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अफगानिस्तान - बल्ख़ प्रान्त -एक सूचना और प्रचार प्लेटफ़ॉर्म.
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के शहरों बल्ख़ प्रान्त:
बल्ख़ प्रान्त
बल्ख़ प्रान्त-मज़ार-ए-शरीफ़
चौथा सबसे बड़ा शहर और एक प्रसिद्ध इस्लामिक वास्तुकला का केन्द्र है। यह बल्ख़ प्रान्त की राजधानी है और पूर्व में कुंदुज़ के साथ, दक्षिण-पूर्व में काबुल, पश्चिम
बल्ख़ प्रान्त-अफ़ग़ानिस्तान के प्रांत
जाता है, मसलन हेलमंद प्रान्त का औपचारिक नाम 'विलायत-ए-हेलमंद' है। सन् २००४ में अफ़्ग़ानिस्तान में चौंतीस प्रान्त थे। हर प्रान्त की अध्यक्षता एक राज्यपाल
बल्ख़ प्रान्त-मर्व
ख़ुरासान प्रान्त की राजधानी बना। इसे अपना अड्डा बनाकर अरबों ने बल्ख़, बुख़ारा, फ़रग़ना और काश्गर को जीता और ७वीं शताब्दी में चीन में गांसू प्रान्त तक पहुँच
बल्ख़ प्रान्त-बल्ख़ प्रान्त
से मिलता है। बल्ख़ में एक अफ़्ग़ान आदमी बल्ख़ की राजधानी मज़ार-ए-शरीफ़ में प्रांतीय राज्यपाल का भवन बल्ख़ में कुछ अफ़्ग़ान बच्चे बल्ख़ में बुज़कशी का
बल्ख़ प्रान्त-बल्ख़
बल्ख़ (/ बी ɑːएल एक्स/; पश्तो और फारसी : بلخ, बाल्क ; प्राचीन ग्रीक : Βάκτρα, बाक्रा ; बैक्ट्रियन : Βάχλο, बखलो ) अफगानिस्तान के बाल्क प्रांत में एक शहर
बल्ख़ प्रान्त-शबरग़ान
प्राचीनकाल में शबरग़ान रेशम मार्ग पर स्थित एक फलता-फूलता शहर था और आज भी बल्ख़ को हेरात से जोड़ने वाले मार्ग पर यह एक बड़ा पड़ाव है। १९७८ में सोवियत संघ
बल्ख़ प्रान्त-बुख़ारा
लुशान ओक्साना चुसोवितिना यह शहर ऐतिहासिक महा-ख़ोरासान क्षेत्र में आते हैं: बल्ख़, अफ़्ग़ानिस्तान मरी, तुर्कमेनिस्तान नेशाबूर, ईरान समरक़न्द, उज़्बेकिस्तान
बल्ख़ प्रान्त-सफ़्फ़ारी राजवंश
पर हमला बोला, जिसमें पहले ज़मीनदावर, ज़ूनबील और काबुल और फिर बामियान, बल्ख़, बादग़ीस और ग़ोर शामिल थे। इन अभियानों में उसने बहुत धन लूटा और बहुत से
बल्ख़ प्रान्त-राजा बिठ्ठलदास गौड़
साथ कांधार के काजिलबाशों के विरुद्ध युद्ध में इसने यश प्राप्त किया। जीवन के अंतिम समय में यह अपने प्रान्त लौट गया और वहीं 1651 ई. में इसकी मृत्यु हुई।
बल्ख़ प्रान्त-तिरमिज़
आमू दरिया के ऊपर 'उज़्बेक-अफ़्ग़ान मित्रता पुल' बना हुआ है जो समरक़न्द को बल्ख़ से जोड़ता है और यही मार्ग दक्षिण दिशा में आगे जाकर भारतीय उपमहाद्वीप में
बल्ख़ प्रान्त-उत्तरी रेशम मार्ग
अलई वादी से होते हुए उज़बेकिस्तान के तिरमिज़ क्षेत्र और अफ़्ग़ानिस्तान के बल्ख़ क्षेत्र जाती है। दूसरी शाखा फ़रग़ना वादी में ख़ोक़न्द से होकर काराकुम रेगिस्तान
बल्ख़ प्रान्त-राजा बिठ्ठलदास गौड़
सवार का कर दिया गया और यह राजकुमार मुरादबख्श के साथ बलख और बदख्शाँ पर आक्रमण करने को नियुक्त हुआ। बलख विजय के अनंतर यह वहाँ से राजकुमार के साथ लौट आया।
बल्ख़ प्रान्त-चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य
जीता। वंग को पहचान साधारणतया पूर्वी बंगाल (प्राचीन सम्राट) तथा बाह्लीक की बल्ख (वैक्ट्रिया) से की जाती हैं, यद्यपि कुछ आश्चर्य नहीं जो वाह्लीकों की निवास
बल्ख़ प्रान्त-सालम
