78.06°E / 27.89; 78.06 पहाड़ गढ़ी अतरौली, अलीगढ़, उत्तर प्रदेश स्थित एक गाँव है।
पहाड़ों-विन्ध्याचल पर्वत शृंखला
कहा जाता है विंध्यांचल का पूर्वी हिस्सा जो सतपुड़ा पहाड़ों से आकर मिलता है उस पर्वत को मैकाल की पहाड़ी कहते हैं। अमरकंटक विध्यांचल पर्वत श्रृंखला की सबसे
पहाड़ों-कंधमाल जिला
खूबसूरत स्थान है। चारों ओर से पहाड़ों से घिरे फूलबाणी के तीन ओर पिल्लसलुंकी नदी बहती है। भेटखोल और ब्रह्मिणी-देवी पहाड़ी की चोटी से शहर का अनुपम नजारा
पहाड़ों-इटली
पश्चिमी ढाल एक पहाड़ी ऊबड़ खाबड़ भाग है। दक्षिण में टस्कनी तथा टाइबर के बीच का भाग ज्वालामुखी पहाड़ों की देन है, अत: यहाँ शंक्वाकार पहाड़ियाँ तथा झीलें हैं।
पहाड़ों-सिंहाचलम पहाड़ियाँ
सिंहाचलम पहाड़ियाँ (Simhachalam Hills) भारत के आन्ध्र प्रदेश के विशाखपटनम नगर के समीप स्थित पूर्वी घाट की एक पर्वतीय उपश्रेणी है। इसका उच्चतम बिन्दु 377
पहाड़ों-पहाड़ा
पहाड़ा (multiplication table) एक गणितीय सूची है जिसे प्राय: छोटी कक्षा के विद्यार्थियों को अच्छी तरह याद करा दिया जाता है। गुणा और भाग की अंकगणितीय क्रियाओं
पहाड़ों-नेपाली व्यंजन
विभिन्नता के चलते उनके खाद्य पदार्थ भी उसी हिसाब से अलग पाए जाते हैं। जैसे कि पहाड़ों में रहने वाले नेपाली और मैदान के निवासी में भी भोजनों में अन्तर पाए जाता
पहाड़ों-अन्नामी पहाड़ियाँ
अन्नामी पहाड़ियाँ (वियतनामी: Dãy Trường Sơn, लाओ: ພູຫລວງ, अंग्रेज़ी: Annamite Range) दक्षिणपूर्वी एशिया के हिन्दचीन क्षेत्र के पूर्वी भाग में एक 1,100
पहाड़ों-माफ़िन्गा पहाड़ियाँ
माफ़िन्गा पहाड़ियाँ (Mafinga Hills) अक़्रीका के दक्षिणी भाग में स्थित ज़ाम्बिया व मलावी देशों की सीमा पर विस्तृत एक पठार है जिसपर कई पहाड़ियाँ भी स्थित
पहाड़ों-डाफला पहाड़ियाँ
डाफला पहाड़ियाँ पूर्वोत्तर भारत में असम और अरुणाचल प्रदेश राज्यों की सीमा के पश्चिमी भाग पर स्थित एक पहाड़ी शृंख्ला है। यह तेज़पुर और लखीमपुर ज़िले से
पहाड़ों-हिन्दु कुश
माने जाते हैं। हिन्दु कुश का दूसरा सबसे ऊँचा पहाड़ नोशक पर्वत और तीसरा इस्तोर-ओ-नल है। हिन्दु कुश पहाड़ों की अत्याधिक ऊँचाई के बावजूद इस शृंखला में बहुत
पहाड़ों-ऐहोले
हैं। यह ऐहोले नामक गाँव के आसपास स्थित हैं, जो खेतों और बलुआ पत्थर के पहाड़ों के बीच बसा हुआ है। यहाँ से हुनगुन्दा लगभग 35 किमी दूर है। इस स्थापत्य समूह
पहाड़ों-अरावली
अवशिष्ट पर्वत का उदाहरण है जिसकी कुल लम्बाई पालनपुर, गुजरात से रायसीना पहाड़ी, दिल्ली तक लगभग 692 किलीमीटर है, अरावली पर्वत श्रंखला का लगभग 79.49% विस्तार
पहाड़ों-गिरिडीह
यहाँ से गुज़रता है। "गिरि" का अर्थ "पहाड़" और "डीह" का अर्थ "क्षेत्र" या "भूमि" होता है। गिरिडीह का अर्थ है "पहाड़ों वाला क्षेत्र"। गिरिडीह ज़िला "Tourism
पहाड़ों-बालेश्वर
गया था। इसके अलावा स्थल से भी कई पौराणिक कहानियां जुड़ी हुई हैं। यहां के पहाड़ों के ऊपर से बहता प्राकृतिक झरना निरन्तर शिवलिंग का जलाभिषेक करता है। सुबर्णरेखा
पहाड़ों-नखोन फनोम प्रान्त
है जबकि ख्मेर में "फनोम" का अर्थ "पहाड़" है। "नखोन फनोम" का अर्थ "पहाड़ों का नगर" है, हालांकि इस सन्दर्भ में पहाड़ वास्तव में प्रान्त में न होकर मीकांग
पहाड़ों-अठारामुरा पहाड़ियाँ
अठारामुरा पहाड़ियाँ (Atharamura Range) भारत के त्रिपुरा राज्य में स्थित एक पर्वतमाला है। यह गोमती ज़िले में अमरपुर उपविभाग में आरम्भ होती है, फिर खोवाई
पहाड़ों-स्विट्ज़रलैण्ड
स्विस संघराज्य है । यह मध्य यूरोप का एक देश है। इसका 60 % भूभाग ऐल्प्स पहाड़ों से ढका हुआ है, इस कारण से इस देश में बहुत ही सुंदर और मनमोहक पर्वत, गाँव
पहाड़ों-त्रूदोस पहाड़ियाँ
भूमध्य सागर के तटवर्ती क्षेत्रों में हज़ारों सालों से पहुँचाया गया था। इन पहाड़ों में ब्रिटिश वायु सेना का एक जासूसी व सर्वेक्षण केन्द्र भी है। साइप्रस Spies
पहाड़ों-एल्स्वर्थ पहाड़ियाँ
