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के शहरों पथरीली जमीन:
पथरीली जमीन
पथरीली जमीन-गोखरू
(Tribulus terrestris) नामक एक प्रसर वनस्पति है, जो भारत में बलुई या पथरीली जमीन में प्राय: सर्वत्र पाई जाती है। इसे छोटा गोखरू या गुड़खुल (हिंदी) और
पथरीली जमीन-अल्पाइल्स
हैं। केर्मेस ओक और पाइंस भी वहां उगते हैं। अधिकांश रेंज नंगे चट्टान या पथरीली जमीन है जो स्क्रब और माक्विस से ढकी हुई है। अल्पाइल्स में कुछ प्रोटो-ऐतिहासिक
पथरीली जमीन-टेमी चाय
अपरदन अर्थात् मिट्टी के कटाव से भी कुछ हद तक प्रभावित है और बीच बीच में पथरीली ज़मीन के टुकड़े भी हैं। भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय
पथरीली जमीन-सूरा
मदीनन सूरा इब्राहिम (अब्राहम), 52 आयतें, 7 रुकु, मक्कन सूरा अल-हिज्र (पथरीली ज़मीन, पत्थरों का नगर), 99 आयतें, 6 रुकु, मक्कन सूरा अन-नह्ल (मधुमक्खी), 128
पथरीली जमीन-गया
है। शहर का उल्लेख रामायण और महाभारत में मिलता है। गया तीन ओर से छोटी व पथरीली पहाड़ियों से घिरा है, जिनके नाम मंगला-गौरी, शृंग स्थान, रामशिला और ब्रह्मयोनि
पथरीली जमीन-नामीब मरुस्थल
1300 कि॰मी॰ है। तटों पर रेत समुद्र के अन्दर पहुँच गए है। स्थल की ओर पथरीली जमीन और बिखरे पर्वत मिलते है। यहाँ के बालू के टीले अस्थिर होते हैं। बालू के
पथरीली जमीन-मुन्त के संत ल्यॉरेन्स का आश्रम
है। यह ला मोता (La Mola) की पहाड़ी पर स्थित है जो कि ऊँचाई पर स्थित एक पथरीली पहाड़ी का तोदा है। मुन्त के संत ल्यॉरेन्स (Sant Llorenç del Munt) को बिएन
पथरीली जमीन-कॉकस
पर्यावरण मिश्रित है - पहाड़ों पर पेड़ हैं लेकिन वृक्ष रेखा के ऊपर की ज़मीन बंजर और पथरीली दिखती है। कॉकस के पहाड़ों से ओवचरका नाम की एक भेड़ों को चराने में
पथरीली जमीन-भूजल
का वैश्विक और स्थानीय वितरण सर्वत्र सामान नहीं पाया जाता। सामान्यतः पथरीली जमीन और आग्नेय चट्टानों वाले क्षेत्रों में भूजल की मात्रा कम पायी जाती है।
पथरीली जमीन-नीमरूज़ प्रान्त
नीमरूज़ प्रान्त में शुष्क-पथरीली ज़मीन पर उगने वाला 'चश्त' नामक पौधा
पथरीली जमीन-कनॉट प्लेस
प्लेस में केवल दो मंजिलें थीं, जिसने पहली मंजिल पर आवासीय स्थान के साथ जमीन पर वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों को रखने के इरादे से लगभग एक पूरा घेरा बना दिया।
पथरीली जमीन-द्वारका
बेट-द्वारका पानी के रास्ते जा सकते है। जमीन के रास्ते जाते हुए तेरह मील आगे गोपी-तालाब पड़ता है। यहां की आस-पास की जमीन पीली है। तालाब के अन्दर से भी पीला
पथरीली जमीन-धौलपुर
पूर्व में चम्बल नदी के प्रसिद्ध बीहड़ हैं तो दक्षिण-पश्चिम में अरावली की पथरीली , चट्टानी श्रृंखलाएं। धौलपुर में कई मंदिर, किले, झील और महल है जहाँ घूमा
पथरीली जमीन-चाणक्यनीति
‘आपके पास पहुंचने में हम लोगों को बहुत कष्ट हुआ। आप महाराज से कहकर यहां की जमीन को चमड़े से ढकवाने की व्यवस्था करा दें। इससे लोगों को आराम होगा।’ उसकी बात
पथरीली जमीन-प्रकाशस्तम्भ
जहाजों के चालकों या नाविकों को खतरनाक चट्टानों से आगाह करना होता है। ये पथरीली तटरेखा, खतरनाक चट्टानों व बंदरगाहों की सुरक्षित प्रवेश को सूचित करने के
पथरीली जमीन-भारतीय पुष्प
xahthocarpum) - यह एक काँटेदार पौधा है। सूखे स्थानों में अथवा कंकड़ीली पथरीली जमीन पर पाया जाता है। सफेद अथवा बैगनी रंग के फूल गरमी तथा बरसात के मौसम में
पथरीली जमीन-भोजेश्वर मन्दिर
वर्तमान भोपाल तक है। मन्दिर निर्माण में प्रयोग किया गया पत्थर भोजपुर के ही पथरीले क्षेत्रों से प्राप्त किया गया था। मन्दिर के निकट से दूर तक पत्थरों व चट्टानों
पथरीली जमीन-नेपियर
वास्तु शैली में दुबारा निर्मित किया गया। आज के नेपियर की लगभग 4000 हेक्टेयर ज़मीन पहले सागर के अंदर थी जिसे भूकंप ने समुद्र तल से ऊपर उठा दिया. हालांकि कुछ
पथरीली जमीन-हूवर बांध
कि नदी के तल में जमी, कटाव वाली मिट्टी और अन्य खुले पदार्थों को, ठोस पथरीली जमीन के मिलने तक हटाया जाए. जून 1933 में नींव खुदाई का कार्य सम्पन्न हुआ.
पथरीली जमीन-आई माता
बीघा जमीन मां जीजी को भेंट स्वरुप दी तथा रायमलजी ने वचन दिया कि मेरे वंषज जो भी राजगद्दी पर विराजमान होंगे। वो भी श्री आईमाताजी को 50 बीघा जमीन भेंट करेंगे।
पथरीली जमीन-प्रोमिथियस (फ़िल्म)
प्रोमिथियस उस बंजरनुमा जमीन पर उतरती है, पहाड़ों की बनावट कृत्रिम ढांचे समान लगने पर टीम उसके अन्वेषण करने जाती है। और वहां उन्हें कई पथरीले मर्तबान, एक विशालकाय
पथरीली जमीन-बेल्वदर (महल)
उस समय जब राजकुमार अपने बेल्वदर परियोजना के लिए वियना के बाहरी इलाके में जमीन खरीदने की योजना बना रहे थे, यह क्षेत्र पूरी तरह से अविकसित - एक प्राकृतिक
पथरीली जमीन-लंबे कान वाला उल्लू
कान वाले उल्लू माइग्रेट करने वाले आरी-मट्ठे और खलिहान उल्लुओं की तुलना में जमीन से ऊपर उड़ते हैं, लेकिन छोटे कान वाले उल्लू के रूप में ऊंचे नहीं होते हैं