खाने में लसीला और फीका होता है। इसके पौधे भारत के कितने ही प्रांतों में होते हैं, पर काबुल, बलख, बुखारा आदि देशों की सालम मिस्री अच्छी होती है । इसका कंद
बल्ख़ प्रान्त-चंगेज़ ख़ान
विस्तृत हो गया। 1219-1221 के बीच कई बड़े राज्यों - ओट्रार, बुखारा, समरकंद, बल्ख़, गुरगंज, मर्व, निशापुर और हेरात - ने मंगोल सेना के सामने समर्पण कर दिया।
बल्ख़ प्रान्त-काश्गर
करगज़स्तान की सरहद के क़रीब शाहराह रेशम गुज़रती है जहां से जनूब मग़रिब की जानिब बलख और शुमाल मग़रिब की जानिब फरगाना के आसान रास्ते जाते हैं। काशगर शाहराह कराकोरम
बल्ख़ प्रान्त-बैरम खां
भी जल्दी ही मर गया। अल्प वयस्क बैरम अपने घरवालों के साथ बल्ख चला गया। हुमायूँ से मित्रता बल्ख में वह कुछ दिनों तक पढ़ता-लिखता रहा। फिर वह समवयस्क शाहज़ादा
बल्ख़ प्रान्त-भागलपुर
निर्देशांक: 25°09′N 87°01′E / 25.15°N 87.02°E / 25.15; 87.02 भागलपुर बिहार प्रान्त का एक शहर है। गंगा के तट पर बसा यह एक अत्यंत प्राचीन शहर है। पुराणों में
बल्ख़ प्रान्त-अफगानिस्तान में क्रिकेट
सक्षम करने के लिए अफगानिस्तान के प्रांतों को 5 क्रिकेट क्षेत्रों में विभाजित किया है। इस क्षेत्र में उत्तर में अमो ( बल्ख पर केंद्रित), पूर्व में स्पिन घर
बल्ख़ प्रान्त-आफताब आलम (क्रिकेट खिलाड़ी)
२०१८ में, उन्हें अफगानिस्तान प्रीमियर लीग टूर्नामेंट के पहले संस्करण में बल्ख की टीम में नामित किया गया था। जबकि अप्रैल २०१९ में, उन्हें २०१९ क्रिकेट विश्व
बल्ख़ प्रान्त-केलनसर
गांव के चौधरी लाधूराम जाखड़ शेखावाटी जाट पंचायत के प्रधान थे। हरियाणा प्रान्त में रोहतक में जाखड़ों के १९ गांव हैं जो लाडान गांव लाढ़सिंह द्वारा बसाया
बल्ख़ प्रान्त-ह्वेन त्सांग
अन्त्येष्टि देखी। वहीं उसकी मुलाकात भिक्षु धर्मसिंह से हुई। उसके बताने पर उसने बलख की यात्रा की और वहां अनेकों धर्म स्थल देखे। इनमें खास था नव विहार, या नवबहार;
बल्ख़ प्रान्त-फ़ारसी साहित्य
फारस, जो वस्तुत: ईरान के एक प्रांत का नाम है, के निवासियों ने सबसे पहले राजनीतिक उन्नति की। इस कारण लोग सबसे पहले इसी प्रांत के निवासियों के संपर्क में
बल्ख़ प्रान्त-दोस्त मुहम्मद ख़ान
वह कंधार के कब्जा से दक्षिणी अफगान जनजातियों पर नियंत्रण हासिल कर ली और बल्ख, विजय प्राप्त की। भारतीय विद्रोह के दौरान, दोस्त मोहम्मद विद्रोहियों की सहायता
बल्ख़ प्रान्त-अफगानिस्तान के शहरों की सूची
Cunningham . Gazetteer of the Peshawar District 1897-98 Page 55 अफगानिस्तान के प्रांत केन्द्रीय सांख्यिकी कार्यालय, अफगानिस्तान अफगानी शहरों के चित्र विश्व राजपत्र:
बल्ख़ प्रान्त-बंगाली मुसलमान
ने इस्लाम को अपने जीवन के तरीके के रूप में अपनाना शुरू कर दिया। सुल्तान बल्खी और शाह मखदूम रूपोस उत्तरी बंगाल में वर्तमान राजशाही डिवीजन में बस गए, वहां
बल्ख़ प्रान्त-बुज़कशी
बल्ख़ प्रांत में बुज़कशी
बल्ख़ प्रान्त-राजा बिठ्ठलदास गौड़
सवार का कर दिया गया और यह राजकुमार मुरादबख्श के साथ बलख और बदख्शाँ पर आक्रमण करने को नियुक्त हुआ। बलख विजय के अनन्तर यह वहाँ से राजकुमार के साथ लौट आया।