एल्स्वर्थ पहाड़ियाँ (Ellsworth Mountains) अंटार्कटिका महाद्वीप की सबसे ऊँची पर्वतमाला है। यह रोन हिमचट्टान से पश्चिम में उत्तर-दक्षिण दिशा में चलने वाली
पहाड़ों-आनंद पर्वत
पाइपलाईनों की निश्चित व्यवस्था द्वारा। सरकार ने भी यहां के सुन्दर खाली पहाड़ों को उपेक्षित कर जुगाड़ू योजनाओं का कार्यान्वयन दिखाकर यहां इसे और सघन करने
पहाड़ों-राजगीर
तकरीबन तीन तरफ से पहाड़ों से घिरा हुआ है. इस झील के बीच में भगवान गौतम बुद्ध की एक 70 फीट ऊंची प्रतिमा भी स्थापित की गई है पंच पहाड़ियों से घिरा राजगीर वन्यजीव
पहाड़ों-गोवालपारा जिला
मोरनोई के नाम से जाना जाता है। आगे चलकर मोरनोई ब्रह्मपुत्र में मिल जाती है। पहाड़ों व नदियों के साथ-साथ इसकी झीलें भी बहुत खूबसूरत हैं। स्थानीय निवासी इन झीलों
पहाड़ों-उदयपुर जिला (नेपाल)
लेखानी, माझखर्क (नामेटार), रौता पोखर जैसे ऊंचे पहाड़ तथा चोटी हैं। नेपाली में तलहटी को बेसी कहते हैं तथा पहाड़ों से घिरे छोटे मैदानी क्षेत्र को टार कहते हैं।
पहाड़ों-पलनी पहाड़ियाँ
पलनी पहाड़ियाँ (तमिल: பழனி மலை) भारत के तमिल नाडु राज्य में स्थित एक पर्वतमाला है। यह पश्चिमी घाट का एक पूर्वी विस्तार है जो भारत के पश्चिमी तट से समानांतर
पहाड़ों-मानगढ़ पहाड़ियाँ
मानगढ़ पहाड़ियाँ (Mangarh Hills) भारत के राजस्थान और गुजरात में अरावली पर्वतमाला की एक शृंखला है। समीप ही मध्य प्रदेश की सीमाएँ भी हैं। यह स्थान मानगढ़
पहाड़ों-नागा पर्वत
नागा पहाड़ियाँ भी कहते हैं, भारत और बर्मा म्यान्मार की सीमा पर लगने वाली पर्वत शृंखला है। इसकी ऊँचाई लगभग 3,825 मीटर (12,549 फीट) है। यह जटिल पहाड़ प्रणाली
पहाड़ों-नामक्कल जिला
वर्ग मील में फैली ये पहाडियां 18 मील लंबी और 12 मील चौड़ी हैं। अपनी प्राकृतिक सुंदरता से यह पहाड़ियां सबको आकर्षित करती हैं। पहाड़ियों से नामक्कल मैदान के
पहाड़ों-ऑस्ट्रिया
तंबाकू पैदा किया जाता है। पर्वतीय फल तथा अंगूर भी यहाँ होता है। पहाड़ी क्षेत्रों में पहाड़ों को काटकर सीढ़ीनुमा खेत बने हुए हैं। उत्तरी तथा पूर्वी भागों में
पहाड़ों-मन्दारा पहाड़ियाँ
मन्दारा पहाड़ियाँ (Mandara Mountains) पश्चिम अफ़्रीका में एक ज्वालामुखी पहाड़ों की पर्वतमाला है जो २०० किमी तक नाइजीरिया व कैमरून की अंतरराष्ट्रीय सीमा
पहाड़ों-राजस्थान के पहाड़ी दुर्ग
राजस्थान के छह पहाड़ी दुर्ग यूनेस्को के विश्व धरोहर में शामिल है। वे दुर्ग है: चित्तौड़गढ़ का चित्तौड़गढ़ दुर्ग कुम्भलगढ़ का कुम्भलगढ़ दुर्ग सवाई माधोपुर
पहाड़ों-पत्थर
पहाड़ों से प्राप्त होने बाला एक कठोर पदार्थ जो भवन निर्माण में प्रयुक्त होता है। इस शब्द का मूल संस्कृत शब्द पाषाण है।
पहाड़ों-कुमाऊँनी भाषा
कुमाऊँ क्षेत्र में बोली जाने वाली एक बोली है। इस बोली को हिन्दी की सहायक पहाड़ी भाषाओं की श्रेणी में रखा जाता है। कुमांऊँनी भारत की ३२५ मान्यता प्राप्त
पहाड़ों-नैनीताल
जानी जाती है। यह झील चारों ओर से पहाड़ों से घिरी है तथा इसकी कुल परिधि लगभग दो मील है। इस झील के चारों ओर स्थित पहाडो़ के उत्तर में इनकी सबसे ऊंची चोटी
पहाड़ों-उत्तराखण्ड की संस्कृति
करते हैं। पहाड़ के लोग बहुत परिश्रमी होते हैं। पहाड़ों को काट-काटकर सीढ़ीदार खेत बनाने का काम इनके परिश्रम को प्रदर्शित भी करता है। पहाड़ में अधिकतर
पहाड़ों-अरुणाचल प्रदेश
सीमा नागालैंड और असम से भी मिलती है। इस राज्य में पहाड़ी और अर्द्ध-पहाड़ी क्षेत्र है। इसके पहाड़ों की ढलान असम राज्य के मैदानी भाग की ओर है। 'कामेंग'
पहाड़ों-नंगा पर्वत
"क़ातिल पहाड़" भी कहा जाते है क्योंकि इसपर चढ़ने वाले बहुत से लोगों की जाने जा चुकी हैं। बीसवी सदी के पहले हिस्से में आठ हज़ार मीटर से ऊंचे पहाड़ों में इस
पहाड़ों-अल्मोड़ा जिला
पर से हिमालय और पूरे अल्मोड़ा कस्बे का शानदार दृश्य दिखाई देता है। "इन पहाड़ों पर, प्रकृति के आतिथ्य के आगे मनुष्य द्वारा कुछ भी किया जाना बहुत छोटा हो
पहाड़ों-ताइज़ प्रान्त
उल्टा है और बहुत पहाड़ी है। यहाँ ताइज़ शहर के पास ३,०७० मीटर ऊँचा जबल साबेर खड़ा है ('जबल' अरबी भाषा में 'पहाड़' का अर्थ रखता है)। पहाड़ों में बादल और अन्य
पहाड़ों-ईरान का भूगोल
से परिवहन कारवां के माध्यम से किया जाता था जो पहाड़ों में अंतराल और दर्रों से होकर गुजरता था। पहाड़ों की वजह से फारस की खाड़ी और कैस्पियन सागरतक पहुँचने
पहाड़ों-कालका शिमला रेलवे
चुके हैं और शेष 4 इंजन भी 20 से 25 वर्ष पुराने हो चुके हैं। ज्ञात हो की पहाड़ों पर चलने वाले टॉय ट्रेन इंजन का जीवनकाल लगभग 36 वर्ष का ही होता है। इस प्रकार
पहाड़ों-म्यूनिख
इसकी जनसंख्या लगभग १३ लाख है। यह नदी इसार पर स्थित है (बावेरिया के एल्प्स पहाड़ों के उत्तर में)। सन् ११५८ से पहले का कोई भी दस्तावेज ना मिलने के कारण यह
पहाड़ों-लोइ प्रान्त
लाओस देश से लगी हुई है। प्रान्तीय राजधानी का नाम भी लोइ (शहर) है और यह पहाड़ों से घिरा हुआ है जिनपर अक्सर धुंध रहती है। थाईलैण्ड के प्रान्त ईसान "Moon
पहाड़ों-धोसी पहाड़ी
ज्वालामुखी है, जिसे धोसी पहाड़ी के नाम से जाना जाता है। यह उत्तरी अक्षांश 28*03'39.47" और पूर्वी देशान्तर 76*01'52.63" पर स्थित इकलौती पहाड़ी है, जो कई महत्वपूर्ण
पहाड़ों-भारत का भूगोल
एक शाखा पश्चिम की ओर असम में चली गई हैं जिसमें खासी और गारो की पहाड़ियाँ है। इन पहाड़ों की औसत ऊँचाई ६,००० फुट है और अधिक वर्षा के कारण ये घने जंगलों से
पहाड़ों-मणिपुर
दर्शनीय है। उत्तरी तथा पूर्वी इलाकों में ऊँची पहाडियाँ है और मध्य भाग में मैदानी समतल है। यहाँ हर पहाड़ के बीच में कोई न कोई नदी बहती हैं। इम्फाल नदी
पहाड़ों-गया
का उल्लेख रामायण और महाभारत में मिलता है। गया तीन ओर से छोटी व पथरीली पहाड़ियों से घिरा है, जिनके नाम मंगला-गौरी, शृंग स्थान, रामशिला और ब्रह्मयोनि हैं।
पहाड़ों-पलामू जिला
निम्नलिखित प्रकार के वन पाए जाते हैं: शुष्क मिश्रित वन पहाड़ियों की खुली चोटियों में और पहाड़ों के दक्षिण और पश्चिम भागों में जहां कम बारिश होती है, ऐसे
पहाड़ों-उत्तराखण्ड की भाषाएँ
उत्तराखण्ड की भाषाएँ पहाड़ी भाषाओं की श्रेणी में आती हैं। उत्तराखण्ड में बोली जाने वाली भाषाओं को दो प्रमुख समूहों में विभाजित किया जा सकता है: कुमाऊँनी
पहाड़ों-स्कॉट्लैण्ड
हैबरडैन का नजारा ले सकते हैं। जिसकी खूबसूरती विश्वविख्यात है। यहाँ ऊँचे पहाड़ों और नीचे मैदानों का अद्भुत संगम है। इस शहर में आप जहाँ भी नजरें दौड़ाएंगें
पहाड़ों-हल्दीघाटी
सुनिश्चित किया कि मेवाड़ में मुगल सैनिक कभी भी शांति से नहीं रहेंगे। प्रताप को पहाड़ों में उनके ठिकानों से बाहर निकालने के लिए अकबर की सेना द्वारा तीन और अभियान
पहाड़ों-महादेव पहाड़ियाँ
महादेव पहाड़ियाँ भारत की नर्मदा और ताप्ती नदियों के बीच स्थित हैं। ये २,००० से ३,००० फुट तक की ऊँचाई वाले पठार हैं, जो दक्कन के लावा से ढँके हैं। ये पहाड़ियाँ
पहाड़ों-गुरेज़
'दरतपुर' यानि 'दर्द (जाति के) लोगों का शहर' के नाम से किया था। गुरेज़ पहाड़ों से घिरा हुआ है इसलिये सम्भव है कि इसी को 'गिरिगुप्त' कहा गया हो। दरदों
पहाड़ों-कबीरधाम जिला
बढ़ाने कांक्रीट सीढ़ी निर्माण के लिये 25 लाख रूपये स्वीकृत किये हैं। मैकल पहाड़ों से कल-कल बहता झरने का पानी नीचे एकत्र होता है मैकल की रानी चिल्फी घाटी
पहाड़ों-घाटी
दो (या अधिक) पहाड़ो के बीच का गहरा भाग है, आमतौर पर इनमें नदी का प्रवाह पाया जाता है।दो पहाड़ों के बीच का भाग घाटी कहलाता है संस्कृत के घाट जिसका अर्थ
पहाड़ों-सिचुआन
बेसिन का पठार कहलाता है। यह प्राय: चारों ओर से पहाड़ों द्वारा घिरा हुआ है। इस प्रांत का अधिकांश भाग पहाड़ी है। चेंगटू मैदान एकमात्र समतल एवं उपजाऊ मैदान
पहाड़ों-ह्वांगहो
तय करते हुए दुनिया की छठी सबसे लंबी नदी प्रणाली बनती है। यह नदी बयान हर पहाड़ों में 4600 मीटर (15,000 फीट) की ऊंचाई से शुरू होती है और बोहाई समुद्र में
पहाड़ों-पहाड़ी भाषा
पहाड़ी एक अस्पष्ट शब्द है जो उन भाषाओं, बोलियों और भाषा समूहों को संदर्भित करता है, जो पहाड़ी भाषाओँ (उत्तरी हिंद-आर्य भाषा समूह) में आती हों। इनमें से
पहाड़ों-न्योरा घाटी राष्ट्रीय उद्यान
रंगीन चंदवा, हरे भरे घाटी, नदियां नदियों और पृष्ठभूमि में बर्फ के ढंके पहाड़ों के साथ एक सुरम्य परिदृश्य के रूप में धाराएं। यह पार्क राहेला डांडा (रचीला
पहाड़ों-चित्राल ज़िला
इसकी आबादी ३,१८,६८९ थी। ७,७०८ मीटर ऊँचा तिरिच मीर, जो दुनिया के सबसे ऊंचे पहाड़ों में से है, इस ज़िले में स्थित है। चित्राल ज़िले की राजधानी चित्राल शहर
पहाड़ों-पूर्वांचल पहाड़ियाँ
पूर्वी या पूर्वांचल पहाड़ियों (अंग्रेज़ी: Eastern Hills) के रूप से विख्यात ये पहाड़ियाँ वहाँ पर पाई जाती हैं जहां हिमालय दिहांग गॉर्ज से दक्षिण की ओर
पहाड़ों-कुशोक बकुला रिंपोचे विमानपत्तन
का एक हवाई अड्डा है। यह समुद्र के स्तर से 3,256 मीटर ऊपर लेख लद्दाख के पहाड़ों के बीच स्थित है। हवाई अड्डे का नाम 19वीं शताब्दी के कुशोक बकुला रिनपोछे
पहाड़ों-उत्तरकाशी
प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है। यहां एक तरफ जहां पहाड़ों के बीच बहती नदियां दिखती हैं वहीं दूसरी तरफ पहाड़ों पर घने जंगल भी दिRखते हैं। उत्तरकाशी का एक अन्य
पहाड़ों-कासियून पहाड़ी
कासियून पहाड़ी; Mount Qasioun (अरबी: جبل قاسيون, अनुबाद. जवल कासियून) यह पहाड़ी सीरिया की राजधानी दमिश्क स्थित है इसी पहाड़ी पर हजरत आदम के पुत्र हजरत
पहाड़ों-बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान
राष्ट्रीय उद्यान है जो 32 पहाड़ियों से घिरा है। बांधवगढ़ 448 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला है। इस उद्यान में एक मुख्य पहाड़ है जो 'बांधवगढ़' कहलाता
पहाड़ों-१३९८ हरिद्वार महाकुम्भ नरसंहार
घाटी में बहती है। पुरातत्ववेत्ता कनिंघम 'कु-पि-ला' को 'कोह-पैरी' अर्थात् 'पहाड़ की पैड़ी' मानकर 'हरि की पैड़ी' का उल्लेख मानते हैं। तैमूर व उसके इतिहासकार
पहाड़ों-जयचंडी पहाड़
जयचंडी पहाड़ (Joychandi Pahar) भारत के पश्चिम बंगाल राज्य के पुरुलिया ज़िले में स्थित एक पहाड़ है। यह पर्यटक आकर्षण रघुनाथपुर से 2 किमी और आद्रा से 4
पहाड़ों-कैमूर जिला
मुंडेश्वरी मंदिर के तराई में स्थित रामगढ़ गाँव काफी मनमोहक लगता है यह गांव पहाड़ों और प्रकृति के गोद में होने के कारण काफी आकर्षित दिखता है दरौली गांव रामगढ़
पहाड़ों-किर्गिज़स्तान
मिलतीं। यहाँ स्वर्ण और अन्य बहुमूल्य खनिज सीमित मात्रा में प्रस्तुत हैं। पहाड़ों से घिरे हुए इस देश में मात्र 8 प्रतिशत क्षेत्र ही कृषि योग्य है, जो कि
पहाड़ों-रोम
(Paletine) पहाड़ी पर रॉमुलस (Romulus) के द्वारा डाली गई थी। इसका विस्तार अन्य पहाड़ियों पर, एवं नदी के दोनों ओर, बाद में हुआ। रोम की एक विशेषता पहाड़ी ढालों
पहाड़ों-उत्तराखण्ड के लोग
प्रकार के चरवाहे हैं और दक्षिण - पश्चिमी तराई क्षेत्र में रहते हैं। मध्य पहाड़ी की दो बोलियाँ कुमाऊँनी और गढ़वाली, क्रमशः कुमाऊँ और गढ़वाल में बोली जाती
पहाड़ों-कैमूर पर्वतमाला
रोहतास गढ़ क्षेत्र के मध्य छोटी किंतु अत्यंत उपजाऊ घाटियाँ स्थित हैं। पहाड़ों की ढालें अत्यंत खड़ी एवं दुर्गम है परंतु बीच बीच में दर्रे हैं। चुनार गढ़
पहाड़ों-मध्य सुलावेसी
सुलावेसी में एक मानव-शिल्पित महाशिला मध्य सुलावेसी में चावल के खेत और पहाड़ों का दृश्य सुलावेसी द्वीप इंडोनेशिया के प्रांत Robert Cribb, Historical Atlas
पहाड़ों-कोरवा (जनजाति)
अजगरबहार कोरवा छत्तीसगढ़ की एक प्राचीन जनजाती है,जो ज्यादातर कोरबा जिले के पहाड़ी वह जंगली इलाकों में पाए जाते हैं। समय के साथ इनकी जनसंख्या कम हो गई है इसलिए
पहाड़ों-कोडगु जिला
प्रान्त का एक जिला है। इसका मुख्यालय मडिकेरि में है। पश्चिमी घाट पर स्थित पहाड़ों और घाटियों का प्रदेश कोडगु दक्षिण भारत का एक प्रमुख पर्यटक स्थल है। कर्नाटक
पहाड़ों-चरम उदग्र शिखर
आइजर जैसी कुछ प्रसिद्ध चोटियों, चरम उदग्र शिखर नहीं हैं क्योंकि वे ऊँचे पहाड़ों से दर्रों के द्वारा जुड़ी हैं और इसलिए इन्हें पर्याप्त स्थलाकृतिक उदग्रता
पहाड़ों-हल्द्वानी
भेंट स्वरुप मिला। बाद में मुग़लों द्बारा पहाड़ों पर चढ़ाई करने का प्रयास किया गया, लेकिन क्षेत्र की कठिन पहाड़ी भूमि के कारण वे सफल नहीं हो सके। सन् १८५६
पहाड़ों-हूबेई
भारत के गुजरात राज्य से ज़रा कम। इस प्रान्त के पश्चिमी इलाक़े के वुदांग पहाड़ों (武当山, Wudang Shan, वुदांग शान) में बहुत से ऐतिहासिक ताओधर्मी मठ हैं, जिनमें
पहाड़ों-अरफ़ात पहाड़
अरफ़ात पहाड़ (अरबी: جبل عرفات लिप्यंतरित जबल अरफ़ात) अरफ़ात के मैदान में मक्का के पूर्व में एक ग्रेनाइट पहाड़ी है। अरफ़ात शहर मक्का के लगभग 20 किमी (12
पहाड़ों-देहरादून जिला
दूण शब्द संस्कृत के द्रोणि का अपभ्रंश है। संस्कृत में द्रोणि का अर्थ दो पहाड़ों के बीच की घाटी है। यह भी विश्वास किया जाता है कि यह पूर्व में ऋषि द्रोणाचार्य
पहाड़ों-चट्टग्राम पहाड़ी क्षेत्र
चट्टग्राम पहाड़ी क्षेत्र (अंग्रेज़ी: Chittagong Hill Tracts, बंगाली: পার্বত্য চট্টগ্রাম), जिसे ऐतिहासिक रूप से सी०ऍच०टी० (CHT) भी कहते थे, दक्षिणपूर्वी
पहाड़ों-यूराली भाषा-परिवार
एक भाषा-परिवार है जिनकी मूल भाषा यूरोप और एशिया की सरहद पर स्थित यूराल पहाड़ों के क्षेत्र में जन्मी मानी जाती है। दुनिया भर में लगभग २.५ करोड़ लोग यूराली
पहाड़ों-कांकेर जिला
स्थित है। भौगोलिक दृष्टि से सम्पूर्ण कांकेर क्षेत्र, घने जंगलों दुर्लभ पहाड़ों एवं नदी नालो से अच्छादित है तथा आवगमन के सीमित साधन है। जिला मुख्यालय से
पहाड़ों-गंगा घाटी के जीव-जन्तु और वनस्पति
जितना बड़ा भू भाग पार करती है उसमें पहाड़ी और मैदानी जलवायु का एक बड़ा हिस्सा आता है। घने वन, खुले मैदान और ऊँचे पहाड़ों के साथ चलती यह नदी अनेक प्रकार के
पहाड़ों-फ़रात नदी
मेसोपोटामिया की दो परिभाषापूर्ण नदियों में से एक है। यह नदी तुर्किये में टौरस पहाड़ों पर आरम्भ होकर - सीरिया और इराक में प्रविष्ट होती है और शात अल-अरब में दजला
पहाड़ों-चम्पावत जिला
आकर्षक मंदिरों और खूबसूरत वास्तुशिल्प के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है। पहाड़ों और मैदानों के बीच से होकर बहती नदियां यहाँ अद्भुत छटा बिखेरती हैं। चंपावत
पहाड़ों-मलयगिरि
में पाल लहड़ा के समीप स्थित एक 1,187 मीटर (3,894 फुट) ऊँचा पहाड़ है। यह गढ़जात पहाड़ियों का सबसे ऊँचा पर्वत है, लेकिन यह ओड़िशा राज्य का सबसे ऊँचा पर्वत
पहाड़ों-हिमाचल प्रदेश
पूर्व में तिब्बत से घिरा हुआ है। हिमाचल प्रदेश का शाब्दिक अर्थ "बर्फ़ीले पहाड़ों का प्रांत" है। हिमाचल प्रदेश को "देव भूमि" भी कहा जाता है। इस क्षेत्र में
पहाड़ों-रायसेन ज़िला
के दक्षिणी किनारे पर स्थित विन्ध्याचल की पहाड़ियों के निचले छोर पर हैं।; इसके दक्षिण में सतपुड़ा की पहाड़ियाँ आरम्भ हो जाती हैं। इनकी खोज वर्ष १९५७-१९५८
पहाड़ों-आस्तुरियास
महत्वपूर्ण औद्योगिक नगर ऐविलेस है। आस्तुरियास में एक घर और खलिहान कान्ताब्रियाई पहाड़ों का एक नज़ारा कोवादोगा की संत गुफा चरती हुई आस्तुरियाई भेड़ें स्पेनी स्वायत्त
पहाड़ों-तुर्की
पर्वतमालाएँ जंगलों से ढकी हैं परंतु वृक्ष 8,500 फुट की ऊँचाई तक ही सीमित हैं। पहाड़ों पर बर्फ अधिक पड़ती है। ऐनाटोलिया का पठार - इसकी ऊँचाई पश्चिम में 2,000
पहाड़ों-हरेला (पर्व)
जी को विशेष प्रिय है। यह तो सर्वविदित ही है कि उत्तराखण्ड एक पहाड़ी प्रदेश है और पहाड़ों पर ही भगवान शंकर का वास माना जाता है। इसलिए भी उत्तराखण्ड में
पहाड़ों-मध्य दिल्ली
पूर्वी सीमा पर यमुना नदी बहती है। मध्य दिल्ली के तीन उपमंडल हैं: दरिया गंज पहाड़ गंज करौल बाग दिल्ली "District Census 2011". Census2011.co.in. 2011. अभिगमन
पहाड़ों-नैनीताल जिला
पटुवा डाँगर है। यह नैनीताल से १४.९ कि॰मी॰ की दूरी पर स्थित है। पटुवा डाँगर पहाड़ों के मध्य एक सुन्दर नगर है यहाँ प्रदेश का 'वैक्सीन' का सबसे बड़ा संस्थान
पहाड़ों-शिमला
था। शिमला उत्तर भारत के सबसे लोकप्रिय हिल स्टेशन में से एक है और इसे "पहाड़ों की रानी" भी कहा जाता है। शिमला के दक्षिण-पूर्व में उत्तराखण्ड राज्य, उत्तर
पहाड़ों-ठाणे जिला
ज़िला है। ज़िले का पूर्वी भाग पहाड़ी है, जहाँ प्रमुख रूप से जनजातीय समुदायों का निवास है। पश्चिमी हिस्से में इन पहाड़ियों ने नदी घाटी को विकसित किया है।
पहाड़ों-केसरोली पहाड़ी दुर्ग
केसरोली पहाड़ी दुर्ग 14वीं शताब्दी में बनाया गया एक दुर्ग (किला) है जो भारतीय राज्य राजस्थान के अलवर ज़िले में स्थित है। अभी वर्तमान में केसरोली पहाड़ी दुर्ग
पहाड़ों-धूपगढ़
इसके शिखर के निकट ही स्थित है। मध्य प्रदेश का भूगोल भारत में पहाड़ों की सूची ऊँचाई से पहाड़ों की सूची Madhya Pradesh for sight-seeing and shikar. Directorate
पहाड़ों-स्कर्दू
स्कर्दू (उर्दू: اسکردو), गिलगित-बल्तिस्तान का एक प्रमुख शहर और जिला है। स्कर्दू शहर काराकोरम पर्वतमाला के पहाड़ों में घिरा हुआ एक ख़ूबसूरत शहर है।
पहाड़ों-शाजापुर ज़िला
है। लखुन्दर देवास जिले की टोंकखुर्द तेहसिल के गाँव जमोड़ी की पहाड़ी से निकलती है। इस पहाड़ी पर एक सूर्य मंदिर बना हुआ है। लखुंदर नदी सूर्य मंदिर के पूर्व
पहाड़ों-गिरिडीह जिला
है “गिरी” का अर्थ “पहाड़,पर्वत” और “डीह” का अर्थ है “क्षेत्र या भूमि" होता है यानि की गिरिडीह शब्द का शाब्दिक अर्थ निकलता है “पहाड़ों वाला क्षेत्र” । गिरिडीह
पहाड़ों-पामीर पर्वतमाला
कुनलुन और हिन्दू कुश शृंखलाओं के संगम से हुआ है। पामीर विश्व के सबसे ऊँचे पहाड़ों में से हैं और 18th सदी से इन्हें 'विश्व की छत' कहा जाता है। इसके अलावा
पहाड़ों-भद्रवाही भाषा
जम्मू और कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश के डोडा ज़िले में बोली जाने वाली एक पहाड़ी भाषा है। यह डोगरी भाषा के बहुत समीप है और इसे कभी-कभी उसकी उपभाषा भी समझा
पहाड़ों-डोगरी भाषा
संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किया गया है। पश्चिमी पहाड़ी बोलियों के परिवार में, मध्यवर्ती पहाड़ी पट्टी की जनभाषाओं में, डोगरी, चंबयाली, मडवाली, मंडयाली
पहाड़ों-काँगड़ा जिला
अगस्त २०२२ में) समुद्र तल से ऊँचाई - अक्षांश - उत्तर देशांतर - पूर्व औसत वर्षा - मि॰मी॰ काँगड़ा से बर्फ़ीले पहाड़ों का हिमालय दर्शन जयसिंहपुर Chougan
पहाड़ों-खंडवा
इस समाधी स्थल का सौन्दर्य अति सुन्दर है। यह पवित्र पहाड़ी नर्मदा नदी के तट पर स्थित है। यह पहाड़ी धार्मिक दृष्टि से जिले का महत्वपूर्ण स्थल है। देश में
पहाड़ों-नोरार
भी देखे जा सकते हैं जो पहाड़ी की तीन दिशाओं में है। प्रतिहार नागर शैली में बना जानकी मंदिर यहां का लोकप्रिय मंदिर है। पहाड़ी पर अनेक दुर्लभ कुंड देखे
पहाड़ों-बड़वानी ज़िला
बड़वानी नगर से 8 किलोमीटर दूर सतपुड़ा की पहाड़ियों में भगवान ऋषभदेव की 84 फ़ीट की एक पत्थर से निर्मित प्रतिमा पहाड़ों से निकली है। जो बावनगजा के नाम से प्रसिद्ध
पहाड़ों-हुन्डरु जलप्रपात
रांची का हुंडरू फॉल पहाड़ों एवं घने जंगलों के बीच स्वर्णरेखा नदी पर अवस्थित है। हुन्डरु जलप्रपात (Hundru Falls) भारत के झारखण्ड राज्य के राँची ज़िले में
पहाड़ों-नागपुर
स्थान पर उन्होंने मेघदूतम की रचना की थी। पहाड़ी पर कालिदास का समर्पित एक स्मारक भी बना हुआ है। रामटेक पहाड़ी के उत्तर में निचले कर्पुर बावली नामक स्थान
पहाड़ों-बिहार का भूगोल
है। पहाड़ी भाग राजगीर की पहाड़ियाँ बराबर की पहाड़ियाँ बटेश्वर की पहाड़ियाँ कैमूर की पहाड़ियाँ ब्रह्मयोनि पहाड़ी प्रेतशिला पहाड़ी रामशिला पहाड़ी दलदली
पहाड़ों-अर्दबील प्रांत
ज़रथुष्ट्र अरस नदी के किनारे पैदा हुए थे और उन्होंने अपने ग्रन्थ की रचना सबलान पहाड़ों में ही की। जब ईरान पर मुस्लिम क़ब्ज़ा हुआ तब अर्दबील अज़रबेजान क्षेत्र
पहाड़ों-पालक्काड़ दर्रा
(Palakkad Gap) या पालघाट दर्रा (Palghat Gap) भारत के पश्चिमी घाट में एक पहाड़ी दर्रा है जो तमिल नाडु में कोयम्बतूर को केरल में पालक्काड़ से जोड़ता है।
पहाड़ों-शिखरजी
की वंदना करना जरूरी समझते हैं। गिरिडीह स्टेशन से पहाड़ की तलहटी मधुवन तक क्रमशः 14 और 18 मील है। पहाड़ की चढ़ाई उतराई तथा यात्रा करीब 18 मील की है। सम्मेद
पहाड़ों-कुलुआ पहाड़
कुलुआ पहाड़ यह पहाड़ जंगल में है। गया से जाया जाता है। इसकी चढ़ाई 2 मील है। इस पहाड़ पर 10वें तीर्थंकर शीतलनाथजी ने तप करके कैवल्य ज्ञान प्राप्त किया था।
पहाड़ों-उत्तराखण्ड में पर्यटन और तीर्थाटन
मुख्य रूप से कुमाउनी या गरवाली लोग ही रहते हैं यहाँ की आम भाषा भी कुमाउनी (पहाड़ी) ही है यहाँ अनेकों त्योहार मनाये जाते हैं फसल को काटने लगाने के के उपलक्ष्य
पहाड़ों-पारनेरा पहाड़ी
पारनेरा पहाड़ी (Parnera Hill) भारत के गुजरात राज्य के वलसाड ज़िले के पारनेरा नगर में स्थित एक 152 मीटर (499 फीट) ऊँची पहाड़ी है। यह ज़िला मुख्यालय, वलसाड
पहाड़ों-करोल बाग
पर्वत दिल्ली का एक प्राचीन संस्कृति का क्षेत्र है, पहले जिसका नाम काला पहाड़ था। यहां की ज़मीन में अभ्रक की मात्रा बहुत अधिक है। किसी ज़माने में यह दिल्ली
पहाड़ों-सतलुज नदी
ऊंचाई सतलुज घाटी में चबूतरों में परिवर्तित हो जाती है। हिमाचल प्रदेश के पहाड़ों से अपना रास्ता तय कराते हुये यह नदी पंजाब के रुपनगर जिला के उत्तरनांगल
पहाड़ों-हिमालय
तुलना के लिए, न्यू गिनी के भूमध्य पहाड़ों में बर्फ का स्तर कुछ 900 मीटर (2950 फीट) नीचे है। वार्षिक वर्षा की मात्रा (पहाड़ों की दक्षिणी तरफ़) पश्चिम से पूर्व
पहाड़ों-बाहाह प्रान्त
(زهران, Zahran)। बाहाह प्रान्त का नाम बाहाह शहर से आया है। यह प्रान्त पहाड़ों, मैदानों, वादियों और रेगिस्तानी क्षेत्रों का मिश्रण है। मुख्य रूप से इसके
पहाड़ों-केपटाउन
माउंटेन समतल सतह की कम ऊंचाई वाला एक पहाड़ है। यह पहाड़ 1086 मीटर ऊंचा है। यह केप टाउन के पश्िचमी भाग में स्थित है। इस पहाड़ पर से केप टाउन शहर का विहंगम दृश्य
पहाड़ों-नागोर्नो-काराबाख़
स्थित एक क्षेत्र है। यह कॉकस पर्वत शृंखला की हीनकॉकस पहाडियों में आता है। इसका ज़्यादातर हिस्सा पहाड़ी है और वनों से भरपूर है। इसका क्षेत्रफल लगभग ४,४००
पहाड़ों-खासी एवं जयंतिया पहाड़ियाँ
अन्तर्गत आते हैं। यह दक्षिण के पठार का ही एक भाग माना जाता है यह उतरी पूर्व पहाड़ियों में बारहवें स्थान पर आता है!inhi me vishav ka sabse jyada varsha wala
पहाड़ों-उत्तर अफ़्रीका
एटलस पर्वत शृंखला मोरक्को, उत्तरी अल्जीरिया और तुनिशिया में स्थित हैं। इन पहाड़ों में कहीं-कहीं वन और झाड़ हैं और अन्य स्थानों पर ज़मीन पत्थरीली और बंजर
पहाड़ों-कॉकस
यहाँ का पर्यावरण मिश्रित है - पहाड़ों पर पेड़ हैं लेकिन वृक्ष रेखा के ऊपर की ज़मीन बंजर और पथरीली दिखती है। कॉकस के पहाड़ों से ओवचरका नाम की एक भेड़ों को
पहाड़ों-पार्वती पहाड़ी
पार्वती पहाड़ी पुणे (महाराष्ट्र) में स्थित है।
पहाड़ों-अबोर की पहाड़ियाँ
अबोर की पहाड़ियाँ हिमालय पर्वत के अंश हैं जो असम की उत्तरी सीमा पर पश्चिम में सिओम नदी तथा पूर्व में डिबंग के बीच फैली हुई हैं। यहाँ पर अबोर (जिसका अर्थ
पहाड़ों-नंदी दुर्ग
में चिकबलपुर शहर से मात्र १० कि.मी और बंगलुरू से लगभग ४५ कि॰मी॰ पर स्थित पहाड़ी कर्बा है। यह समुद्रतल से लगभग १४५० मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। बंगलुरू से
पहाड़ों-गरियाबंद जिला
क्षेत्र है, जबकि अन्य भाग में कृषि होती है।इसमे से एक जिला जो पहले जो गिरी या पहाड़ से ढका हुुआ करता था,जिस कारण इसे पहले गिरीबन्द के नाम से जाना जाता था,जिसे
पहाड़ों-आल्मेरिया प्रान्त
लोस फ़िलाब्रेस" (Sierra de Los Filabres) नाम की पहाड़ों की शृंखला है जिसमें अल्मेरिया के सबसे ऊंचे पहाड़ हैं। इस प्रान्त में काबो दे गाता-नीहार (Cabo de
पहाड़ों-दरियागंज
मध्य दिल्ली के तीन प्रशासनिक विभागों में से एक है, अन्य दो करोल बाग और पहाड़ गंज हैं। मध्य दिल्ली दिल्ली "District Census 2011". Census2011.co.in. 2011
पहाड़ों-रायगढ़ जिला, छत्तीसगढ़
माता के मन्दिर, चंद्रपुर के चन्दराहासिनी, टिमरलगा के नाथलदाई,कहवाकुंडा का पहाड़ मन्दिर नवभारत हरि भूमि दैनिक भास्कर इस्पात टाइम्स केलो प्रवाह नवीन कदम जनकर्म
पहाड़ों-महादेवसिनान पहाड़
महादेवसिनान पहाड़ (Mahadebsinan Hill), जिसे स्थानीय बंगाली उच्चारण में महादेबसिनान पहाड़ कहा जाता है, भारत के पश्चिम बंगाल राज्य के बाँकुड़ा ज़िले में
पहाड़ों-पुदुच्चेरी (केन्द्र-शासित प्रदेश)
विशाल किला तीन पहाड़ियों (राजगिरी, कृष्णागिरी और चंद्रायन दुर्ग) तक फैला है। किले का मुख्य हिस्सा राजगिरी पहाड़ पर है जो तीनों पहाड़ों में से सबसे बड़ा
पहाड़ों-सुसुनिया पहाड़
सुसुनिया पहाड़ (Susunia Hill) भारत के पश्चिम बंगाल राज्य के बाँकुड़ा ज़िले में स्थित एक पहाड़ है। यह छोटा नागपुर पठार का एक भाग है। इस 448 मीटर (1,470
पहाड़ों-भीमबेटका शैलाश्रय
के दक्षिणी किनारे पर स्थित विन्ध्याचल की पहाड़ियों के निचले छोर पर हैं।; इसके दक्षिण में सतपुड़ा की पहाड़ियाँ आरम्भ हो जाती हैं। यहाँ 600 शैलाश्रय हैं
पहाड़ों-उत्तरी पहाड़ी, न्यूज़ीलैण्ड
में स्थित समुद्र स्तर से 305 मीटर (1,001 फीट) ऊँची एक पहाड़ी है। माओरी भाषा में नामांकित इस पहाड़ी को विश्व के सबसे लम्बे नाम वाले भौगोलिक स्थान के रूप
पहाड़ों-स्कैंडिनेवियाई पहाड़
स्कैंडिनेवियाई पहाड़ (Scandinavian Mountains) या स्कैंडेस (Scandes) उत्तरी यूरोप के स्कैंडिनेवियाई प्रायद्वीप पर स्थित एक पर्वतमाला है। हालांकि यह पहाड़ियाँ अधिक
पहाड़ों-झारखंड के पर्यटन स्थल
चित्रकारी के नमूने अब भी लोगों को चकित कर देते हैं। सारंडा वन : यह 700 पहाड़ों का घर और यहाँ भव्य साल वन है। सारंडा वन एशिया का सबसे बड़ा और घना वन है
पहाड़ों-पचमढ़ी के दर्शनीय स्थल
पंचमढ़ी मध्य भारत के सबसे खूबसूरत पर्यटन स्थलों में एक है। सतपुड़ा की पहाड़ियों के बीच समुद्र तल से 3550 फीट की ऊंचाई पर बसा पंचमढ़ी मध्य प्रदेश का यह
पहाड़ों-तंग घाटी
तंग घाटी पहाड़ों या चट्टानों के बीच में स्थित ऐसी घाटी होती है जिसकी चौड़ाई आम घाटी की तुलना में कम हो और जिसकी दीवारों की ढलान भी साधारण घाटियों के मुक़ाबले
पहाड़ों-ईक्वाडोर
जलवायु है जहाँ भीषण बरसात होती है। एंडियन पहाड़ी क्षेत्रों में जलवायु समशीतोष्ण और अपेक्षाकृत शुष्क है, और पहाड़ों के पूर्वी हिस्से में अमेज़ॅन बेसिन अन्य
पहाड़ों-पेत्रा
पर्यटक स्थल है। पेत्रा एक "होर" नामक पहाड़ की ढलान पर बना हुई है और पहाड़ों से घिरी हुई एक द्रोणी में स्थित है। यह पहाड़ मृत सागर से अक़ाबा की खाड़ी तक चलने
पहाड़ों-चंदेरी दुर्ग
दूरी पर स्थित है और यह बेतवा नदी के दक्षिण पश्चिम में एक पहाड़ी पर स्थित है। चंदेरी पहाड़ियों, झीलों और जंगलों से घिरा हुआ है और खंगार राजपूतों और मालवा
पहाड़ों-सोनभद्र जिला
क्षेत्रफल में हर एक लगभग 50 प्रतिशत है। पहला पठार है जो विंध्य पहाड़ियों से कैमूर पहाड़ियों तक होते हुए सोन नदी तक फैला हुआ है। यह क्षेत्र गंगा घाटी से 400
पहाड़ों-परभणी जिला
पूर्वोत्तर में स्थित पहाड़ियां अजंता पर्वतमाला का भाग हैं जो जिंतुर तहसील से होकर गुजरती है। जिले के दक्षिण में बालाघाट पर्वतमाला की पहाड़ियां हैं। समुद्र तल
पहाड़ों-हिन्दु कुश
माने जाते हैं। हिन्दु कुश का दूसरा सबसे ऊँचा पहाड़ नोशक पर्वत और तीसरा इस्तोर-ओ-नल है। हिन्दु कुश पहाड़ों की अत्यधिक ऊँचाई के बावजूद इस शृंखला में बहुत
पहाड़ों-तिरुवन्नामलई जिला
तीर्थस्थल और नगर है। यह तिरुवन्नामलई ज़िले का मुख्यालय भी है। यहाँ अन्नामलई पहाड़ों की तरई में अन्नामलईयार मन्दिर है, जो भगवान शिव का एक अतिप्रसिद्ध मन्दिर
पहाड़ों-अरावली
अवशिष्ट पर्वत का उदाहरण है, जिसकी कुल लम्बाई पालनपुर, गुजरात से रायसीना पहाड़ी, दिल्ली तक लगभग 692 किलीमीटर है। अरावली पर्वत श्रंखला का लगभग 79.49% विस्तार
पहाड़ों-गिरिडीह
और अन्य 0.07% हैं। "गिरि" का अर्थ "पहाड़" और "डीह" का अर्थ "क्षेत्र" या "भूमि" होता है। गिरिडीह का अर्थ है "पहाड़ों वाला क्षेत्र"। गिरिडीह ज़िला "Tourism
पहाड़ों-अमरावती
और चिरोडी पहाड़ियाँ शहर के पूर्व में हैं। मालटेकडी उन पहाड़ियों में से एक है, जो शहर के अंदर है। मालटेकडी की ऊंचाई लगभग 60 मीटर है और पहाड़ी की चोटी पर